एयर इंडिया प्लेन क्रैश के बाद DGCA का सख्त कदम: बोइंग 787 विमानों की सुरक्षा जांच में बड़ा बदलाव

अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान हादसे (265 मृत) के बाद DGCA ने सख्त कदम उठाते हुए एयर इंडिया को 15 जून 2025 से सभी बोइंग 787-8/9 विमानों की उड़ान से पहले विशेष सुरक्षा जांच करने का आदेश दिया। जांच में फ्यूल सिस्टम, केबिन एयर कंप्रेसर, इंजन, हाइड्रोलिक सिस्टम और फ्लाइट कंट्रोल की गहन जांच शामिल है। बार-बार होने वाली खराबियों का समाधान और रिपोर्ट प्रस्तुत करना भी अनिवार्य है।

Jun 14, 2025 - 08:28
एयर इंडिया प्लेन क्रैश के बाद DGCA का सख्त कदम: बोइंग 787 विमानों की सुरक्षा जांच में बड़ा बदलाव

अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान AI-171 के भयावह हादसे के बाद, जिसमें 265 लोगों की जान चली गई, भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के सभी बोइंग 787-8 और 787-9 ड्रीमलाइनर विमानों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। इस हादसे ने न केवल देश को झकझोर दिया, बल्कि विमानन सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े किए। DGCA ने इस हादसे से सबक लेते हुए तत्काल प्रभाव से एयर इंडिया को अपने बोइंग फ्लीट की सुरक्षा जांच को और सख्त करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश विशेष रूप से जेनएक्स (GEnx) इंजनों से लैस बोइंग 787-8/9 विमानों के लिए लागू किया गया है। आइए, इस आदेश की विस्तृत जानकारी और इसके महत्व को समझते हैं।

DGCA के नए सुरक्षा निर्देश: हर उड़ान से पहले होगी विशेष जांच

DGCA ने 13 जून 2025 को एक पत्र जारी कर एयर इंडिया को 15 जून 2025 की मध्यरात्रि (00:00 बजे) से लागू होने वाली विशेष जांच प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया। इस आदेश के तहत, भारत से उड़ान भरने वाले सभी बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों को उड़ान से पहले एक बार की विशेष तकनीकी जांच से गुजरना होगा। यह जांच विमान के विभिन्न महत्वपूर्ण तकनीकी हिस्सों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।

फ्यूल सिस्टम की जांच:

विमान में ईंधन की मात्रा, दबाव, प्रवाह, गुणवत्ता और तापमान जैसे पैरामीटर्स की गहन जांच अनिवार्य होगी।

ईंधन से संबंधित सभी सिस्टम्स, जैसे सेंसर और पंप, की कार्यक्षमता का परीक्षण किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो कि ईंधन आपूर्ति में कोई खराबी नहीं है।

केबिन एयर कंप्रेसर सिस्टम:

केबिन और कॉकपिट में हवा की आपूर्ति, दबाव और तापमान को नियंत्रित करने वाले केबिन एयर कंप्रेसर की जांच की जाएगी।

इस सिस्टम से जुड़े सभी उपकरणों की कार्यक्षमता को परखा जाएगा ताकि यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल सिस्टम:

इंजन के इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल सिस्टम का टेस्ट अनिवार्य होगा। इसमें सेंसर की सटीकता, सिस्टम की कार्यक्षमता और पावर सप्लाई की जांच शामिल है।

यह सुनिश्चित करेगा कि इंजन के संचालन में कोई तकनीकी खराबी न हो।

इंजन फ्यूल ड्रिवेन एक्ट्यूएटर:

इंजन में ईंधन प्रवाह को नियंत्रित करने वाले एक्ट्यूएटर की कार्यक्षमता और ईंधन दबाव की जांच होगी।

यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक्ट्यूएटर सही ढंग से काम कर रहा है और उड़ान के दौरान ईंधन आपूर्ति सुचारु है।

हाइड्रोलिक सिस्टम की जांच:

विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम की सर्विसेबिलिटी की जांच की जाएगी, जो विमान के विभिन्न हिस्सों, जैसे लैंडिंग गियर और फ्लैप्स, को नियंत्रित करता है।

यह जांच यह सुनिश्चित करेगी कि हाइड्रोलिक सिस्टम पूरी तरह कार्यशील है।

टेकऑफ पैरामीटर्स की समीक्षा:

उड़ान से पहले टेकऑफ से संबंधित सभी पैरामीटर्स, जैसे गति, दबाव और कॉन्फिगरेशन, की गहन समीक्षा की जाएगी।

यह सुनिश्चित करेगा कि विमान टेकऑफ के लिए पूरी तरह तैयार है।

ट्रांजिट जांच में ‘फ्लाइट कंट्रोल इंस्पेक्शन’:

DGCA ने एयर इंडिया को अगली सूचना तक ट्रांजिट जांच में ‘फ्लाइट कंट्रोल इंस्पेक्शन’ को शामिल करने का निर्देश दिया है। इस जांच में फ्लाइट को नियंत्रित करने वाले सभी पुर्जों, जैसे एलिवेटर, रडर और एयलरॉन, की कार्यक्षमता की जांच की जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि विमान का नियंत्रण सिस्टम पूरी तरह से सही है और उड़ान के दौरान कोई जोखिम नहीं है।

पावर एश्योरेंस चेक और बार-बार होने वाली खराबियों का समाधान:

DGCA ने एयर इंडिया को अगले दो सप्ताह के भीतर सभी बोइंग 787-8/9 विमानों पर पावर एश्योरेंस चेक करने का आदेश दिया है। यह चेक इंजन और अन्य महत्वपूर्ण सिस्टम्स की कार्यक्षमता को सुनिश्चित करेगा।

इसके अलावा, पिछले 15 दिनों में विमानों में बार-बार होने वाली तकनीकी खराबियों की समीक्षा के आधार पर मेंटेनेंस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश:

एयर इंडिया को सभी जांचों की विस्तृत रिपोर्ट DGCA को समीक्षा के लिए प्रस्तुत करनी होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी विमान निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं।

अहमदाबाद हादसे का पृष्ठभूमि:

12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की उड़ान AI-171, जो बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेहमानीनगर क्षेत्र में बीजे मेडिकल कॉलेज और सिविल हॉस्पिटल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित कुल 265 लोगों की जान चली गई। केवल एक यात्री, जो ब्रिटिश मूल का भारतीय था, चमत्कारिक रूप से बच गया। हादसे ने न केवल एयर इंडिया और बोइंग की सुरक्षा प्रणालियों पर सवाल उठाए, बल्कि विमानन उद्योग में सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

DGCA का उद्देश्य: यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना

DGCA का यह कदम एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। आदेश में कहा गया है कि ये जांचें क्षेत्रीय DGCA कार्यालयों के समन्वय में की जाएंगी, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी बोइंग 787 विमान पूरी तरह सुरक्षित हैं। GE Aerospace, जो जेनएक्स इंजनों का निर्माता है, ने भी DGCA के इस कदम का समर्थन किया है और कहा है कि वे हादसे की जांच में पूर्ण तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे।

टाटा ग्रुप और एयर इंडिया की प्रतिक्रिया:

टाटा ग्रुप और एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस हादसे को टाटा समूह के इतिहास का सबसे दुखद दिन बताया। उन्होंने वादा किया कि हादसे की जांच में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाएगी और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। एयर इंडिया ने पीड़ित परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये के मुआवजे की घोषणा की है और एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर (1800 5691 444 और +91 8062779200) जारी किया है।

सुरक्षा के प्रति गंभीर कदम

DGCA का यह आदेश विमानन सुरक्षा के प्रति भारत की गंभीरता को दर्शाता है। अहमदाबाद हादसे ने एक बार फिर यह साबित किया है कि विमानन उद्योग में सुरक्षा को कभी भी हल्के में नहीं लिया जा सकता। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जो अपनी विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है, के इस पहले बड़े हादसे ने वैश्विक स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। DGCA के इन सख्त निर्देशों से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकेगा और यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।