भारी बारिश और भूस्खलन के कहर पर 5 सितंबर तक स्थगित की गई चार धाम यात्रा.

उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण चार धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) और हेमकुंड साहिब यात्रा को 5 सितंबर 2025 तक स्थगित कर दिया गया है। मौसम विभाग के रेड अलर्ट और मार्गों पर मलबा व अवरोध के चलते यह निर्णय लिया गया। प्रशासन यात्रियों से धैर्य रखने और सुरक्षित स्थानों पर रुकने की अपील कर रहा है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो। मार्गों की मरम्मत और मौसम सामान्य होने के बाद यात्रा फिर शुरू होगी।

Sep 1, 2025 - 19:51
भारी बारिश और भूस्खलन के कहर पर 5 सितंबर तक स्थगित की गई चार धाम यात्रा.

देहरादून, 1 सितंबर 2025: उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के कारण चार धाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) और हेमकुंड साहिब की यात्रा को 5 सितंबर 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी रेड और ऑरेंज अलर्ट के चलते यह निर्णय लिया गया है, ताकि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

भारी बारिश और भूस्खलन से बिगड़े हालात

उत्तराखंड में इस साल मानसून ने भारी तबाही मचाई है। गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में कई जगहों पर भारी बारिश के कारण भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। इससे चार धाम यात्रा के प्रमुख मार्ग, जैसे गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गए हैं। रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी और नैनीताल जैसे जिलों में सड़कों पर मलबा और पत्थर गिरने से यातायात पूरी तरह ठप है। मंदाकिनी और अलकनंदा जैसी नदियों का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

प्रशासन का निर्णय: यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता

गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि भारी बारिश और भूस्खलन के कारण यात्रा मार्गों पर खतरा बना हुआ है। कई स्थानों पर सड़कें बंद होने और पत्थर गिरने की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने चार धाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, "यात्रियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। मार्गों को प्राथमिकता के आधार पर खोला जा रहा है, लेकिन मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए फिलहाल यात्रा स्थगित रहेगी।"

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग ने 5 सितंबर तक उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। खासकर देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में तेज बारिश और आकाशीय बिजली का खतरा बना हुआ है। मौसम विभाग ने भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका भी जताई है। रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड से केदारनाथ के पैदल मार्ग पर पत्थर गिरने का जोखिम बढ़ गया है, जिसके चलते यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।

प्रशासन की अपील: धैर्य बनाए रखें

प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति सामान्य होने तक यात्रा शुरू न करें। गढ़वाल आयुक्त ने कहा, "यात्री कृपया धैर्य और संयम बनाए रखें। प्रशासन सड़कों की सफाई और मरम्मत के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है। यात्रा संबंधी नवीनतम जानकारी के लिए प्रशासनिक नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।" इसके अलावा, रुद्रप्रयाग पुलिस ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से यात्रियों से मौसम पूर्वानुमान के आधार पर ही यात्रा की योजना बनाने का आग्रह किया है।

यात्रा मार्गों की स्थिति

केदारनाथ मार्ग: गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में हाल ही में एक वाहन पर पत्थर गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। 

यमुनोत्री और गंगोत्री: यमुनोत्री हाईवे पर कल्याणी और जंगलचट्टी के पास सड़कें बंद हैं। गंगोत्री मार्ग पर नालूपानी और धरासू जैसे स्थानों पर मलबा जमा है।

बद्रीनाथ: बद्रीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ में बार-बार अवरोध की स्थिति बनी हुई है।

 हेमकुंड साहिब: भारी बारिश के कारण मार्ग अवरुद्ध होने से यात्रा को भी रोक दिया गया है।

पहले भी बारिश ने रोकी थी यात्रा

इस साल मानसून के दौरान चार धाम यात्रा पहले भी कई बार प्रभावित हुई है। जून और जुलाई में भारी बारिश के कारण यात्रा को कुछ दिनों के लिए स्थगित किया गया था। अगस्त में भी बारिश के कारण हेली सेवाएं बंद कर दी गई थीं। मौसम विभाग के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे तीर्थयात्रा और स्थानीय लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है। 

यात्रियों के लिए सलाह

मौसम विभाग की चेतावनी और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। 

यात्रा शुरू करने से पहले मार्गों की स्थिति की जानकारी लें।

सुरक्षित स्थानों पर रुकें और नदियों या पहाड़ी क्षेत्रों के पास यात्रा से बचें।

आपात स्थिति में प्रशासनिक नियंत्रण कक्ष या स्थानीय पुलिस से संपर्क करें। 

कब शुरू होगी यात्रा?

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मौसम सामान्य होने और मार्गों के पूरी तरह सुरक्षित होने के बाद ही यात्रा को फिर से शुरू किया जाएगा। फिलहाल, 5 सितंबर तक यात्रा स्थगित रहेगी, और इसके बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी। 

उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन ने चार धाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को प्रभावित किया है। प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए तीर्थयात्रियों से सावधानी और धैर्य बरतने की अपील की गई है।