PCB का बड़ा दांव उल्टा पड़ा? एशिया कप छोड़ने पर हो सकता है भारी नुकसान

एशिया कप 2025 में टॉस विवाद के बाद PCB की बॉयकॉट धमकी से 141 करोड़ रुपये की कमाई खतरे में है। ICC ने रेफरी हटाने की मांग खारिज की, अब PCB के अगले कदम पर निगाहें।

Sep 16, 2025 - 19:21
PCB का बड़ा दांव उल्टा पड़ा? एशिया कप छोड़ने पर हो सकता है भारी नुकसान

एशिया कप 2025 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) अपनी ही रणनीति के जाल में उलझता दिख रहा है। भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान टॉस और मैच के बाद हाथ न मिलाने को लेकर शुरू हुए विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। PCB ने इस मामले में मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की थी, और मांग न मानने पर टूर्नामेंट से हटने की धमकी भी दी। लेकिन सवाल यह है कि क्या PCB वाकई एशिया कप से बाहर हो जाएगा? अगर ऐसा हुआ, तो उसे 141 करोड़ रुपये तक का भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

टॉस पर हाथ न मिलाने का मामला

14 सितंबर को दुबई में खेले गए भारत-पाकिस्तान मैच में टॉस के समय और मैच समाप्ति के बाद दोनों टीमों के कप्तानों व खिलाड़ियों ने परंपरागत रूप से हाथ नहीं मिलाया। इस पर पाकिस्तानी टीम ने पहले मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट के सामने भारतीय टीम की शिकायत दर्ज की। अगले ही दिन PCB ने उल्टा पायक्रॉफ्ट पर निशाना साधते हुए ICC से उनकी शिकायत की। PCB का दावा था कि पायक्रॉफ्ट ने टॉस से पहले दोनों कप्तानों को हाथ न मिलाने का निर्देश दिया था, जो ICC के कोड ऑफ कंडक्ट और खेल भावना के खिलाफ है।

PCB की मांग और ICC का इनकार

रिपोर्ट्स के अनुसार, PCB ने ICC को अपनी शिकायत में पायक्रॉफ्ट को उनके सभी मैचों से हटाने की मांग की थी, साथ ही ऐसा न होने पर टूर्नामेंट के बहिष्कार की चेतावनी दी थी। मंगलवार, 16 सितंबर को ICC ने PCB की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया और पायक्रॉफ्ट को हटाने से इनकार कर दिया। अब सवाल उठता है कि क्या PCB अपनी धमकी पर कायम रहेगा?

पाकिस्तान का अगला ग्रुप स्टेज मैच UAE के खिलाफ है, जिसमें पायक्रॉफ्ट ही रेफरी होंगे। इस मैच में जीत पाकिस्तान को सुपर-4 में पहुंचा सकती है, जबकि हार उसे टूर्नामेंट से बाहर कर सकती है। लेकिन हारकर बाहर होने और बहिष्कार कर बाहर होने में बड़ा अंतर है, खासकर आर्थिक दृष्टिकोण से।

141 करोड़ रुपये की कमाई पर संकट

PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) की ब्रॉडकास्ट डील के तहत पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट से 12 से 16 मिलियन डॉलर (लगभग 141 करोड़ रुपये) की कमाई होने की उम्मीद है। लेकिन अगर PCB बीच टूर्नामेंट में नाम वापस लेता है, तो यह राशि उसके हाथ से निकल सकती है। ACC के अन्य सदस्य इस बात का विरोध कर सकते हैं कि पाकिस्तान को पूरी राशि दी जाए, क्योंकि उसने अपने सभी मैच पूरे नहीं किए।

इतना ही नहीं, टूर्नामेंट का आधिकारिक ब्रॉडकास्टर सोनी स्पोर्ट्स भी ऐसी स्थिति में ACC को तय राशि देने से मना कर सकता है। पाकिस्तानी टीम के मैच न होने से ब्रॉडकास्टर की कमाई पर असर पड़ना तय है, जिसका खामियाजा ACC और PCB को भुगतना पड़ सकता है।

PCB चीफ की दोहरी मुश्किल

मामले को और जटिल बनाता है यह तथ्य कि ACC के अध्यक्ष फिलहाल PCB चीफ और पाकिस्तान सरकार के मंत्री मोहसिन नकवी हैं। उनके नेतृत्व में PCB और ACC की कमाई पर पड़ने वाला यह आर्थिक झटका उनके लिए राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

क्या होगा PCB का अगला कदम?

अब सबकी निगाहें PCB के अगले फैसले पर टिकी हैं। क्या वह अपनी धमकी को अमल में लाएगा और एशिया कप से बाहर होगा, या फिर आर्थिक नुकसान और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते अपने कदम पीछे खींचेगा? यह विवाद न केवल खेल भावना पर सवाल उठा रहा है, बल्कि PCB के लिए एक आर्थिक और रणनीतिक संकट भी बनता जा रहा है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .