1 अगस्त से शुरू होगा बस टर्मिनल, पर यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी बनी चुनौती, जानें क्यों?
1 अगस्त से शुरू होने वाले बस टर्मिनल की कनेक्टिविटी अपर्याप्त, यात्रियों को निजी साधनों पर निर्भरता बढ़ाएगी। जेसीटीएसएल की कम बसें और रात 8 बजे बाद परिवहन की कमी से यात्रा होगी मुश्किल।

जयपुर के अजमेर रोड पर स्थित हीरापुरा बस टर्मिनल को 1 अगस्त से शुरू करने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस टर्मिनल से अजमेर और अन्य शहरों की ओर जाने वाली रोडवेज और निजी बसें संचालित होंगी। हालांकि, यात्रियों को टर्मिनल तक पहुंचाने के लिए शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था अभी भी अपर्याप्त है, जिसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
सार्वजनिक परिवहन की कमी
जयपुर में जेसीटीएसएल की लो-फ्लोर बसों की संख्या पहले से ही सीमित है। विभाग ने दावा किया है कि टर्मिनल के लिए 17 बसें चलाई जाएंगी, लेकिन ये बसें अन्य रूटों से हटाकर लगाई जाएंगी। इससे सीकर रोड, टोंक रोड, सिंधी कैंप, वैशाली नगर, मानसरोवर, बनीपार्क, वीकेआइ, रेलवे स्टेशन, मालवीय नगर, जगतपुरा, आगरा रोड, दिल्ली रोड और परकोटा क्षेत्र जैसे रूटों पर यात्री प्रभावित होंगे।
वर्तमान में जयपुर में जेसीटीएसएल की करीब 200 बसें और लगभग 1,000 मिनी बसें ही संचालित हैं। बाहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन के साधन और भी कम हैं, जिसके कारण यात्रियों को निजी वाहनों, ऑटो या कैब पर निर्भर रहना पड़ता है। इससे यात्रा का खर्च बढ़ेगा। विशेष रूप से रात 8 बजे के बाद अधिकांश सार्वजनिक परिवहन बंद हो जाता है, जिससे देर रात टर्मिनल तक पहुंचना और भी मुश्किल होगा।
मेट्रो से उम्मीद
अगले दो वर्षों में मेट्रो के फेज 1सी और 1डी के पूरा होने के बाद अजमेर रोड को दिल्ली रोड और आगरा रोड से सीधी मेट्रो कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है। इससे हीरापुरा बस टर्मिनल तक पहुंचना आसान हो सकता है। हालांकि, तब तक यात्रियों को मौजूदा परिवहन व्यवस्था पर ही निर्भर रहना होगा।
निजी बस ऑपरेटरों का विरोध
हीरापुरा टर्मिनल से निजी बसों के संचालन के फैसले का ऑल राजस्थान कॉन्ट्रेक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने विरोध किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर बताया कि टर्मिनल पर न तो ऑफिस की सुविधा है और न ही व्यापार का माहौल। उन्होंने आशंका जताई कि अपर्याप्त कनेक्टिविटी के कारण यात्री समय पर टर्मिनल नहीं पहुंच पाएंगे, जिससे उनकी यात्राएं प्रभावित होंगी। खासकर रात के समय चलने वाली बसों में महिलाओं और बुजुर्गों को पहुंचने में कठिनाई होगी।
रूट प्लानिंग की कोशिश
यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन ने ऑटो, मैजिक, ई-रिक्शा और मिनी बस यूनियनों के साथ बैठक कर रूट प्लानिंग शुरू की है। हीरापुरा टर्मिनल को शहर के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने के लिए नए मार्ग तय किए जा रहे हैं।
क्या होगी यात्रियों की सुविधा?
हीरापुरा बस टर्मिनल का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करना है, लेकिन कनेक्टिविटी की कमी इसे चुनौतीपूर्ण बना रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत नहीं किया जाता, तब तक यह टर्मिनल यात्रियों के लिए सुविधा कम और परेशानी ज्यादा बढ़ा सकता है।