सिद्धू मूसेवाला के अधूरे सपनों को पूरा करेंगे पिता बलकौर सिंह, चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान

बलकौर सिंह, सिद्धू मूसेवाला के पिता, 2027 में मानसा से पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने बेटे के अधूरे सपने को पूरा करने और न्याय की लड़ाई के लिए यह फैसला लिया। कांग्रेस से नजदीकी के बावजूद, टिकट पर अभी फैसला नहीं हुआ है।

Sep 29, 2025 - 14:20
सिद्धू मूसेवाला के अधूरे सपनों को पूरा करेंगे पिता बलकौर सिंह, चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान

दिवंगत पंजाबी गायक और रैपर सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में मानसा सीट से अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है। यह घोषणा उन्होंने अपने बेटे की तीसरी पुण्यतिथि से ठीक पहले रविवार को एक कार्यक्रम में की। बलकौर सिंह ने कहा कि उनका बेटा सिद्धू मूसेवाला विधानसभा की सीढ़ियां चढ़ना चाहता था, और अब वह अपने बेटे के इस सपने को पूरा करने के लिए चुनावी मैदान में उतरेंगे।

बेटे की विरासत और न्याय की लड़ाई

बलकौर सिंह ने अपने इस फैसले के पीछे दो मुख्य कारण बताए: पहला, अपने बेटे सिद्धू मूसेवाला के अधूरे सपने को पूरा करना, और दूसरा, उनके बेटे की हत्या के बाद न्याय की लड़ाई को और मजबूती से लड़ना। सिद्धू मूसेवाला की 29 मई, 2022 को मानसा जिले के जवाहरके गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे पंजाब में शोक की लहर दौड़ा दी थी। बलकौर सिंह ने कहा, "मैं अपने बेटे की तस्वीर लेकर विधानसभा जाना चाहता हूं, क्योंकि वह 2022 में यह सपना पूरा नहीं कर सका।"

उन्होंने पंजाब की मौजूदा कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में बलकौर सिंह ने कहा, "सिस्टम के बीच आकर ही हम न्याय की बात कर सकते हैं।" उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "सीएम की हर बात फ्रॉड निकल जाती है। जब भी चुनाव आते हैं, वह जीतने के लिए कुछ भी बोलते हैं।" बलकौर ने गोल्डी बराड़ की गिरफ्तारी के दावों को भी खारिज करते हुए इसे राजनीतिक हथकंडा करार दिया।

कांग्रेस के साथ नजदीकी, लेकिन पार्टी पर फैसला बाकी

बलकौर सिंह ने रविवार को मानसा में कांग्रेस की 'संविधान बचाओ रैली' में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों को संबोधित किया। इस रैली में कांग्रेस पार्टी के एक पर्यवेक्षक मानसा जिला अध्यक्ष पद के चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे। बलकौर सिंह ने कहा, "मुझे लग रहा था कि अपने बेटे को खोने के बाद लोग मुझसे दूर हो जाएंगे, लेकिन मानसा के लोग अभी भी हमारे साथ खड़े हैं। यह मुझे राजनीतिक लड़ाई लड़ने की ताकत देता है।"

हालांकि, बलकौर सिंह ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे। उनके भाई चमकौर सिंह ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि कांग्रेस हमें टिकट देगी। हमने बड़ी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है।" बलकौर सिंह की कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से नजदीकी के कारण यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं।

सिद्धू मूसेवाला का 2022 का चुनावी सफर

सिद्धू मूसेवाला ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में मानसा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस समय पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू थे। हालांकि, सिद्धू मूसेवाला को आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार डॉ. विजय सिंगला ने 63,323 वोटों के अंतर से हरा दिया था। डॉ. विजय सिंगला को 1,00,023 वोट मिले थे, जबकि सिद्धू मूसेवाला को 36,700 वोट ही मिले थे।

चुनाव हारने के कुछ ही समय बाद सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने उनके प्रशंसकों और समर्थकों को गहरा झटका दिया था। बलकौर सिंह का मानना है कि उनके बेटे को अभी तक पूरा न्याय नहीं मिला है, क्योंकि हत्या के कुछ आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

समर्थकों का भरोसा और चुनौतियां

बलकौर सिंह ने अपने संबोधन में कहा, "मेरे पास ज्यादा जनशक्ति नहीं है, और यह लड़ाई कठिन है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि लोग मेरे साथ खड़े रहेंगे और हमारी जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।" रविवार को उनके आवास पर कई समर्थक जुटे थे, जो उनके इस फैसले का समर्थन कर रहे थे। सिद्धू मूसेवाला के प्रशंसकों की भारी संख्या को देखते हुए, माना जा रहा है कि बलकौर सिंह की उम्मीदवारी मानसा में चुनावी समीकरण को बदल सकती है।

बलकौर सिंह ने अपने खराब स्वास्थ्य का जिक्र करते हुए कहा, "मैं भले ही कम समय के लिए आपके बीच रह पाऊं, लेकिन आप मेरी ताकत हैं। हम सिद्धू के सपने को पूरा करने के लिए यह लड़ाई लड़ेंगे।"

बेटे की हत्या के मामले में चल रही कानूनी लड़ाई

बलकौर सिंह इस समय अपने बेटे की हत्या के मामले में चल रही कानूनी लड़ाई में भी शामिल हैं। 26 सितंबर को हुई सुनवाई में उनकी मुख्य परीक्षा पूरी होनी थी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह अस्पताल में भर्ती थे, जिसके कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। 12 सितंबर को हुई सुनवाई में उनकी गवाही आंशिक रूप से रिकॉर्ड की गई थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .