राजस्थान अंता विधानसभा उपचुनाव: बैलेट पेपर मतगणना पूरी, भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन मजबूत बढ़त पर, EVM खुलने से पहले ही साफ संकेत

अंता विधानसभा उपचुनाव में 350 बैलेट पेपरों की गणना पूरी, केवल 5 अमान्य; भाजपा के मोरपाल सुमन आगे, EVM खुली।

Nov 14, 2025 - 09:13
राजस्थान अंता विधानसभा उपचुनाव: बैलेट पेपर मतगणना पूरी, भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन मजबूत बढ़त पर, EVM खुलने से पहले ही साफ संकेत

बारां,14 नवंबर 2025: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव की मतगणना में शुरुआती रुझान भाजपा के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। कुल 350 बैलेट पेपरों की गणना पूरी होने के बाद केवल पांच बैलेट पेपर आरोग्य (अमान्य) पाए गए हैं। इस गिनती में भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन स्पष्ट बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय नरेश मीणा पिछड़ते नजर आ रहे हैं। बैलेट पेपर की गणना समाप्त होते ही अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की गिनती शुरू हो गई है, जिससे अंतिम परिणाम की उम्मीद बढ़ गई है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हुई थी और दोपहर तक प्रमुख रुझान सामने आने लगे हैं।

उपचुनाव का पृष्ठभूमि: त्रिकोणीय मुकाबला और ऊंचा मतदान अंता विधानसभा सीट पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा (भाजपा) की अयोग्यता के कारण खाली हुई थी। मई 2025 में 20 साल पुराने एक मामले में पिस्तौल तानने के आरोप में सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई, जिसके फलस्वरूप यह उपचुनाव कराया जा रहा है। 11 नवंबर को हुए मतदान में कुल 1,83,099 मतदाताओं में से औसतन 80.21 प्रतिशत ने हिस्सा लिया, जो एक मजबूत लोकतांत्रिक उत्साह को दर्शाता है। इसमें 96,141 पुरुष, 86,955 महिलाएं और तीन अन्य मतदाता शामिल थे। विशेष रूप से 2,111 दिव्यांग मतदाताओं में से 1,929 (91.38 प्रतिशत) ने मतदान किया, जो प्रशासन की समावेशी व्यवस्था का प्रमाण है।कुल 15 उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला तीनों प्रमुख दलों के बीच था:

भाजपा: मोरपाल सुमन – स्थानीय माली समाज से जुड़े 50 वर्षीय सुमन पंचायती राज और संगठन स्तर पर तीन दशकों का अनुभव रखते हैं। 1992 में भाजपा युवा मोर्चा देहात मंडल अध्यक्ष से शुरू कर 1995 में पंचायत समिति सदस्य, 2000 में सरपंच, 2007-09 में जिला मंत्री और 2010-13 में देहात मंडल अध्यक्ष रहे। उनकी साफ-सुथरी छवि और जनसेवक की पहचान ने उन्हें टिकट दिलाया। जातिगत समीकरणों में फिट बैठने के कारण पार्टी ने उन्हें 'लो प्रोफाइल' उम्मीदवार के रूप में उतारा। 

कांग्रेस: प्रमोद जैन भाया – पूर्व मंत्री भाया अनुभवी नेता हैं, जिन्होंने मतदान के दौरान अपनी जीत का दावा किया था। वे क्षेत्रीय मुद्दों जैसे सिंचाई, बेरोजगारी और विकास पर जोर दे रहे थे।

निर्दलीय: नरेश मीणा –

कांग्रेस से बागी होकर मैदान में उतरे मीणा को आम आदमी पार्टी (AAP) का समर्थन मिला। AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर उनका खुला समर्थन किया, नई राजनीतिक व्यवस्था के नाम पर।

मतदान के दौरान EVM और बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों की रंगीन फोटो लगाई गई थीं, ताकि मतदाताओं को आसानी हो। महिलाओं और शिशुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं जैसे पालने की सुविधा भी की गईं। एग्जिट पोल में तीनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन शुरुआती गिनती ने भाजपा को मजबूत स्थिति दिखाई।

शुरुआती रुझान: सुमन की बढ़त और अमान्य वोट मतगणना केंद्र पर कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच बैलेट पेपरों की गिनती पहले पूरी की गई। कुल 350 बैलेट पेपरों में से केवल 5 अमान्य साबित हुए, जो गिनती की पारदर्शिता को रेखांकित करता है। इन वैध वोटों में भाजपा के मोरपाल सुमन को बहुमत प्राप्त हुआ, जिससे वे अन्य प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकल गए। सुमन ने मतगणना शुरू होने से ठीक पहले अपनी जीत का दावा किया था, कहते हुए, "अंता की जनता ने भाजपा का समर्थन किया है। हमें पूरी उम्मीद है कि हम जीतेंगे।"कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया ने देर शाम बयान जारी कर कहा था कि "हम चुनाव जीत रहे हैं," लेकिन बैलेट राउंड में पिछड़ने से उनके दावे पर सवाल उठे हैं। निर्दलीय नरेश मीणा, जिन्हें AAP का समर्थन मिला, भी इस चरण में पीछे हैं। निर्वाचन अधिकारी रोहिताश्व सिंह तोमर ने बताया कि अमान्य वोटों की संख्या न्यूनतम है, जो मतदाताओं की जागरूकता को दर्शाता है।

EVM खुलना: अंतिम घड़ी की शुरुआत बैलेट पेपर की गणना समाप्त होते ही EVM मशीनें खोली गईं, और अब इलेक्ट्रॉनिक वोटों की गिनती तेजी से चल रही है। काउंटिंग हॉल में पार्टियों के एजेंट और सुरक्षा बल तैनात हैं। पहले रुझान सुबह 9 बजे आने की उम्मीद थी, लेकिन बैलेट डेटा ने भाजपा को बढ़त दिला दी। यदि यह ट्रेंड जारी रहा, तो मोरपाल सुमन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि, EVM के हजारों वोट अभी बाकी हैं, इसलिए अंतिम परिणाम दोपहर तक स्पष्ट हो सकता है।

राजनीतिक निहितार्थ: भाजपा की रणनीति सफल?  यह उपचुनाव न केवल अंता के लिए, बल्कि राजस्थान की समग्र राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है। भाजपा ने स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखकर सुमन को चुना, जो माली समाज (क्षेत्र में प्रमुख) का प्रतिनिधित्व करते हैं। कांग्रेस के लिए यह हार पूर्व मंत्री भाया की छवि को प्रभावित कर सकती है, जबकि AAP का निर्दलीय समर्थन भविष्य के गठबंधनों का संकेत देता है। वर्तमान में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह जीत राज्य सरकार की लोकप्रियता को मजबूत करेगी, खासकर अन्य उपचुनावों के संदर्भ में।