राहुल गांधी का हल्ला बोल: "चुनाव आयोग BJP का चोरी गैंग, बिहार-कर्नाटक में वोट लूट!"

1 अगस्त 2025 को राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर बिहार, कर्नाटक, और महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाया। बिहार में SIR और कर्नाटक में 60,000 वोटों की धांधली का दावा किया। 4 अगस्त को बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन करेंगे। EC ने आरोप खारिज किए। सुप्रीम कोर्ट ने SIR को मंजूरी दी, लेकिन दस्तावेजों पर निर्देश दिए।

Aug 1, 2025 - 13:28
Aug 1, 2025 - 13:39
राहुल गांधी का हल्ला बोल: "चुनाव आयोग BJP का चोरी गैंग, बिहार-कर्नाटक में वोट लूट!"

राहुल गांधी का हल्ला बोल: "चुनाव आयोग BJP का चोरी गैंग, बिहार-कर्नाटक में वोट लूट!"

नई दिल्ली, 1 अगस्त 2025 | कांग्रेस के दिग्गज नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बिहार, कर्नाटक, और महाराष्ट्र में मतदाता सूचियों में कथित हेरफेर के जरिए "वोट चोरी" का आरोप लगाया। राहुल ने EC को "लोकतंत्र के लिए खतरा" बताया और कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इशारों पर काम कर रहा है। आइए, इस विवाद को संक्षेप में समझते हैं।

राहुल गांधी के मुख्य आरोप

बिहार में SIR का खेल: राहुल ने 17 जुलाई 2025 को  दावा किया कि बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) के बहाने मतदाता सूची में अनियमितताएँ हो रही हैं। उन्होंने स्वतंत्र पत्रकारिता स्रोतों का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया विपक्षी मतदाताओं को निशाना बना रही है।
कर्नाटक में सबूतों का दावा: 23 जुलाई 2025 को राहुल ने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर 60,000 से अधिक मतदाताओं के साथ छेड़छाड़ के "ठोस सबूत" होने की बात कही। उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस जल्द ही EC को यह साक्ष्य सौंपेगी।
महाराष्ट्र में संदिग्ध मतदाता: राहुल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 1 करोड़ नए मतदाताओं को अचानक जोड़े जाने पर सवाल उठाया, EC की पारदर्शिता पर संदेह जताया।

चुनाव आयोग का जवाब

24 जुलाई 2025 को EC ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे "आधारहीन" हैं। आयोग ने बताया कि बिहार में SIR का मकसद मतदाता सूची को सुधारना है, जिसमें दोहरे नाम और गैर-पात्र मतदाताओं को हटाना शामिल है। EC ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की।

बेंगलुरु में आंदोलन की योजना

राहुल गांधी 4 अगस्त 2025 को बेंगलुरु में "वोट चोरी" के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भी EC की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। शिवकुमार ने कहा कि उनके पास कथित धांधली के लिखित सबूत हैं।

SIR और सुप्रीम कोर्ट का रुख

  • EC का दृष्टिकोण: मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार में SIR 22 साल बाद हो रहा है, जो मतदाता सूची को विश्वसनीय बनाने के लिए जरूरी है।
  • विपक्ष का हंगामा: कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल SIR को "NRC का गुप्त प्रयास" मानते हैं, जिससे दलित, आदिवासी, और अल्पसंख्यक मतदाताओं को हटाया जा सकता है।
  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश: 10 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने SIR को हरी झंडी दी, लेकिन EC को आधार, वोटर आईडी, और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज स्वीकार करने का सुझाव दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से बाहर न हो।

अगला कदम

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस और INDIA गठबंधन इस मुद्दे पर संसद से लेकर जनता तक संघर्ष करेगा। 4 अगस्त को बेंगलुरु में होने वाला प्रदर्शन और EC को साक्ष्य सौंपना इसकी शुरुआत है। क्या यह विवाद 2025 के चुनावों को प्रभावित करेगा?