2 करोड़ की ठगी के आरोपियों का कहर: ASI पर कुल्हाड़ी से हमला, कांस्टेबलों को पत्थरों से पीटा
2 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में दबिश देने गई पुलिस टीम पर आरोपियों ने अचानक जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने एएसआई के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया, जबकि कांस्टेबलों को पत्थरों और लाठियों से पीटा गया। भीड़ ने पुलिस जीप को नुकसान पहुंचाया, वर्दी फाड़ दी और सुरक्षाकर्मियों को दौड़ाया। इस वारदात में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। घटना के बाद 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य आरोपी अभी फरार है।

राजस्थान के जोधपुर में एक घटना ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है, जहां कानून की रक्षा करने वाली पुलिस पर ही अपराधियों ने हमला कर दिया। सीकर जिले की पुलिस, जो 2 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में आरोपियों को नोटिस देने जोधपुर पहुंची थी, पर ठगों और उनके साथियों ने न सिर्फ हमला किया, बल्कि एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) के सिर पर कुल्हाड़ी से प्रहार किया, दो कॉन्स्टेबलों को पत्थरों और लाठियों से पीटा, और पुलिस की गाड़ी को तहस-नहस कर दिया। यह घटना न केवल पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में बढ़ते अपराधी हौसलों को भी उजागर करती है।
घटना का पूरा विवरण
यह शर्मनाक घटना गुरुवार शाम को जोधपुर के एक आबादी वाले इलाके में घटी। सीकर थाने की एक पुलिस टीम, जिसमें एक एएसआई और दो कॉन्स्टेबल शामिल थे, ठगी के एक बड़े मामले में मुख्य आरोपी को नोटिस देने के लिए जोधपुर पहुंची थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी एक कुख्यात ठग गिरोह का सरगना है, जो फर्जी निवेश योजनाओं, ऑनलाइन स्कैम और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को झांसा देकर करीब 2 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। इस गिरोह ने कई गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को निशाना बनाया, जिन्हें मोटा मुनाफा का लालच देकर पैसे ऐंठे गए। पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर सीकर पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच के बाद आरोपी को समन जारी करने का फैसला किया।पुलिस टीम जैसे ही आरोपी के घर के पास पहुंची, वहां पहले से मौजूद 8-10 लोगों ने उन्हें घेर लिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, हमलावरों ने पहले शोर मचाकर आसपास की भीड़ को इकट्ठा किया और फिर पुलिस पर हमला बोल दिया। हमले की शुरुआत तब हुई, जब एक हमलावर ने एएसआई पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार किया। कुल्हाड़ी का प्रहार इतना जोरदार था कि एएसआई का सिर फट गया और वे खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़े। उन्हें बचाने दौड़े दो कॉन्स्टेबलों पर भी भीड़ ने पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया। एक कॉन्स्टेबल के हाथ और कंधे पर गहरी चोटें आईं, जबकि दूसरे कॉन्स्टेबल के सिर पर पत्थर लगने से खून बहने लगा। हमलावरों ने पुलिस की वर्दी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ने की कोशिश की और उनकी जीप पर हमला कर दिया। जीप के शीशे तोड़ दिए गए, टायर फाड़े गए, और गाड़ी के बोनट पर लाठियों से प्रहार किया गया। चश्मदीदों का कहना है कि हमला इतना तेज और सुनियोजित था कि पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा। करीब 10 मिनट तक चले इस हमले ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी।
घायलों की हालत और पुलिस की कार्रवाई
हमले के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी, जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा। घायल एएसआई और कॉन्स्टेबलों को तुरंत जोधपुर के मथुरादास माथुर (एमडीएम) अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, एएसआई की हालत गंभीर थी, क्योंकि कुल्हाड़ी का वार सिर पर गहरा हुआ था। हालांकि, प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। दोनों कॉन्स्टेबल भी खतरे से बाहर हैं, लेकिन उनके शरीर पर कई जगह चोटें और खरोंचें हैं।जोधपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हमले में शामिल 5 लोगों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी और उसके 3-4 साथी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस ने 4 टीमें गठित की हैं। जोधपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने बताया कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 332 (सार्वजनिक सेवक पर हमला), 353 (सरकारी कार्य में बाधा) और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इलाके के सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। एसएसपी ने सख्त लहजे में कहा, "पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।"
ठगी का जाल और पीड़ितों की आपबीती
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी गिरोह पिछले कई महीनों से जोधपुर और सीकर के आसपास के इलाकों में सक्रिय था। यह गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और फर्जी ऐप्स के जरिए लोगों को निवेश योजनाओं में मोटा मुनाफा देने का झांसा देता था। एक पीड़ित, जिसने नाम न छापने की शर्त पर बात की, ने बताया, "इन लोगों ने हमें ऑनलाइन ट्रेडिंग और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का लालच दिया। मैंने अपनी जमा-पूंजी के 5 लाख रुपये निवेश किए, लेकिन न तो रिटर्न मिला और न ही मेरा पैसा वापस हुआ। जब हमने शिकायत की, तो धमकी दी गई।" ऐसे ही कई पीड़ितों की शिकायतों के बाद सीकर पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। पुलिस का कहना है कि ठगी का यह नेटवर्क कई जिलों में फैला हुआ है, और इसमें शामिल लोग संगठित अपराध की तरह काम करते हैं। गिरोह का सरगना पहले भी कई छोटे-मोटे अपराधों में शामिल रहा है, और उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है।
डीग की घटना: एक और चौंकाने वाला मामला
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में पुलिस पर इस तरह का हमला हुआ है। हाल ही में डीग जिले के काकड़ा गांव में भी एक ऐसी ही सनसनीखेज घटना सामने आई थी, जिसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया। वहां 42 वर्षीय सरला देवी को उसके पति और ससुराल वालों ने निःसंतान होने के ताने देकर जिंदा जला दिया। हत्या के बाद ससुराल वालों ने अधजले शव को श्मशान ले जाकर जलाने की कोशिश की, लेकिन सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को चिता से निकाल लिया। इससे गुस्साए ग्रामीणों और आरोपियों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। हमलावरों ने पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, उनकी वर्दी फाड़ दी, लात-घूंसे मारे, और कुछ को झाड़ियों में फेंक दिया। एक पुलिसकर्मी को तो पैर पकड़कर घसीटा गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद डीग पुलिस ने अतिरिक्त बल भेजकर स्थिति को नियंत्रित किया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, और 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस घटना ने न केवल पुलिस की सुरक्षा पर सवाल उठाए, बल्कि सामाजिक रूढ़ियों और हिंसा को भी उजागर किया।
कानून के रक्षकों की रक्षा का सवाल
जोधपुर और डीग की इन घटनाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जो लोग दिन-रात समाज की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं, उनकी रक्षा कौन करेगा? विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान के कई ग्रामीण और शहरी इलाकों में पुलिस बल की कमी, अपर्याप्त संसाधन, और अपराधियों के बढ़ते हौसले इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता रमेश शर्मा कहते हैं, "पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं, लेकिन समाज का एक वर्ग उन्हें ही निशाना बनाता है। सरकार को पुलिस की सुरक्षा और प्रशिक्षण पर ध्यान देना होगा।"
वर्तमान स्थिति और भविष्य की कार्रवाई
जोधपुर में हमले के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। प्रशासन ने एहतियातन धारा 144 लागू कर दी है, और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। साथ ही, ठगी के शिकार लोगों से आगे आकर अपनी शिकायत दर्ज करने का अनुरोध किया गया है, ताकि गिरोह के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।इन घटनाओं ने न केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं, बल्कि समाज को भी आईना दिखाया है। जब कानून के रक्षक ही सुरक्षित नहीं होंगे, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा? सरकार और प्रशासन को अब न सिर्फ अपराधियों पर नकेल कसने की जरूरत है, बल्कि पुलिसकर्मियों को बेहतर सुरक्षा और संसाधन उपलब्ध कराने की भी आवश्यकता है। इस तरह की घटनाओं का दोहराव न हो, इसके लिए समाज को भी जागरूक होने की जरूरत है।