पाकिस्तान, 2004: सहवाग का तिहरा शतक
2004 में भारत ने पाकिस्तान का दौरा किया और मुल्तान टेस्ट में वीरेंद्र सहवाग ने इतिहास रच दिया। सहवाग टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक (309) लगाने वाले पहले भारतीय बने। उनकी इस विस्फोटक पारी ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। हालांकि, सचिन तेंदुलकर 194 रन पर नाबाद रह गए, जब कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी डिक्लेयर कर दी। भारत ने यह टेस्ट पारी और 52 रनों से जीता, और सीरीज 2-1 से अपने नाम की, जो पाकिस्तान में भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत थी।
ऑस्ट्रेलिया, 2020-21: पंत की गाबा में फाइटिंग फिफ्टी
2020-21 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से ऐतिहासिक जीत हासिल की। ब्रिस्बेन के गाबा में, जहां ऑस्ट्रेलिया 32 साल से अजेय था, ऋषभ पंत की 89 रनों की फाइटिंग फिफ्टी ने 328 रनों का लक्ष्य हासिल कर भारत को जीत दिलाई। चोटों से जूझ रही भारतीय टीम में युवा खिलाड़ी जैसे शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज और शार्दूल ठाकुर चमके। अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए मील का पत्थर साबित हुई।
इंग्लैंड, 2025: सिराज का 'मियां मैजिक' ओवल में
2025 की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारत ने इंग्लैंड में 1-3 की हार को 2-2 के ड्रॉ में बदला। ओवल टेस्ट में मोहम्मद सिराज ने 5 विकेट लेकर इंग्लैंड को 367 रनों पर रोक दिया, जब उन्हें जीत के लिए 374 रनों की जरूरत थी। यह जीत मात्र 6 रनों से हुई, जो टेस्ट इतिहास की सबसे करीबी जीतों में से एक है। शुभमन गिल की कप्तानी और यशस्वी जायसवाल के शतक ने भी इस सीरीज को यादगार बनाया।
इंग्लैंड, 2007: द्रविड़ की कप्तानी में ऐतिहासिक जीत
राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने 2007 में इंग्लैंड में 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती, जो 21 साल बाद वहां पहली जीत थी। ट्रेंट ब्रिज में जहीर खान की शानदार गेंदबाजी और अनिल कुंबले के नेतृत्व में स्पिन आक्रमण ने भारत को मजबूत स्थिति में रखा। एमएस धोनी की 76 रनों की नाबाद पारी और बारिश की मदद से मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ हुआ, जिसने सीरीज जीत सुनिश्चित की। यह सीरीज भारतीय क्रिकेट की परिपक्वता को दर्शाती है।
वेस्टइंडीज, 2019: कोहली के नेतृत्व में 2-0 की जीत
विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने 2019 में वेस्टइंडीज में 2-0 से टेस्ट सीरीज जीती। जसप्रीत बुमराह की घातक गेंदबाजी और हनुमा विहारी की शानदार बल्लेबाजी ने भारत को दोनों टेस्ट में आसान जीत दिलाई। यह सीरीज भारत के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) अभियान की मजबूत शुरुआत थी। कोहली ने इस दौरे पर कप्तान के तौर पर विदेशी सरजमीं पर सौरव गांगुली के रिकॉर्ड की बराबरी की।