कोटा में 11वीं कक्षा की छात्रा ने पंखे से लटककर की आत्महत्या, माँ की मृत्यु के बाद थी डिप्रेशन में

कोटा के आरके पुरम थाना क्षेत्र में 11वीं कक्षा की एक मेधावी छात्रा ने अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। छात्रा, जिसने हाल ही में प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की थी, अपनी माँ की मृत्यु के बाद से डिप्रेशन में थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू की है, लेकिन अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और छात्रों पर पढ़ाई के दबाव जैसे मुद्दों को फिर से उजागर करती है।

May 17, 2025 - 12:57
कोटा में 11वीं कक्षा की छात्रा ने पंखे से लटककर की आत्महत्या, माँ की मृत्यु के बाद थी डिप्रेशन में

कोटा, राजस्थान: कोटा के आरके पुरम थाना क्षेत्र में एक दुखद घटना में 11वीं कक्षा की एक छात्रा ने अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार, छात्रा अपनी माँ की मृत्यु के बाद से डिप्रेशन में थी, जिसका उसकी मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा था। इस घटना ने न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ा दी है।

मृतक छात्रा, जिसका नाम गुल मोहम्मद के रूप में सामने आया है, एक मेधावी छात्रा थी। उसने हाल ही में अपनी परीक्षा में प्रथम श्रेणी (फर्स्ट डिवीजन) प्राप्त की थी। परिवार वालों के अनुसार, माँ की मृत्यु ने उसे गहरे सदमे में डाल दिया था, जिसके बाद वह अक्सर उदास और चुप रहने लगी थी। घटना के दिन परिवार के अन्य सदस्य घर से बाहर थे। जब वे लौटे, तो उन्होंने छात्रा को पंखे से लटका हुआ पाया। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, और आरके पुरम थाना पुलिस ने मौके पर पहुँचकर शव को उतारा और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।


आरके पुरम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना की विस्तृत जाँच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। फिर भी, परिवार वालों, पड़ोसियों और सहपाठियों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या डिप्रेशन के अलावा कोई अन्य कारण, जैसे पढ़ाई का दबाव या पारिवारिक समस्या, इस घटना के पीछे था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम सभी पहलुओं से जाँच कर रहे हैं। यह एक दुखद घटना है, और हम जल्द ही इसके मुख्य कारण तक पहुँचने की कोशिश करेंगे।”

कोटा, जो देश का शिक्षा केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है, अक्सर छात्रों पर पढ़ाई के दबाव के लिए भी चर्चा में रहता है। यहाँ हर साल लाखों छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। लेकिन प्रतिस्पर्धा, परिवार से दूरी, और सफलता का दबाव कई बार छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इस घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और छात्रों के कल्याण के मुद्दे को सामने लाया है।


छात्रा के परिवार और पड़ोसी इस घटना से पूरी तरह टूट चुके हैं। एक पड़ोसी ने बताया, “वह बहुत शांत और पढ़ने वाली लड़की थी। हमें कभी नहीं लगा कि वह ऐसा कदम उठा सकती है।” 

यह घटना हम सभी के लिए एक सबक है कि अपने आसपास के लोगों, खासकर युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन या उदासी के लक्षण दिखा रहा है, तो उसकी बात सुनना, उसे समर्थन देना और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेना महत्वपूर्ण है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हेल्पलाइन जैसे वंद्रेवाला फाउंडेशन (1860-266-2345) या आसरा (022-27546669) इस तरह की स्थिति में सहायता प्रदान कर सकती हैं।


पुलिस ने आम जनता से इस मामले में कोई भी जानकारी होने पर संपर्क करने की अपील की है। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए विचार करने का विषय है कि हम अपने बच्चों को कैसा माहौल और समर्थन दे रहे हैं।

यह दुखद घटना हमें याद दिलाती है कि सफलता के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ