आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से झटका: अंतरिम जमानत पर राहत नहीं, 7 अप्रैल को अगली सुनवाई

Apr 2, 2025 - 17:29
आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से झटका: अंतरिम जमानत पर राहत नहीं, 7 अप्रैल को अगली सुनवाई

जोधपुर: नाबालिग से रेप मामले में सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। बुधवार को उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें करीब आधे घंटे तक दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सरकारी अधिवक्ता ने आसाराम को अंतरिम जमानत देने का कड़ा विरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाई गई "प्रवचन नहीं करने" की शर्त का उल्लंघन किया है। इस पर आसाराम के वकील ने जवाब दिया कि उनके मुवक्किल ने किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आसाराम को शर्तों के कथित उल्लंघन पर जवाबी शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी।

कोर्ट ने मांगी ट्रीटमेंट की जानकारी

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आसाराम को पहले दी गई अंतरिम जमानत के दौरान लिए गए इलाज से जुड़ी पूरी जानकारी मांगी। कोर्ट ने यह भी पूछा कि भविष्य में उन्हें किस तरह के इलाज की जरूरत हो सकती है। इससे पहले आसाराम की ओर से खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर अंतरिम जमानत की मांग की गई थी। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने इस आधार पर भी जमानत का विरोध किया और कहा कि आसाराम ने कोर्ट की शर्तों का पालन नहीं किया।

जेल से हॉस्पिटल तक का सफर

अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने के बाद आसाराम ने मंगलवार, 1 अप्रैल को दोपहर 1:30 बजे जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर किया था। जेल में करीब 10 घंटे बिताने के बाद उन्हें रात 11:30 बजे पाली रोड स्थित एक निजी अस्पताल 'आरोग्यम' में शिफ्ट कर दिया गया। अस्पताल में भर्ती करने की आधिकारिक वजह स्पष्ट नहीं की गई है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, उनकी तबीयत को लेकर चिंता जताई गई थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

क्या है मामला?

आसाराम को 2018 में जोधपुर की एक विशेष अदालत ने नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यह मामला 2013 का है, जब एक 16 साल की लड़की ने आसाराम पर अपने आश्रम में यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके बाद से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं। समय-समय पर स्वास्थ्य कारणों से उनकी ओर से अंतरिम जमानत की अर्जियां दाखिल की जाती रही हैं, लेकिन हर बार कोर्ट में उनकी याचिका पर कड़ा रुख देखने को मिला है। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ