शी जिनपिंग की 'रेड फ्लैग' और पुतिन की 'ऑरस' में पीएम मोदी की सवारी, जानिए इन लग्जरी कारों की खासियत.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्येनजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पसंदीदा होंगची (रेड फ्लैग) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ऑरस सेनाट कार में सवारी की। दोनों कारें बुलेटप्रूफ, आर्मर्ड, और अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं। होंगची, चीनी गौरव का प्रतीक, 6 मीटर लंबी, 4.0-लीटर V8/V12 इंजन और 200 किमी/घंटा से अधिक स्पीड वाली है। ऑरस, जिसे 'रूसी रोल्स रॉयस' कहा जाता है, 5.63 मीटर लंबी, 4.4-लीटर V8 हाइब्रिड इंजन और 249 किमी/घंटा स्पीड वाली है। यह सवारी दोनों देशों की तकनीकी ताकत और भारत के साथ राजनयिक रिश्तों का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में चीन के त्येनजिन शहर में आयोजित एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन में शामिल हुए, जहां उनकी सवारी ने सुर्खियां बटोरीं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी पसंदीदा 'होंगची' (रेड फ्लैग) कार में पीएम मोदी को सवारी कराई, जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी 'ऑरस सेनाट' लिमोजिन में उन्हें सम्मेलन स्थल तक पहुंचाया। ये दोनों कारें न केवल लग्जरी और स्टाइल का प्रतीक हैं, बल्कि अत्याधुनिक सुरक्षा और तकनीक से भी लैस हैं। आइए, इन कारों की खासियतों को विस्तार से जानते हैं।
होंगची (रेड फ्लैग): चीनी गौरव का प्रतीक
'होंगची' कार, जिसे 'रेड फ्लैग' के नाम से भी जाना जाता है, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। यह कार FAW (फर्स्ट ऑटोमोबाइल वर्क्स) ग्रुप द्वारा निर्मित है और 1958 में शुरू हुए इस ब्रांड को चीन का सबसे पुराना लग्जरी कार ब्रांड माना जाता है। शुरूआत में यह कार केवल उच्च सरकारी अधिकारियों और विदेशी मेहमानों के लिए बनाई गई थी। माओ जेडॉन्ग जैसे नेताओं ने इसका इस्तेमाल किया, और 2012 में शी जिनपिंग के निर्देश के बाद यह कार चीनी नेताओं की विदेशी यात्राओं का हिस्सा बन गई।
होंगची की खासियतें:
मॉडल और डिज़ाइन: शी जिनपिंग मुख्य रूप से दो मॉडल्स का उपयोग करते हैं- होंगची L5 और N701 (गुओली)। N701 विशेष रूप से राष्ट्रपति के लिए डिज़ाइन की गई है, और अगले 10 वर्षों में केवल 50 यूनिट्स ही बनाई जाएंगी।
सुरक्षा: यह कार बुलेटप्रूफ और आर्मर्ड है, जो छोटे बम, गोलियां, और रासायनिक हमलों का सामना कर सकती है। इसमें रन-फ्लैट टायर्स और एयर कंप्रेशन सिस्टम हैं, जो पंक्चर होने पर भी कार को चलने में सक्षम बनाते हैं।
विशिष्टताएं:
लंबाई: लगभग 6 मीटर
वजन: 3,150 किलोग्राम
इंजन: 4.0-लीटर टर्बोचार्ज्ड V8 या V12, जो 382-408 हॉर्सपावर जनरेट करता है।
टॉप स्पीड: 200 किमी/घंटा से अधिक।
खास बात: इस कार को विदेशी यात्राओं के लिए विशेष हवाई जहाज (जैसे बोइंग C-17) से ले जाया जाता है, जो इसकी महत्वता को दर्शाता है।
डिज़ाइन: इसका रेट्रो-मॉडर्न डिज़ाइन चीनी संस्कृति को दर्शाता है, जिसमें पारंपरिक तत्वों के साथ आधुनिक तकनीक का मिश्रण है।
शी जिनपिंग ने पीएम मोदी को इस कार में सवारी कराकर न केवल अपनी मेहमाननवाजी दिखाई, बल्कि चीनी ऑटोमोबाइल उद्योग की ताकत का भी प्रदर्शन किया।
ऑरस सेनाट: रूस की 'रोल्स रॉयस'
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आधिकारिक कार 'ऑरस सेनाट' को 'रूसी रोल्स रॉयस' कहा जाता है। यह कार ऑरस मोटर्स द्वारा बनाई गई है, जिसकी स्थापना 2018 में विशेष रूप से राष्ट्रपति के मोटरकेड के लिए की गई थी। ऑरस L700 लिमोजिन मॉडल पुतिन की पसंदीदा कार है, जिसे उन्होंने पीएम मोदी के साथ साझा किया।
ऑरस की खासियतें:
सुरक्षा: यह कार भी बुलेटप्रूफ और आर्मर्ड है, जो आर्मर-पियर्सिंग गोलियों, ग्रेनेड्स, और यहां तक कि पानी में डूबने जैसे खतरों का सामना कर सकती है। इसमें स्मोक स्क्रीन, इमरजेंसी एग्जिट, और बाहरी संचार प्रणाली जैसे फीचर्स हैं।
विशिष्टताएं:
लंबाई: 5.63 मीटर
वजन: 2,700 किलोग्राम
इंजन: 4.4-लीटर ट्विन-टर्बो V8 हाइब्रिड, जो शक्तिशाली प्रदर्शन देता है।
टॉप स्पीड: 249 किमी/घंटा।
खास बात: इस कार को विदेशी यात्राओं के लिए Il-76 विमान से ले जाया जाता है। इसका सिविलियन वर्जन केवल चुनिंदा अमीर ग्राहकों के लिए उपलब्ध है।
डिज़ाइन: इसका डिज़ाइन आधुनिक और शाही है, जो रूसी शक्ति और तकनीकी उन्नति को दर्शाता है।
एससीओ शिखर सम्मेलन में कारों का महत्व
एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी का इन कारों में सवारी करना केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह दोनों देशों (चीन और रूस) की तकनीकी क्षमता और मेहमाननवाजी का प्रतीक था। शी जिनपिंग ने अपनी होंगची कार देकर चीनी गौरव और आतिथ्य का प्रदर्शन किया, जबकि पुतिन ने अपनी ऑरस में पीएम मोदी को सवारी कराकर रूस की ऑटोमोबाइल तकनीक और मजबूत रिश्तों का संदेश दिया।
होंगची और ऑरस दोनों ही विश्वस्तरीय लग्जरी लिमोजिन हैं, जो अपनी अत्याधुनिक सुरक्षा, शक्तिशाली इंजन, और शाही डिज़ाइन के लिए जानी जाती हैं। पीएम मोदी का इन कारों में सफर करना न केवल एक राजनयिक घटना थी, बल्कि इन देशों की ऑटोमोबाइल तकनीक और सांस्कृतिक गौरव को भी दर्शाता है। यह घटना भारत, चीन और रूस के बीच बढ़ते राजनयिक रिश्तों का भी प्रतीक है।