दमोह झरने में पिकनिक के दौरान एयरफोर्स जवान की डूबने से मौत....

धौलपुर के दमोह झरने पर पिकनिक के दौरान ग्वालियर से आए भारतीय वायुसेना के जवान लक्ष्मी प्रसाद की पानी में डूबने से मौत हो गई। हादसे के बाद अन्य जवान बिना सूचना दिए चले गए, जिससे सवाल उठ रहे हैं। पुलिस जांच कर रही है, और परिवार में शोक की लहर है।

Aug 21, 2025 - 17:02
दमोह झरने में पिकनिक के दौरान एयरफोर्स जवान की डूबने से मौत....

धौलपुर, राजस्थान: ग्वालियर से कुछ भारतीय वायुसेना के जवान राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित दमोह झरने पर पिकनिक मनाने आए थे। इस दौरान एक दुखद हादसे में एक जवान की पानी में डूबने से मौत हो गई। मृतक जवान की पहचान तेलंगाना के आदिलाबाद जिले के तारोड़ा गांव निवासी लक्ष्मी प्रसाद के रूप में हुई है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और वायुसेना के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि हादसे के बाद अन्य जवान बिना किसी को सूचित किए मौके से चले गए।

क्या हुआ था उस दिन? 

जानकारी के अनुसार, ग्वालियर में तैनात भारतीय वायुसेना के कुछ जवान छुट्टी के दिन धौलपुर के दमोह झरने पर पिकनिक के लिए पहुंचे थे। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, और गर्मियों में लोग अक्सर यहां नहाने और समय बिताने आते हैं। दोपहर के समय, जवान झरने के पास नहाने के लिए पानी में उतरे। इसी दौरान लक्ष्मी प्रसाद गहरे पानी में चले गए और डूब गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पानी का तेज बहाव और गहराई इस हादसे का कारण बनी। हैरानी की बात यह है कि इस हादसे के बाद मौके पर मौजूद अन्य जवान तुरंत मदद मांगने या स्थानीय प्रशासन को सूचित करने के बजाय वहां से चले गए। स्थानीय लोगों ने जब लक्ष्मी प्रसाद को पानी में नहीं देखा, तो उन्होंने पुलिस और स्थानीय प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसमें गोताखोरों और पुलिस की मदद से लक्ष्मी प्रसाद का शव बरामद किया गया।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

धौलपुर पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि दमोह झरना क्षेत्र कुछ हिस्सों में खतरनाक है, और वहां नहाने के लिए सावधानी बरतने की चेतावनी पहले से दी गई थी। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि लक्ष्मी प्रसाद के साथ मौके पर कितने जवान थे और वे बिना सूचना दिए क्यों चले गए। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस घटना में कोई लापरवाही बरती गई।

परिवार और स्थानीय लोगों में आक्रोश 

लक्ष्मी प्रसाद के परिवार को जब इस हादसे की सूचना मिली, तो उनके घर में मातम छा गया। तेलंगाना के तारोड़ा गांव में उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार ने वायुसेना और साथी जवानों के रवैये पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते सूचना दी गई होती, तो शायद लक्ष्मी प्रसाद को बचाया जा सकता था। स्थानीय लोगों ने भी इस बात पर नाराजगी जताई कि जवानों ने न तो मदद मांगी और न ही प्रशासन को सूचित किया।

वायुसेना की प्रतिक्रिया का इंतजार 

भारतीय वायुसेना ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि लक्ष्मी प्रसाद और उनके साथी जवान आधिकारिक छुट्टी पर थे या निजी तौर पर पिकनिक के लिए गए थे। वायुसेना से इस मामले में जवानों की जवाबदेही और घटना की पूरी जानकारी की उम्मीद की जा रही है।

दमोह झरने पर पहले भी हो चुके हैं हादसे 

दमोह झरना और धौलपुर के अन्य जलप्रपात क्षेत्रों में पहले भी डूबने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 2019 में चंबल और पार्वती नदी में एक ही दिन में कई हादसे हुए थे, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। स्थानीय प्रशासन ने इन क्षेत्रों को खतरनाक घोषित किया है, लेकिन पर्यटकों और स्थानीय लोगों द्वारा इन चेतावनियों की अनदेखी के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।

सुरक्षा के लिए सुझाव और चेतावनी

इस घटना ने एक बार फिर जलाशयों और झरनों के पास सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे खतरनाक जलाशयों में नहाने से बचें और चेतावनी बोर्डों का पालन करें। साथ ही, यह भी सुझाव दिया गया है कि ऐसे स्थानों पर तैराकी के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती और रेस्क्यू उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाई जाए।

लक्ष्मी प्रसाद की इस दुखद मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को गहरा सदमा दिया है, बल्कि यह भी सवाल उठाया है कि आपात स्थिति में जवानों की जिम्मेदारी और जवाबदेही क्या होनी चाहिए। इस घटना की गहन जांच और सख्त कार्रवाई की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।