UPSC की ‘प्रतिभा सेतु’ योजना: इंटरव्यू में असफल उम्मीदवारों के लिए नौकरी का नया द्वार
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने ‘प्रतिभा सेतु’ योजना शुरू की है, जो एक डिजिटल मंच है। यह उन उम्मीदवारों को निजी और सरकारी क्षेत्रों में नौकरी के अवसरों से जोड़ता है, जो UPSC परीक्षाओं के साक्षात्कार चरण तक पहुंचे लेकिन अंतिम चयन से चूक गए। पहले ‘पब्लिक डिस्क्लोजर स्कीम’ के नाम से जानी जाने वाली इस योजना में उम्मीदवारों की जानकारी (उनकी सहमति से) एक सुरक्षित पोर्टल पर साझा की जाती है, जिससे सत्यापित नियोक्ता उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। यह योजना उम्मीदवारों की प्रतिभा का उपयोग, आत्मविश्वास बढ़ाने और राष्ट्रीय विकास में योगदान देने का लक्ष्य रखती है।

UPSC Fail Candidates Job :UPSC ने उन होनहार उम्मीदवारों के लिए एक क्रांतिकारी पहल शुरू की है, जो सिविल सेवा परीक्षा के साक्षात्कार तक तो पहुंचे, लेकिन अंतिम मेरिट सूची में स्थान नहीं बना सके। इस नई योजना का नाम है ‘प्रतिभा सेतु’, जो इन प्रतिभाशाली युवाओं को सरकारी और निजी क्षेत्र की संस्थाओं से जोड़कर उनके करियर को नई दिशा देने का वादा करती है। यह योजना न केवल उम्मीदवारों की मेहनत को सम्मान देती है, बल्कि देश की प्रतिभा का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करती है। आइए, इस योजना के बारे में विस्तार से जानें।
प्रतिभा सेतु योजना: एक नई उम्मीद
‘प्रतिभा सेतु’, जिसका अर्थ है ‘प्रतिभा का पुल’, यूपीएससी की पहले से मौजूद ‘पब्लिक डिस्क्लोजर स्कीम’ (PDS) का उन्नत और व्यापक स्वरूप है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उन 10,000 से अधिक उम्मीदवारों की जानकारी साझा की जाएगी, जिन्होंने यूपीएससी की विभिन्न परीक्षाओं (जैसे सिविल सेवा, भारतीय वन सेवा, इंजीनियरिंग सेवा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, चिकित्सा सेवा आदि) के सभी चरणों को पार किया, लेकिन अंतिम चयन से चूक गए। यह योजना इन उम्मीदवारों को निजी कंपनियों, सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs), मंत्रालयों और अन्य सत्यापित नियोक्ताओं के साथ जोड़ने का काम करेगी।
इस पहल का उद्देश्य उन युवाओं की प्रतिभा को बेकार जाने से रोकना है, जो सीमित सीटों या मामूली अंकों के अंतर के कारण अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाते। यूपीएससी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “ये उम्मीदवार अंतिम सूची में न आने के बावजूद अत्यंत सक्षम हैं। प्रतिभा सेतु उनकी मेहनत को सही मंच प्रदान करेगा।”
योजना कैसे काम करेगी?
‘प्रतिभा सेतु’ एक सुरक्षित और उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल पोर्टल है, जो नियोक्ताओं और उम्मीदवारों के बीच सेतु का काम करता है। इसकी कार्यप्रणाली निम्नलिखित है:
उम्मीदवारों का डेटा संग्रह: यूपीएससी उन उम्मीदवारों का डेटा एकत्र करता है, जो सभी चरण (प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार) पास करने के बाद भी अंतिम मेरिट सूची में शामिल नहीं हो सके। उम्मीदवारों की सहमति के बाद ही उनकी जानकारी साझा की जाती है।
पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध: इस डेटा को एक डिजिटल डेटाबेस में अपलोड किया जाता है, जिसमें उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता, संपर्क विवरण और परीक्षा प्रदर्शन जैसे बुनियादी विवरण शामिल होते हैं।
नियोक्ताओं की पहुंच: केंद्रीय मंत्रालय, PSUs, स्वायत्त निकाय और निजी कंपनियां UPSC के पोर्टल पर पंजीकरण कर सकती हैं। निजी कंपनियों को कॉर्पोरेट पहचान संख्या (CIN) के माध्यम से सत्यापित किया जाता है। सत्यापित नियोक्ताओं को लॉगिन आईडी दी जाती है, जिसके जरिए वे उम्मीदवारों की प्रोफाइल देख सकते हैं।
सीधा संपर्क और भर्ती: नियोक्ता अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उम्मीदवारों का चयन कर सकते हैं और उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। इसके बाद साक्षात्कार, मूल्यांकन या अन्य भर्ती प्रक्रियाएं आयोजित की जा सकती हैं।
उपयोगकर्ता-अनुकूल सुविधाएं: पोर्टल में विशलिस्ट, शॉर्टलिस्टिंग और चयन/अस्वीकृति जैसे फीचर्स हैं, जो नियोक्ताओं के लिए प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। साथ ही, अनुशासन-वार खोज फिल्टर नियोक्ताओं को उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करने में मदद करता है।
शामिल परीक्षाएं
यह योजना निम्नलिखित यूपीएससी परीक्षाओं के गैर-अनुशंसित उम्मीदवारों पर लागू होती है:
सिविल सेवा परीक्षा (CSE)
भारतीय वन सेवा (IFS)
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF)
इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (ESE)
संयुक्त भू-वैज्ञानिक परीक्षा
संयुक्त रक्षा सेवा (CDS)
भारतीय आर्थिक/सांख्यिकी सेवा (IES/ISS)
संयुक्त चिकित्सा सेवा (CMS)
हालांकि, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), नौसेना अकादमी (NA) और कुछ सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षाएं (LDCE) इस योजना से बाहर हैं।
योजना की शुरुआत और इतिहास
‘प्रतिभा सेतु’ की नींव 20 अगस्त 2018 को पब्लिक डिस्क्लोजर स्कीम (PDS) के रूप में रखी गई थी, जब यूपीएससी ने पहली बार संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2017 के गैर-अनुशंसित उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। 19-20 जून 2025 को इसे औपचारिक रूप से ‘प्रतिभा सेतु’ के रूप में रीब्रांड और लॉन्च किया गया। इस उन्नत संस्करण में तकनीकी सुधार और व्यापक दायरा शामिल है, जो इसे पहले से अधिक प्रभावी बनाता है।
क्यों है यह योजना महत्वपूर्ण?
उम्मीदवारों के लिए नया अवसर: यूपीएससी की कठिन परीक्षा की तैयारी में सालों बिताने वाले उम्मीदवारों के लिए यह योजना एक नई उम्मीद है। साक्षात्कार में असफल होने का मतलब अब करियर का अंत नहीं, बल्कि नए अवसरों की शुरुआत है।
आत्मविश्वास में वृद्धि: यह योजना उन उम्मीदवारों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगी, जो मामूली अंकों के अंतर से चयन से वंचित रह जाते हैं।
नियोक्ताओं के लिए लाभ: निजी कंपनियां, स्टार्टअप, थिंक टैंक और शैक्षणिक संस्थान इस पोर्टल के जरिए पहले से सत्यापित और उच्च योग्य उम्मीदवारों तक पहुंच सकते हैं, जिससे उनकी भर्ती प्रक्रिया तेज और प्रभावी होती है।
राष्ट्रीय प्रतिभा का उपयोग: यह योजना सुनिश्चित करती है कि देश की प्रतिभा बेकार न जाए और भारत के मानव संसाधन का अधिकतम उपयोग हो।
पारदर्शिता और गोपनीयता: उम्मीदवारों की जानकारी केवल उनकी सहमति से और सत्यापित नियोक्ताओं के साथ साझा की जाती है, जिससे डेटा गोपनीयता बनी रहती है।
उम्मीदवारों और समाज पर प्रभाव
शैक्षिक थिंक टैंक और कोचिंग संस्थानों ने इस योजना को “क्रांतिकारी” बताया है। यह न केवल उम्मीदवारों को वैकल्पिक करियर पथ प्रदान करता है, बल्कि उनके वर्षों की मेहनत और अनुशासन को भी मान्यता देता है। सोशल मीडिया पर भी इस पहल की खूब सराहना हो रही है। उदाहरण के लिए, एक एक्स यूजर ने लिखा, “यह उन युवाओं के लिए गेम-चेंजर है, जो इंटरव्यू में मामूली अंतर से चूक जाते हैं।”
भविष्य की संभावनाएं
‘प्रतिभा सेतु’ की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कितने नियोक्ता इस पोर्टल का उपयोग करते हैं और कितने उम्मीदवारों को इससे रोजगार मिलता है। यूपीएससी इसकी प्रगति पर नजर रखेगा और उम्मीदवारों व नियोक्ताओं से फीडबैक लेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल अन्य राज्य लोक सेवा आयोगों (PSCs) के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।
‘प्रतिभा सेतु’ योजना यूपीएससी की ओर से एक दूरदर्शी कदम है, जो न केवल असफल उम्मीदवारों को नई संभावनाएं देता है, बल्कि भारत की प्रतिभा को राष्ट्रीय विकास में योगदान देने का अवसर भी प्रदान करता है। यह उन युवाओं के लिए एक नया रास्ता खोलती है, जिन्होंने यूपीएससी की कठिन परीक्षा में अपनी क्षमता साबित की, लेकिन अंतिम पड़ाव पर रुक गए। जैसा कि इसका नाम सुझाता है, यह वास्तव में प्रतिभा और अवसर के बीच एक सेतु है।