बाड़मेर जिले में दिवाली की रौनक: 10 करोड़ के पटाखों की गूंज से गूंजा रेगिस्तानी इलाका, बच्चों का उत्साह चरम पर
बाड़मेर जिले में इस दिवाली पर करीब 10 करोड़ रुपये के पटाखों ने रेगिस्तानी इलाके को रौनकमय बना दिया। बच्चों के उत्साह से भरा यह पर्व ग्रीन पटाखों के चलन और सुरक्षा उपायों के बीच मनाया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी जुड़ा। स्थानीय
बाड़मेर, 22 अक्टूबर 2025: राजस्थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में इस दिवाली का नजारा कुछ खास ही रहा। जहां एक ओर पर्यावरण संरक्षण की अपील के बीच ग्रीन पटाखों का चलन बढ़ा, वहीं जिले भर में फूटे करीब 10 करोड़ रुपये के पटाखों ने आकाश को रंग-बिरंगी रोशनी से नहला दिया। बच्चों के चेहरों पर चमकते उत्साह और परिवारों की हंसी-खुशी ने इस पर्व को यादगार बना दिया। आदर्श स्टेडियम से लेकर गांवों की गलियों तक, पटाखों की धमक ने रेत के टीले भी थिरकने पर मजबूर कर दिए।दिवाली की रात, जो 20 अक्टूबर को मनाई गई, बाड़मेर शहर और उसके आसपास के इलाकों में एक अनोखा उत्सव सा छा गया। स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, इस बार पटाखों की बिक्री पिछले साल से 30 प्रतिशत अधिक रही। आदर्श स्टेडियम में लगी अस्थायी दुकानों पर धनतेरस से ही भीड़ उमड़ने लगी थी, जहां फुलझड़ियां, अनार, रॉकेट और स्काई शॉट जैसे विविध प्रकार के पटाखों की भरमार रही। अनुमानित रूप से 10 करोड़ रुपये मूल्य के पटाखों का उपयोग हुआ, जिसमें से 70 प्रतिशत ग्रीन पटाखे थे, जो कम धुंध और प्रदूषण पैदा करते हैं।बच्चों के लिए यह दिवाली किसी जादू से कम न थी। जिले के ग्रामीण इलाकों जैसे चौहटन, बायतू और धोरीमना में भी यह उत्साह देखने लायक था। यहां पारंपरिक राजस्थानी लोकगीतों के बीच पटाखों की धुन बजती रही, जो रेगिस्तान की शांति को एक पल के लिए भंग कर देती।इस उत्साह के पीछे स्थानीय व्यापारियों की मेहनत भी कम नहीं।