बारिश ने पहले फसल छीनी, अब बेटे की जान: तालाब में डूबने से दो स्कूली बच्चों की मौत; भाई ने निकाली छोटे की लाश

शनिवार को बारिश के दौरान तालाब में नहाने गए दो बच्चों की डूबने से मौत, तीसरे बच्चे की तलाश में सस्पेंस। पुलिस और एसडीआरएफ की जांच जारी।

Jul 14, 2025 - 18:37
बारिश ने पहले फसल छीनी, अब बेटे की जान: तालाब में डूबने से दो स्कूली बच्चों की मौत; भाई ने निकाली छोटे की लाश

राजस्थान के झालावाड़ जिले के सुनेल थाना क्षेत्र के गादिया गुराडिया गांव में शनिवार को एक दर्दनाक हादसे में दो बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। इस घटना में तीसरे बच्चे के डूबने की आशंका ने पुलिस और एसडीआरएफ को रविवार तक सर्च ऑपरेशन चलाने के लिए मजबूर किया। मृतक बच्चे रोहित (12) और आकाश (12) थे, जो अलग-अलग गांवों के निवासी थे, लेकिन गहरे दोस्त थे और रोज़ साथ खेलते थे।

शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे, रोहित और आकाश स्कूल से लौटने के बाद अपने-अपने घरों से निकलकर गादिया गुराडिया गांव के पास एक गड्ढेनुमा तालाब (तलाई) में नहाने गए। यह तालाब, जो लगभग डेढ़ से दो साल पहले खोदा गया था, बारिश के कारण पानी से भरा हुआ था। इसकी गहराई करीब 7 फीट थी, जबकि खुदाई की गहराई 20 फीट से अधिक बताई गई है। दोनों बच्चों को तालाब की गहराई का अंदाज़ा नहीं था, और नहाने के दौरान वे गहरे पानी में चले गए, जिससे उनकी डूबने से मौत हो गई।

हादसे की जानकारी सबसे पहले एक अन्य बच्चे ने आकाश के बड़े भाई बादल (16) को दी, जिसने बताया कि आकाश के कपड़े तालाब के किनारे पड़े हैं और वह डूब गया है। बादल ने अपने पिता के साथ तालाब पहुंचकर आकाश को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी। ग्रामीणों और पुलिस की मदद से रोहित को भी तालाब से निकाला गया और सुनेल के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन झालावाड़ अस्पताल ले जाते समय उसकी भी मौत हो गई।

परिवारों का दर्द

रोहित के पिता भैरूलाल ने बताया कि वह और उनकी पत्नी उस समय खेत में काम कर रहे थे, जब रोहित स्कूल से घर आया और खेलने निकल गया। शाम 5 बजे गांव वालों ने उन्हें फोन पर बेटे के डूबने की खबर दी। भैरूलाल ने कहा, "मैं कांपने लगा। पत्नी को पूछा तो उसने कहा कि रोहित को स्कूल से आने के बाद नहीं देखा।" भैरूलाल ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति कमज़ोर है, और उनके पास केवल एक बीघा जमीन है। इस साल बारिश ने उनकी सोयाबीन की फसल बर्बाद कर दी, और उसी बारिश से भरे तालाब ने उनके बेटे को छीन लिया। रोहित को बेहतर पढ़ाई के लिए इस साल निजी स्कूल में दाखिल करवाया गया था, लेकिन हादसे ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया।

आकाश के परिवार की स्थिति भी दयनीय है। उनके पिता की डेढ़ बीघा जमीन तालाब के पास ही है, और वे मंदिर के बाहर पूजा सामग्री की दुकान लगाते हैं। परिवार मंदिर के पास टपरी बनाकर रह रहा था। आकाश और रोहित की दोस्ती स्कूल के बाद साथ खेलने से हुई थी, और दोनों अक्सर एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे।

तीसरे बच्चे का रहस्य

इस हादसे में एक तीसरे बच्चे की मौजूदगी ने सस्पेंस पैदा कर दिया है। तालाब के किनारे एक अलग जोड़ी कपड़े और चप्पल मिलने से ग्रामीणों को आशंका हुई कि तीसरा बच्चा भी डूब गया हो। शनिवार देर शाम तक पुलिस और ग्रामीणों ने सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई तीसरा शव नहीं मिला। जांच अधिकारी बनवारी लाल ने बताया कि बाद में पता चला कि तीसरा बच्चा वहां से चला गया था। परिवारों का मानना है कि यह वही बच्चा हो सकता है, जिसने बादल को हादसे की सूचना दी और डरकर भाग गया। हालांकि, उसकी पहचान और घटना में उसकी भूमिका अभी जांच का विषय है। एसडीआरएफ ने रविवार को भी तालाब में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

सुनेल थाना पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, और रविवार को रोहित का पोस्टमॉर्टम पूरा हुआ। पुलिस प्रथम दृष्टया इसे दुर्घटना मान रही है, लेकिन तीसरे बच्चे की भूमिका और घटना के अन्य पहलुओं की जांच जारी है। ग्रामीणों ने तालाब में सुरक्षा उपायों की कमी को भी हादसे का एक कारण बताया, क्योंकि वहां कोई चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी।

गांव में मातम

इस हादसे ने गादिया गुराडिया और सामिया गांव में शोक की लहर दौड़ा दी है। दोनों परिवारों के लिए यह अपूरणीय क्षति है, और ग्रामीणों का कहना है कि तालाब की गहराई और बारिश के कारण भरे पानी ने बच्चों के लिए खतरा पैदा किया। यह घटना बच्चों की सुरक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों के आसपास सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठाती है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .