खुश्बू राजपुरोहित के पिता के लिए DNA सैंपल, 72 घंटे बाद मिलेगा शव, डॉ विपुल लंदन से इंडिया के लिए रवाना
अहमदाबाद विमान हादसे में बालोतरा की खुशबू राजपुरोहित की दुखद मृत्यु ने मारवाड़ को शोक में डुबो दिया। 21 वर्षीय खुशबू अपने पति डॉ. विपुल सिंह राजपुरोहित के पास लंदन जा रही थी, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उनके पिता मदन सिंह की डीएनए जांच के बाद 72 घंटे में शव की पहचान होगी। यह कहानी एक पिता की विदाई, एक मां की ममता, और एक पति के टूटे सपनों की मार्मिक त्रासदी है।
खुशबू राजपुरोहित... एक नाम, जो अब केवल एक याद बनकर रह गया है। 21 साल की यह नवविवाहिता, राजस्थान के बालोतरा जिले के अराबा दुदावता गांव की बेटी, अपने पति के पास लंदन की उड़ान पर थी। लेकिन 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए भयावह विमान हादसे ने न सिर्फ उसकी जिंदगी छीन ली, बल्कि एक पिता की उम्मीद, एक मां की ममता, और एक पति के सपनों को भी राख में मिला दिया। खुशबू की कहानी अब मारवाड़ के हर दिल में गूंज रही है, जहां शोक की लहर ने पूरे क्षेत्र को मातम में डुबो दिया है।
खुशबू चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। उसके पिता, मदन सिंह राजपुरोहित, एक साधारण मिठाई की दुकान चलाने वाले इंसान, जिनके लिए खुशबू उनकी आंखों का तारा थी। 18 जनवरी 2025 को जोधपुर के लूणी खाराबेरा गांव के विपुल सिंह राजपुरोहित के साथ खुशबू की शादी हुई थी। वह दिन मदन सिंह के लिए गर्व और खुशी का दिन था, जब उनकी बेटी दुल्हन बनकर नए घर की ओर कदम बढ़ा रही थी। लेकिन आज, वही पिता अपनी लाडली की आखिरी विदाई की तस्वीर को सीने से लगाए बैठा है, जिसे उसने अहमदाबाद हवाई अड्डे पर खींचा था।
मदनसिंह अपनी बेटी को हवाई अड्डे पर छोड़ने गए थे। खुशबू की आंखों में लंदन के लिए उड़ान भरने की चमक थी, और मदनसिंह के चेहरे पर गर्व का भाव। उन्होंने अपनी बेटी के साथ एक तस्वीर खींची और वॉट्सऐप स्टेटस पर लिखा, "आशीर्वाद खुशबू बेटा, गोइंग टू लंदन।" यह तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, लेकिन हर बार इसे देखने वाला शख्स आंसुओं में डूब जाता है।
खुशबू की मां, जिनका नाम गांव में कोई नहीं जानता, क्योंकि वह हमेशा "खुशबू की मां" कहलाती थीं, उस दिन अपनी बेटी से लिपटकर रोई थीं। विदाई के समय मां-बेटी की आंखों में आंसू थे, लेकिन यह उम्मीद थी कि यह बिछड़न कुछ पलों की है। मां ने बेटी के माथे पर प्यार से हाथ फेरा और कहा, "जल्दी लौट आना, बेटा।" लेकिन वह नहीं जानती थीं कि यह उनकी आखिरी मुलाकात थी।
लंदन में, खुशबू का इंतजार कर रहे थे उनके पति, डॉ. विपुल सिंह राजपुरोहित, जो वहां एक नर्सिंग ऑफिसर के रूप में काम करते हैं। पांच महीने पहले हुई शादी के बाद यह उनकी पहली लंबी मुलाकात होने वाली थी। विपुल ने खुशबू के लिए लंदन में एक नया घर सजाया था, जहां वे एक साथ नई शुरुआत करने वाले थे। खुशबू की उड़ान उनके सपनों की उड़ान थी—एक ऐसी उड़ान, जो उन्हें एक-दूसरे के करीब लाने वाली थी। लेकिन नियति ने कुछ और ही लिखा।
हादसे की खबर मिलते ही विपुल लंदन से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। उनके लिए यह नुकसान केवल एक पत्नी का नहीं, बल्कि उस साथी का है, जिसके साथ वे अपनी जिंदगी के हर रंग को साझा करना चाहते थे। गांव के लोग बताते हैं कि विपुल और खुशबू की जोड़ी को देखकर हर कोई कहता था, "यह जोड़ा एक-दूसरे के लिए बना है।" लेकिन अब, विपुल का वह सपना अधूरा रह गया।
12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघानी नगर के एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में आग लगने से 242 यात्रियों में से 204 की मौत हो गई, और शव इतनी बुरी तरह जल गए कि उनकी पहचान करना असंभव हो गया। खुशबू भी उनमें से एक थी।
अहमदाबाद सिविल अस्पताल में शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच शुरू की गई है। मदनसिंह का डीएनए सैंपल लिया गया है, और उन्हें बताया गया है कि 72 घंटे बाद उनकी बेटी के शव की पहचान हो सकेगी। एक पिता के लिए यह इंतजार कितना दर्दनाक है, इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। वह हर पल उस पल को कोस रहा है, जब उसने अपनी बेटी को हवाई अड्डे पर छोड़ा था।
खुशबू की मौत की खबर ने मारवाड़ के हर कोने को शोक में डुबो दिया। अराबा दुदावता गांव में उनके घर के बाहर लोगों का तांता लगा है। गांव की गलियों में सन्नाटा है, और हर चेहरा उदास। खुशबू की मुस्कान, उसकी हंसी, और उसका अपने परिवार के प्रति प्रेम अब गांव की कहानियों में बस गया है।
सोशल मीडिया पर खुशबू की तस्वीरें और उनकी कहानी लोगों के दिलों को छू रही हैं। यह हादसा सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे मारवाड़ का दुख है।"
खुशबू की कहानी एक ऐसी त्रासदी है, जो हर उस इंसान को झकझोर देती है, जो परिवार, प्यार, और सपनों की कीमत समझता है। एक पिता की विदाई, एक मां का आंसुओं भरा बिछड़न, एक पति का टूटा सपना, और मारवाड़ का वह दर्द यह सब खुशबू की कहानी को एक ऐसी स्मृति बनाता है, जो हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगी। उनकी उड़ान भले ही अधूरी रह गई, लेकिन उनकी यादें और उनका प्यार हमेशा उनके अपनों के साथ रहेगा।