कोटगेट पुलिस थाने का मामला: हिस्ट्रीशीटर आवेश खान की गिरफ्तारी से बचने की कोशिश नाकाम, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

बीकानेर के हिस्ट्रीशीटर आवेश खान ने रोहित गोदारा गैंग से जुड़े संगठित अपराध के मुकदमे में गिरफ्तारी से बचने के लिए जोधपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने याचिका को अनुचित मानते हुए खारिज कर दी और आवेश खान पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

Nov 25, 2025 - 16:01
कोटगेट पुलिस थाने का मामला: हिस्ट्रीशीटर आवेश खान की गिरफ्तारी से बचने की कोशिश नाकाम, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

बीकानेर, 25 नवंबर 2025: राजस्थान के बीकानेर शहर में कोटगेट पुलिस थाने के एक गंभीर मामले ने हलचल मचा रखी है। हिस्ट्रीशीटर आवेश खान, जो गंभीर अपराधों का लंबा इतिहास रखता है, ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे से बचने के लिए जोधपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन कोर्ट ने उसकी इस कोशिश को सिरे से खारिज करते हुए न केवल याचिका को अनुचित ठहराया, बल्कि उसे 50 हजार रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया। यह फैसला न केवल अपराधियों के लिए एक कड़ी चेतावनी है, बल्कि कानूनी प्रक्रिया में देरी करने वाली रणनीतियों पर भी ब्रेक लगाने वाला साबित हो रहा है।

मामले की पृष्ठभूमि और मुकदमे का विवरण;  यह मामला 14 अक्टूबर 2025 को तब शुरू हुआ जब कोटगेट पुलिस थाने में एक गंभीर एफआईआर दर्ज की गई। आरोपी आवेश खान, जो गंगा शहर रोड पर छींपों का मोहल्ला क्षेत्र का निवासी है, पर संगठित अपराध का आरोप लगाया गया। पुलिस के अनुसार, आवेश खान कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा के गैंग से जुड़ा हुआ है। रोहित गोदारा गैंग राजस्थान और हरियाणा में हत्या, जबरन वसूली और अन्य संगठित अपराधों के लिए कुख्यात है। इस मुकदमे में आवेश पर गैंग के सदस्य के रूप में सक्रिय भूमिका निभाने का आरोप है, जो महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) जैसे कठोर कानूनों के दायरे में आ सकता है।पुलिस ने जांच के दौरान आवेश के आपराधिक इतिहास का भी खुलासा किया। हिस्ट्रीशीटर के रूप में चिह्नित आवेश के खिलाफ पहले से ही कई मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें हत्या के प्रयास, अवैध हथियार रखना और गुंडागर्दी जैसे अपराध शामिल हैं। 14 अक्टूबर को दर्ज इस एफआईआर ने उसे फिर से लाइमलाइट में ला दिया। कोटगेट थाने की टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और आवेश की तलाश तेज कर दी। लेकिन आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया।

हाईकोर्ट में याचिका और सुनवाई का विवरण;  आवेश खान ने मुकदमे को चुनौती देने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए जोधपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उसके वकील ने दलीलें दीं कि मुकदमा राजनीतिक साजिश का हिस्सा है और सबूत कमजोर हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि आवेश निर्दोष है और पुलिस की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पुलिस के पक्ष को सुना, जिसमें गैंग से जुड़े ठोस सबूत पेश किए गए, जैसे गवाहों के बयान, कॉल रिकॉर्ड और अन्य डिजिटल साक्ष्य।जोधपुर हाईकोर्ट की बेंच ने आवेश की याचिका को गहनता से परखा। जज ने इसे "अनुचित और प्रक्रिया का दुरुपयोग" करार दिया। कोर्ट के अनुसार, आरोपी ने बिना ठोस आधार के याचिका दायर कर जांच एजेंसियों को लटकाने की कोशिश की, जो कानूनी व्यवस्था के लिए घातक है। सुनवाई के अंत में याचिका खारिज कर दी गई और आवेश को 50 हजार रुपये का जुर्माना चुकाने का आदेश दिया गया। यह जुर्माना कोर्ट की फीस और कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए वसूला जाएगा। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आवेश को तुरंत सरेंडर करना चाहिए, वरना कोर्ट गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है।

आवेश खान का आपराधिक इतिहास: एक नजर आवेश खान का नाम बीकानेर के अपराधी जगत में कोई नई बात नहीं है। पिछले कई वर्षों से वह पुलिस की रडार पर है। उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों की सूची लंबी है:हत्या के प्रयास: 2018 में एक गुटबाजी में शामिल। अवैध हथियार: 2020 में पकड़े गए हथियारों का मामला। वसूली और धमकी: स्थानीय व्यापारियों से जबरन वसूली के कई केस। गैंग एक्टिविटी: रोहित गोदारा गैंग के साथ कनेक्शन, जो अंतरराज्यीय अपराधों में लिप्त है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रोहित गोदारा गैंग ने हाल के वर्षों में बीकानेर और आसपास के इलाकों में कई सनसनीखेज वारदातें की हैं, जिनमें हत्याएं और संपत्ति विवाद शामिल हैं। आवेश का इस गैंग से जुड़ाव बीकानेर पुलिस के लिए लंबे समय से चुनौती रहा है। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद आवेश पर MCOCA लगाने की संभावना मजबूत हो गई है, जो न्यूनतम 5 साल की सजा सुनिश्चित करता है।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया;  कोटगेट थाने के एसएचओ ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, "हाईकोर्ट का यह फैसला अपराधियों को संदेश देता है कि कानून से बचना आसान नहीं। हम आवेश को जल्द गिरफ्तार करेंगे और गैंग के नेटवर्क को उजागर करेंगे।" बीकानेर पुलिस ने शहर में गैंग एक्टिविटी पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। स्थानीय निवासियों ने भी राहत की सांस ली है, क्योंकि छींपों का मोहल्ला इलाका लंबे समय से अपराध का केंद्र रहा है।