मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अनूठी पहल: बाबा साहब के पंचतीर्थ की निःशुल्क यात्रा
राजस्थान सरकार की पहल: अनुसूचित जाति के लोगों को बाबा साहब अम्बेडकर के पंचतीर्थ की निःशुल्क रेल यात्रा, जिसमें यात्रा, आवास और भोजन का खर्च सरकार वहन करेगी। यह योजना सामाजिक न्याय और समानता के विचारों को बढ़ावा देगी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सामाजिक न्याय और समानता के प्रणेता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत, राज्य सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के मूल निवासियों को बाबा साहब के जीवन से जुड़े पांच ऐतिहासिक स्थलों—पंचतीर्थ की निःशुल्क रेल यात्रा कराएगी। यह योजना ‘वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना’ की तर्ज पर संचालित होगी, जिसका उद्देश्य बाबा साहब के जीवन संघर्ष, उनके विचारों और संविधान निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान से समाज को प्रेरित करना है।
पंचतीर्थ: बाबा साहब के जीवन की प्रेरणादायी यात्रा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि बाबा साहब के विचार और उनका जीवन समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। यह योजना अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को सामाजिक और आत्मिक उत्थान का अवसर प्रदान करेगी। पंचतीर्थ यात्रा के माध्यम से यात्री बाबा साहब के जीवन से जुड़े निम्नलिखित पांच महत्वपूर्ण स्थलों का दर्शन और अनुभव प्राप्त करेंगे:
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जन्मभूमि - महू, मध्य प्रदेश: बाबा साहब का जन्मस्थान, जहां से उनके प्रेरणादायी जीवन की शुरुआत हुई।
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दीक्षा भूमि - नागपुर, महाराष्ट्र: जहां बाबा साहब ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।
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महापरिनिर्वाण भूमि - दिल्ली: बाबा साहब का अंतिम विश्राम स्थल।
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चौत्य भूमि - मुंबई: बाबा साहब से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थल।
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इंदू मिल - मुंबई: वर्तमान में बाबा साहब के स्मारक के रूप में विकसित।
ये पंचतीर्थ सामाजिक सद्भाव, समानता और न्याय के सिद्धांतों का प्रतीक हैं, जो भारतीय समाज के मूल्यों को दर्शाते हैं।
यात्रा का पूरा खर्च वहन करेगी सरकार
इस योजना के तहत यात्रियों को रेल मार्ग के माध्यम से पंचतीर्थ तक ले जाया जाएगा। यात्रा के साथ-साथ आवास और भोजन का सम्पूर्ण व्यय भी राजस्थान सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग भी बिना किसी चिंता के इस प्रेरणादायी यात्रा का हिस्सा बन सकें।
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
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आवेदक राजस्थान का मूल निवासी और अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित होना चाहिए।
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आवेदक आयकर दाता नहीं होना चाहिए।
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आवेदक के पास जनआधार कार्ड होना अनिवार्य है।
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आवेदक किसी संक्रामक रोग (जैसे कोविड, टीबी) से ग्रसित नहीं होना चाहिए।
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आवेदन के साथ चिकित्सीय प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से स्वीकार किए जाएंगे, जिससे अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।
पारदर्शी चयन प्रक्रिया
यात्रियों के चयन के लिए जिला स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा, जो प्राप्त आवेदनों की जांच करेगी। यदि आवेदनों की संख्या अधिक होती है, तो चयन कंप्यूटराइज्ड लॉटरी या अन्य पारदर्शी माध्यमों से किया जाएगा। चयन सूची और प्रतीक्षा सूची को विभागीय वेबसाइट और सूचना पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाएगा, ताकि प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे।
सामाजिक उत्थान की दिशा में एक कदम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस योजना को सामाजिक समानता और जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा, “बाबा साहब के विचार और उनका जीवन हम सभी के लिए एक मशाल की तरह है। इस यात्रा के माध्यम से हम न केवल उनके जीवन से प्रेरणा लेंगे, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के उनके संदेश को और अधिक मजबूती से फैलाएंगे।”