राजस्थान यूनिवर्सिटी में हंगामा: प्रश्न पत्र के साथ छप गए उत्तर, परीक्षा रद्द, पारदर्शिता पर सवाल
राजस्थान यूनिवर्सिटी के सांख्यिकी विभाग की चतुर्थ सेमेस्टर परीक्षा में प्रश्न पत्र के साथ उत्तर छपने की गलती सामने आई। इस लापरवाही से हैरान छात्रों की परीक्षा रद्द कर दी गई। यूनिवर्सिटी की पारदर्शिता पर सवाल उठे, जांच की मांग तेज। नई परीक्षा तारीख जल्द घोषित होगी।

राजस्थान यूनिवर्सिटी के सांख्यिकी विभाग की एक परीक्षा के दौरान अजीबोगरीब वाकया सामने आया है, जिसने यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली और परीक्षाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मानविकी पीठ में सांख्यिकी विभाग के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा के प्रश्न पत्र के साथ उत्तर भी प्रिंट होकर आ गए। इस घटना से छात्र और शिक्षक दोनों हैरान रह गए।
जानकारी के अनुसार, जैसे ही परीक्षा शुरू हुई, छात्रों ने प्रश्न पत्र में उत्तर छपे हुए देखे। इसकी सूचना तुरंत शिक्षकों को दी गई। शिक्षकों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए परीक्षा नियंत्रक को अवगत कराया। इसके बाद प्रश्न पत्र छात्रों से वापस ले लिए गए और परीक्षा को निरस्त कर दिया गया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब इस परीक्षा की अगली तारीख घोषित करने की बात कही है।
परीक्षाओं की पारदर्शिता पर उठे सवाल
यह घटना पूरे विश्वविद्यालय परिसर में चर्चा का विषय बन गई है। प्रश्न पत्र के साथ उत्तर छपने की इस लापरवाही ने यूनिवर्सिटी की परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगा दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि जब प्रश्न पत्र प्रिंटिंग के लिए भेजे जाते हैं, तो ऐसी गलती कैसे हो सकती है। क्या यह केवल तकनीकी खामी है या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है?
छात्रों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
छात्र प्रतिनिधि शुभम रेवाड़ ने इस घटना को अभूतपूर्व बताते हुए कहा, "यूनिवर्सिटी में इस तरह की गड़बड़ी पहली बार देखने को मिली है। यह बेहद गंभीर मामला है। इसकी जांच विशेष जांच एजेंसी (एसओजी) से करानी चाहिए ताकि सच सामने आ सके।"
वहीं, मानविकी पीठ की निदेशक ज्योत्सना वशिष्ठ ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा, "परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों में कुछ खामी पाई गई थी। हमने तुरंत परीक्षा नियंत्रक को सूचित किया और परीक्षा को निरस्त कर दिया गया। हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।"
छात्रों में असमंजस की स्थिति
परीक्षा रद्द होने से छात्रों में असमंजस की स्थिति है। कई छात्रों का कहना है कि इस घटना ने उनकी तैयारी और मनोबल को प्रभावित किया है। नई तारीख की घोषणा जल्द होने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन इस लापरवाही ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के प्रति छात्रों का भरोसा डगमगा दिया है।