बाड़मेर में भव्य शोभायात्रा के साथ शुरू हुआ तीन दिवसीय बाबा रामदेव प्राण प्रतिष्ठा एवं भंडारा महोत्सव
बाड़मेर में तीन दिवसीय बाबा रामदेव प्राण प्रतिष्ठा एवं भंडारा महोत्सव की शुरुआत भव्य शोभायात्रा से हुई, जिसमें 1100 महिलाएं कलश लेकर शामिल हुईं और झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं।
बाड़मेर, 9 नवंबर 2025:
राजस्थान के बाड़मेर जिले में भगवान बाबा रामदेव की प्राण प्रतिष्ठा एवं भंडारा महोत्सव की धूम मच गई है। तीन दिवसीय इस धार्मिक आयोजन का शुभारंभ आज एक भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। शोभायात्रा का आगाज गोविंद नगर आदर्श ढूंढा गांव से किया गया, जो स्थानीय स्तर पर एक प्रमुख धार्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता है। इस अवसर पर 1100 महिलाओं और युवतियों ने सर पर कलश धारण कर भाग लिया, जो आयोजन का प्रमुख आकर्षण बना।शोभायात्रा में मुख्य रथ पर संत-महात्माओं का विशेष सम्मान किया गया। युवाओं के हाथों में भगवा ध्वज लहराते नजर आए, जबकि ऊंटों और घोड़ों पर सवार होकर परंपरागत राजस्थानी संस्कृति का जीवंत चित्रण किया गया। रास्ते भर झांकियां और लोक नृत्य दलों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशेष रूप से, बाबा रामदेव के जीवन प्रसंगों पर आधारित झांकियां युवाओं और बच्चों के बीच खासी लोकप्रिय रहीं। इन झांकियों में बाबा रामदेव के चमत्कारों, उनके समानता और भक्ति के संदेश को चित्रों और मूर्तियों के माध्यम से दर्शाया गया, जो श्रद्धालुओं में उत्साह का संचार कर रहा था।
शोभायात्रा का मार्ग और विशेषताएं; शोभायात्रा गोविंद नगर आदर्श ढूंढा गांव से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरी। मार्ग में ढोल-नगाड़ों की थाप, भजन-कीर्तन और 'रामदेव बाबा जय जय राम' के उद्घोषों से वातावरण गुंजायमान हो गया। महिलाओं और कन्याओं का कलश यात्रा में शामिल होना एक पारंपरिक रिवाज का प्रतीक था, जो देवी-देवताओं की पूजा और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। प्रत्येक कलश पर फूलों की मालाएं और चंदन की तिलकें सजाई गई थीं, जो यात्रा की पवित्रता को और बढ़ा रही थीं।युवाओं की टोलियां भगवा ध्वजों के साथ नाच-गान कर आगे बढ़ रही थीं। ऊंटों पर सवार कलाकार राजस्थानी लोक वेशभूषा में थे, जिनके ऊपर रंग-बिरंगे पगड़ियां और घाघराएं आकर्षण का केंद्र बनीं। घोड़ों पर सवार योद्धा शैली के कलाकार तलवारें लहराते हुए बाबा रामदेव की वीरता की कहानियां जीवंत कर रहे थे। मार्ग के दोनों ओर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होकर फूल बरसा रहे थे, जिससे पूरा इलाका एक दिव्य उत्सव स्थल में परिवर्तित हो गया।
महोत्सव का कार्यक्रम और महत्व; यह तीन दिवसीय महोत्सव बाबा रामदेव मंदिर परिसर में आयोजित हो रहा है, जहां प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ-साथ विशाल भंडारा का आयोजन किया जाएगा। पहले दिन की शोभायात्रा के बाद, मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और हवन का कार्यक्रम रखा गया है। दूसरे दिन भजन संध्या और प्रवचनों का आयोजन होगा, जिसमें देशभर से आए संतों के संदेश श्रद्धालुओं को सुनने को मिलेंगे। तीसरे दिन मुख्य प्राण प्रतिष्ठा के बाद भंडारे में हजारों लोगों को प्रसाद वितरित किया जाएगा।स्थानीय आयोजक समिति के अनुसार, इस महोत्सव का उद्देश्य बाबा रामदेव के आदर्शों—समानता, सेवा और भक्ति—को जन-जन तक पहुंचाना है। बाड़मेर जैसे रेगिस्तानी क्षेत्र में यह आयोजन सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया है। जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के भाग ले सकें।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएं; शोभायात्रा में शामिल एक बुजुर्ग महिला ने बताया, "बाबा रामदेव की कृपा से हमारा जीवन धन्य हो जाता है। कलश यात्रा में भाग लेना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।" वहीं, युवा कलाकारों ने कहा कि यह आयोजन राजस्थानी संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा।