केजरीवाल डिफेसमेंट केस: दिल्ली अदालत ने सुनवाई 11 दिसंबर तक स्थगित की, जांच में तेजी लाने के निर्देश
दिल्ली के द्वारका में 2019 में लगे कथित अवैध होर्डिंग्स और पोस्टरों के डिफेसमेंट केस में अरविंद केजरीवाल सहित आप नेताओं के खिलाफ चल रहे मामले की सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 11 दिसंबर तक स्थगित कर दी। कोर्ट ने पुलिस को जांच तेज करने और अगली तारीख तक पूरी स्टेटस रिपोर्ट देने के सख्त निर्देश दिए।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर 2025: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर एक पुराने डिफेसमेंट (सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने) मामले में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में पुलिस को जांच में तेजी लाने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 11 दिसंबर तक स्थगित कर दी है। यह फैसला बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान आया, जहां जांच अधिकारी ने केजरीवाल की अनुपस्थिति का हवाला देकर अतिरिक्त समय की मांग की थी।
मामले का बैकग्राउंड: 2019 का द्वारका होर्डिंग विवाद यह मामला साल 2019 का है, जब दिल्ली के द्वारका इलाके में सार्वजनिक संपत्तियों—जैसे सरकारी दीवारों और होर्डिंग्स—पर कथित रूप से अवैध पोस्टर और बैनर लगाए गए थे। शिकायत के अनुसार, ये पोस्टर आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी प्रचार से जुड़े थे, जिनमें अरविंद केजरीवाल का नाम प्रमुखता से शामिल था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा और दिल्ली नगर निगम (MCD) के नियमों का उल्लंघन हुआ।इस घटना के समय केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, और मामले में आप के तत्कालीन मटियाला विधायक गुलाब सिंह, पूर्व MCD पार्षद नितिका शर्मा समेत अन्य नेता भी आरोपी बनाए गए हैं। शिकायत दिल्ली संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम (Delhi Prevention of Defacement of Property Act) के तहत दर्ज की गई थी। शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया कि ये होर्डिंग्स बिना अनुमति के लगाए गए थे, जो पर्यावरण और सौंदर्य बोध को प्रभावित कर रहे थे।मामले की शुरुआत 2019 में हुई शिकायत से हुई, लेकिन अदालती कार्रवाई में देरी के कारण यह लंबा खिंच गया। मार्च 2025 में अदालत ने इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद 28 मार्च को पुलिस ने औपचारिक रूप से केस दर्ज किया।
कोर्ट की हालिया कार्यवाही: पुलिस को फटकार और स्थगन बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) नेहा मित्तल की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि पूर्व आप विधायक गुलाब सिंह और MCD की पूर्व पार्षद नितिका शर्मा से पूछताछ पूरी हो चुकी है, लेकिन अरविंद केजरीवाल का बयान अभी तक दर्ज नहीं हो सका। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि केजरीवाल उस समय दिल्ली में मौजूद नहीं थे, इसलिए उनसे पूछताछ नहीं हो पाई।इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए पुलिस को जांच प्रक्रिया में तेजी लाने का सख्त निर्देश दिया। मजिस्ट्रेट ने कहा कि लंबित मामलों को जल्द निपटाने के लिए अतिरिक्त समय दिया जा चुका है, और अब कोई बहाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने पुलिस को 11 दिसंबर तक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट (Status Report) पेश करने का आदेश दिया है। इससे पहले 29 सितंबर की सुनवाई में भी अदालत ने पुलिस को जांच पूरी करने के लिए समय दिया था, लेकिन प्रगति धीमी रही।अक्टूबर 2025 में भी कोर्ट ने इसी मामले में पुलिस को जांच तेज करने को कहा था, और 3 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन अब स्थगन 11 दिसंबर तक हो गया है, जो दर्शाता है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
केजरीवाल की अनुपस्थिति और राजनीतिक संदर्भ अरविंद केजरीवाल इस समय कई अन्य कानूनी मामलों से जूझ रहे हैं, जिनमें दिल्ली शराब नीति घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस प्रमुख हैं। इन मामलों के कारण उनकी यात्राओं और उपस्थिति पर असर पड़ा है, जिसका हवाला देकर पुलिस ने देरी का कारण बताया। आप पार्टी ने इस केस को 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया है, जबकि विपक्षी दल भाजपा ने इसे 'कानून का राज' बताया है।केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में कोई विशेष बयान नहीं दिया, लेकिन पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि यह पुराना मामला है और जल्द सुलझ जाएगा। दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस ने कहा कि वे सभी आरोपी पक्षों से पूछताछ पूरी करने के बाद चार्जशीट दाखिल करेंगे।