टाइगर रिजर्व के लिए इलेक्ट्रिक बसों की सौगात, पर्यावरण और श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ
राजस्थान सरकार रणथंभौर और सरिस्का टाइगर रिजर्व में 80 इलेक्ट्रिक बसें चलाएगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण और श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ेगी। यह पहल प्रदूषण कम करेगी और वन्यजीवों के लिए बेहतर होगी।

राजस्थान सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब प्रदेश के दो प्रमुख टाइगर रिजर्व, रणथंभौर और सरिस्का, में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होने जा रहा है। इस जिम्मेदारी को राजस्थान रोडवेज को सौंपा गया है, जो अनुबंध के आधार पर 80 इलेक्ट्रिक बसें संचालित करेगा। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा।
त्रिनेत्र गणेश और पांडुपोल मंदिर तक आसान पहुंच
रणथंभौर के प्रसिद्ध त्रिनेत्र गणेश मंदिर और सरिस्का के ऐतिहासिक पांडुपोल मंदिर तक पहुंचने के लिए अब श्रद्धालुओं को इलेक्ट्रिक बसों की सुविधा मिलेगी। लंबे समय से श्रद्धालु जंगल क्षेत्रों में डीजल और पेट्रोल वाहनों के बजाय पर्यावरण-अनुकूल परिवहन की मांग कर रहे थे। इस पहल से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को भी संरक्षित करने में मदद मिलेगी। रोडवेज ने इस प्रोजेक्ट के लिए 40 बसें रणथंभौर और 40 बसें सरिस्का टाइगर रिजर्व के लिए अनुबंध पर लेने के लिए टेंडर जारी किए हैं।
पर्यावरण संरक्षण के साथ बेहतर पर्यटन अनुभव
पर्यावरणविदों का मानना है कि जंगल क्षेत्रों में डीजल और पेट्रोल वाहनों के उपयोग से ध्वनि और वायु प्रदूषण बढ़ता है, जो बाघों और अन्य वन्यजीवों के लिए हानिकारक है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से यह समस्या काफी हद तक कम होगी। यह पहल केंद्र सरकार की ‘ग्रीन मोबिलिटी’ नीति के अनुरूप भी है, जो पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देती है। रणथंभौर और सरिस्का, जहां हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं, वहां यह सुविधा पर्यटन अनुभव को और बेहतर बनाएगी।
अनुबंध आधारित संचालन, रोडवेज को नई जिम्मेदारी
इन इलेक्ट्रिक बसों का संचालन पूरी तरह अनुबंध आधारित होगा, जिससे रखरखाव और परिचालन की जिम्मेदारी ऑपरेटर कंपनियों पर रहेगी। अब तक श्रद्धालु निजी वाहनों या डीजल बसों के माध्यम से मंदिरों तक पहुंचते थे, जिससे भीड़भाड़ और प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती थी। इलेक्ट्रिक बसों के शुरू होने से यात्रियों को सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही, राजस्थान रोडवेज को पहली बार टाइगर रिजर्व के भीतर बस संचालन की जिम्मेदारी मिली है, जिससे न केवल उसकी सेवाओं का विस्तार होगा, बल्कि अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त होगा।
राजस्थान बनेगा पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन का केंद्र
यह पहल राजस्थान को पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन की दिशा में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। रणथंभौर और सरिस्का जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को भी मजबूती देगा। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक नई शुरुआत है, जो राजस्थान के पर्यटन को और आकर्षक बनाएगा।