जोधपुर के बोरानाडा में थानाधिकारी शकील अहमद की बर्खास्तगी की मांग: अपराधों पर लगाम के लिए सड़कों पर उतरे लोग.
जोधपुर के बोरानाडा थाना क्षेत्र में बढ़ती चोरी, लूट और असामाजिक गतिविधियों से तंग स्थानीय लोग सड़कों पर उतरे। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने थानाधिकारी शकील अहमद की बर्खास्तगी की मांग को लेकर थाने के बाहर धरना दिया और नारेबाजी की। लोगों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के कारण अपराधी बेखौफ हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से थानाधिकारी को हटाने और क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि मांगें न मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा। यह घटना जोधपुर की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है।

जोधपुर शहर के बोरानाडा थाना क्षेत्र में पिछले कुछ समय से अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।चोरी, लूट और असामाजिक गतिविधियों से परेशान लोग बुधवार को सड़कों पर उतर आए और बोरानाडा थाने के सामने थानाधिकारी शकील अहमद की बर्खास्तगी की जोरदार मांग उठाई। सैकड़ों क्षेत्रवासियों ने थाने के बाहर प्रदर्शन कर पुलिस की निष्क्रियता और लापरवाही पर सवाल उठाए, जिसके चलते अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे
प्रदर्शन की वजह: बेकाबू अपराध और पुलिस की नाकामी
स्थानीय लोगों का कहना है कि बोरानाडा में रात के समय चोरी, लूट और असामाजिक गतिविधियाँ आम हो गई हैं। दुकानों, घरों में सेंधमारी और गलियों में असामाजिक तत्वों का खुलेआम घूमना लोगों के लिए डर का सबब बन गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि थानाधिकारी शकील अहमद की उदासीनता और लचर कार्यप्रणाली के कारण अपराधी बेलगाम हो गए हैं। कई बार शिकायतें देने के बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, बल्कि केवल औपचारिकता निभाई। एक गुस्साए प्रदर्शनकारी ने कहा, "थानाधिकारी को क्षेत्र की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं। अपराधी बिना डर के घूम रहे हैं, और पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है।" कुछ लोगों ने पुलिस और अपराधियों की मिलीभगत का भी गंभीर आरोप लगाया।
धरना और नारेबाजी: तनावपूर्ण माहौल
बोरानाडा थाने के बाहर सैकड़ों लोग जमा हुए और थानाधिकारी शकील अहमद के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से मांग की कि शकील अहमद को तत्काल बर्खास्त किया जाए और क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाकर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए। जैसे ही प्रदर्शन की खबर फैली, आसपास के इलाकों से भी लोग जुटने लगे, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग अपनी मांगों पर अडिग रहे। स्थानीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों की मांगें और चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन को और उग्र करेंगे। उनकी मुख्य मांगें हैं: थानाधिकारी शकील अहमद को तुरंत बर्खास्त किया जाए।
रात के समय गश्त बढ़ाई जाए और क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो ताकि लोग बिना डर के जी सकें।
लोगों का कहना है कि वे अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे, और विशेष रूप से महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों को अनसुना किया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे।
कानून-व्यवस्था पर सवाल और प्रशासन की चुनौती
यह प्रदर्शन न केवल बोरानाडा थाने की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि जोधपुर में पुलिस की समग्र कार्यशैली को भी कटघरे में खड़ा करता है। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर गहमागहमी है, जहाँ लोग पुलिस की नाकामी और अपराधों में वृद्धि पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। आगे की राह
बोरानाडा में हुए इस प्रदर्शन ने जिला प्रशासन और पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या थानाधिकारी शकील अहमद को हटाया जाएगा? क्या क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे? इन सवालों के जवाब जल्द ही स्थिति को और स्पष्ट करेंगे। फिलहाल, बोरानाडा के लोग अपनी सुरक्षा और हक के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने को तैयार हैं।
यह घटना जोधपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है और प्रशासन से त्वरित, प्रभावी कार्रवाई की अपेक्षा रखती है।