राजस्थान: सीएम के गृह जिले में दलित महिला SDM के साथ बदसलूकी, जूली और सांसद संजना ने उठाई आवाज

टोंक में दलित महिला एसडीएम के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की बदसलूकी, 5 नवंबर को एफआईआर के बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं; जूली और संजना ने की कार्रवाई की मांग

Nov 9, 2025 - 16:12
राजस्थान: सीएम के गृह जिले में दलित महिला SDM के साथ बदसलूकी, जूली और सांसद संजना ने उठाई आवाज

भरतपुर, 9 नवंबर 2025: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले टोंक में एक दलित महिला उपखंड मजिस्ट्रेट (SDM) के साथ कथित बदसलूकी का मामला सुर्खियों में है। भाजपा कार्यकर्ताओं पर SDM के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है, जिसके बाद 5 नवंबर को FIR दर्ज कराई गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस घटना ने दलित समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है। विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और भरतपुर की सांसद संजना जाटव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे दलित अधिकारियों के साथ भेदभाव का प्रतीक बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

घटना का पूरा विवरण: क्या हुआ था? मामला टोंक जिले के देवली-उनियारा उपखंड का है, जो सीएम भजनलाल शर्मा का पैतृक जिला है। 5 नवंबर को एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने SDM  के साथ कथित तौर पर बदसलूकी की। आरोप है कि कार्यकर्ता SDM के आदेशों का पालन नहीं कर रहे थे और विवाद इतना बढ़ गया कि SDM को थप्पड़ मार दिया गया। यह घटना 'नरेश मीणा SDM थप्पड़ कांड' के नाम से चर्चित हो गई है।कार्यक्रम का संदर्भ: राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूर्ण होने पर जिला स्तरीय समारोह आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के बाद भाजपा पदाधिकारियों ने SDM के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ने पर जिला कलेक्टर और एसपी को बीच-बचाव करना पड़ा। 

FIR का स्टेटस: SDM ने तुरंत स्थानीय थाने में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज कराई, जिसमें IPC की धाराओं 323 (मारपीट), 504 (अपमानजनक कार्य) और 506 (धमकी) के तहत केस दर्ज हुआ। लेकिन चार दिन बीतने के बावजूद आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए। पीड़ित SDM ने कहा, "मैंने अपना कर्तव्य निभाया, लेकिन जातिगत भेदभाव के कारण न्याय नहीं मिल रहा।"

दलित एंगल: SDM नरेश मीणा दलित समुदाय से हैं, जिसके कारण विपक्ष इसे 'जातीय उत्पीड़न' का मामला बता रहा है। स्थानीय दलित संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन छेड़ा जाएगा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: जूली और संजना का एंट्रीइस घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इसे 'भाजपा सरकार का फेल्योर' बताते हुए कहा, "राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर ध्वस्त हो चुका है। सीएम के गृह जिले में दलित अधिकारी को न्याय न मिलना पूरे दलित समाज के लिए चिंताजनक है।" जूली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की, जिसमें वीडियो क्लिप और FIR कॉपी अटैच थी। उन्होंने सरकार से निष्पक्ष जांच और आरोपीयों की गिरफ्तारी की मांग की।भरतपुर से कांग्रेस सांसद संजना जाटव, जो खुद दलित समुदाय से हैं, ने भी SDM के समर्थन में उतरते हुए लिखा: "एक महिला दलित अधिकारी के साथ बदसलूकी और फिर न्याय का अभाव—यह भाजपा की मानसिकता दर्शाता है। अगर CM के जिले में ऐसा हो रहा है, तो बाकी राजस्थान का क्या हाल होगा? तत्काल कार्रवाई हो, वरना हम सड़कों पर उतरेंगे।" संजना ने अपने पोस्ट में #JusticeForDalitSDM हैशटैग इस्तेमाल किया, जो तेजी से वायरल हो रहा है।

कांग्रेस की रणनीति: जूली ने उदयपुर प्रवास के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, "ऐसी घटनाएं पहली नहीं हैं। सरकार का इकबाल खत्म हो रहा है। उपचुनावों में जनता जवाब देगी।" पार्टी ने राज्य स्तर पर दलित मुद्दे को उछालने की तैयारी की है। 

भाजपा का पक्ष:

जिला भाजपा नेताओं ने आरोपों को 'राजनीतिक साजिश' बताया। एक स्थानीय नेता ने कहा, "कार्यक्रम में मामूली विवाद था, SDM ने अतिरिक्त सख्ती दिखाई। जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी।" लेकिन पार्टी हाईकमान ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।