बाड़मेर में आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली ने मचाई तबाही: घरों की छतें उड़ीं, पशुधन को नुकसान, जनजीवन अस्त-व्यस्त
बाड़मेर में 4 मई 2025 की रात आए तेज आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली ने भारी तबाही मचाई। कई गांवों में घरों की छतें उड़ गईं, पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, और पशुधन को भारी नुकसान हुआ। बिजली और यातायात व्यवस्था ठप रही, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। जिला प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किए हैं, लेकिन ग्रामीणों में मुआवजे की मांग और प्रशासन की तैयारियों को लेकर नाराजगी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में हल्की बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी है।

बाड़मेर में आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली ने मचाई तबाही: घरों की छतें उड़ीं, पशुधन को नुकसान, जनजीवन अस्त-व्यस्त
बाड़मेर, 5 मई 2025: बीती रात बाड़मेर के ग्रामीण क्षेत्रों में आए तेज आंधी-तूफान, बारिश और आकाशीय बिजली ने भारी तबाही मचाई, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया। कई गांवों में घरों की छतें उड़ गईं, पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, और आकाशीय बिजली की चपेट में आने से किसानों के पशुधन को भारी नुकसान हुआ। इस प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को खुले आसमान के नीचे ला दिया, जबकि बिजली और यातायात व्यवस्था भी ठप रही।
तूफान और बारिश का कहर
स्थानीय लोगों और मौसम विभाग के अनुसार, 4 मई की देर रात करीब 10 बजे शुरू हुआ तूफान 50-60 किमी/घंटे की रफ्तार से चला। तेज हवाओं के साथ धूल भरी आंधी और कुछ इलाकों में हल्की बारिश ने स्थिति को और बदतर बना दिया। कई गांवों में कच्चे और पक्के मकानों की छतें उड़ गईं। कुछ घरों के टीन शेड और दीवारें तक ढह गईं, जिससे परिवार रातभर खुले में रहने को मजबूर हुए।
उदाहरण के लिए, कगाउ गांव की रबारियों की ढाणी में जेठाराम मेघवाल का कच्चा मकान पूरी तरह ढह गया। इस हादसे में उनकी 10 बोरी जीरे की फसल भी बारिश और मलबे में खराब हो गई। इसी तरह, बायतु और सिणधरी क्षेत्रों में कई घरों के छप्पर उड़ गए, जिससे लोग अपनी जान बचाने के लिए रात में इधर-उधर भागते नजर आए।
आकाशीय बिजली से पशुधन को नुकसान
आंधी-तूफान के साथ आकाशीय बिजली ने भी किसानों के लिए मुसीबत खड़ी की। कई गांवों में बिजली गिरने से पशुओं की मौत की खबरें सामने आई हैं। सिवाना और बाड़मेर ब्लॉक के कुछ गांवों में किसानों ने बताया कि उनकी बकरियां, भेड़ें और गायें बिजली की चपेट में आकर मर गईं। एक किसान, रामाराम विश्नोई ने बताया, “मेरी चार बकरियां और दो भेड़ें बिजली गिरने से मर गईं। ये मेरी आजीविका का मुख्य साधन थे। अब परिवार का गुजारा कैसे होगा?”
पेड़ और बिजली के खंभे गिरे, व्यवस्था ठप
तूफान की वजह से कई जगहों पर पुराने पेड़ जड़ से उखड़कर सड़कों पर गिर गए, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित रहा। बिजली के खंभे और तार टूटने से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। बायतु, सिणधरी, और धोरीमन्ना जैसे क्षेत्रों में लोग अंधेरे में रात बिताने को मजबूर हुए। कुछ जगहों पर बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया, जिससे आवागमन और मुश्किल हो गया।
प्रशासन का राहत कार्य शुरू
जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। जिला कलेक्टर ने बताया कि नुकसान का आकलन करने के लिए टीमें गठित की गई हैं और प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान की जा रही है। बिजली विभाग की टीमें भी आपूर्ति बहाल करने में जुटी हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में मरम्मत कार्य में समय लग सकता है। प्रशासन ने अस्थायी आश्रय और खाद्य सामग्री वितरण की व्यवस्था शुरू की है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश और मुआवजे की मांग
प्रभावित ग्रामीणों में प्रशासन की तैयारियों को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। कई लोगों का कहना है कि मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। पीड़ित परिवारों ने सरकार से तत्काल मुआवजे और पुनर्वास की मांग की है। एक स्थानीय निवासी, भंवरलाल ने कहा, “हमारा पूरा घर उजड़ गया। रात को बच्चे और बुजुर्ग खुले में ठंड में रहे। सरकार को जल्दी मदद करनी चाहिए।”
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में बाड़मेर और आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश और तेज हवाओं की संभावना जताई है। विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और खुले स्थानों पर न जाने की सलाह दी है। प्रशासन ने भी ग्रामीणों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और बिजली के खंभों या पेड़ों के नीचे न खड़े होने की अपील की है।
आगे की चुनौतियां
इस तूफान ने बाड़मेर के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहे किसानों और गरीब परिवारों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। पशुधन और फसलों के नुकसान ने उनकी आजीविका पर गहरा अस...