स्मार्ट मीटर लगने शुरू: पश्चिम राजस्थान में 15 पैसे सस्ती बिजली,क्या है और इसका फायदा, जानें सब कुछ
राजस्थान में 1.43 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिसमें बाड़मेर में 3.30 लाख शामिल हैं, जो प्रीपेड बिजली पर 15 पैसे प्रति यूनिट छूट और बिजली मित्र ऐप के जरिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग प्रदान करेंगे। यह योजना मुफ्त स्थापना और पारदर्शी बिलिंग सुनिश्चित करती है।

राज्य सरकार ने करीब 1.43 करोड़ कनेक्शनधारियों के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की योजना को मंजूरी दे दी है, जिसका कार्य जल्द शुरू होगा। इस पहल से उपभोक्ताओं को 15 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी। खास बात यह है कि बाड़मेर जिले में भी 3.30 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो इस योजना का हिस्सा है।
हर घर, दुकान, ऑफिस और फैक्ट्री में स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य होगा, और इसके लिए उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। स्मार्ट मीटर को ‘बिजली मित्र’ ऐप से जोड़ा जाएगा, जिसके जरिए प्रीपेड ऑप्शन चुनने पर उपभोक्ता 15 पैसे प्रति यूनिट की छूट पा सकेंगे। इस प्रीपेड सिस्टम में ‘पहले पैसा, फिर बिजली’ का कॉन्सेप्ट लागू होगा।
स्मार्ट मीटर के फायदे:
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रियल-टाइम मॉनिटरिंग: उपभोक्ता अपने घर, दुकान या फैक्ट्री में बिजली के उपयोग को लाइव देख सकेंगे।
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लोड मैनेजमेंट: ज्यादा बिजली खपत होने पर उपभोक्ता व्यर्थ चल रहे उपकरणों को बंद कर बिजली की बचत कर सकेंगे।
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तेज शिकायत निवारण: बिजली कटौती की समस्या का तुरंत पता चलेगा, जिससे वितरण कंपनी जल्दी समाधान कर सकेगी।
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बिलिंग में पारदर्शिता: बिल में गलतियों की शिकायतें कम होंगी, क्योंकि बिलिंग प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमेटिक होगी।
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आसान बिलिंग: बिलिंग प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक होगी।
लागत और मीटर की संख्या:
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जयपुर: 47.63 लाख मीटर, लागत 3138 करोड़ रुपये
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अजमेर: 54.32 लाख मीटर, लागत 3663 करोड़ रुपये
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जोधपुर: 40.80 लाख मीटर, लागत 2877 करोड़ रुपये
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बाड़मेर: 3.30 लाख मीटर (नई शुरुआत)
पहले की कांग्रेस सरकार ने प्रयोग के तौर पर 5.30 लाख स्मार्ट मीटर लगाए थे, और अब मौजूदा सरकार इस योजना को पूरे राज्य में लागू करने के लिए तेजी से काम कर रही है।
शिकायत निवारण:
यदि कोई स्मार्ट मीटर लगाने के लिए राशि मांगता है, तो उपभोक्ता टोल-फ्री नंबर 1912 या 18001806507 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।