भारत-पाक तनाव के बीच पंजाब और राजस्थान में आतिशबाजी व पटाखों पर 7 जुलाई तक रोक

भारत-पाकिस्तान तनाव और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पंजाब के अमृतसर और राजस्थान के बीकानेर व श्रीगंगानगर में सुरक्षा कारणों से 7 जुलाई 2025 तक आतिशबाजी और पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम पटाखों की आवाज से भ्रम और डर की स्थिति को रोकने के लिए उठाया गया है।

May 9, 2025 - 14:03
भारत-पाक तनाव के बीच पंजाब और राजस्थान में आतिशबाजी व पटाखों पर 7 जुलाई तक रोक

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव, विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद, सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, पंजाब के अमृतसर और राजस्थान के बीकानेर व श्रीगंगानगर जैसे सीमावर्ती जिलों में प्रशासन ने आतिशबाजी और पटाखों के उपयोग पर 7 जुलाई 2025 तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय संवेदनशील माहौल को देखते हुए लिया गया है, क्योंकि पटाखों की आवाज से आम लोगों में डर और भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।

प्रतिबंध का दायरा और कारण;

  • पंजाब में प्रतिबंध: अमृतसर में प्रशासन ने शादी-विवाह, समारोहों या किसी भी कार्यक्रम में आतिशबाजी और तेज धमाकों वाले पटाखों के उपयोग पर रोक लगा दी है। यह कदम भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण उठाया गया है, ताकि आसमान में होने वाली आवाजें युद्ध जैसी स्थिति का भ्रम न पैदा करें।
  • राजस्थान में सख्ती: बीकानेर की कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने जिले में हर तरह के समारोह में पटाखों और आतिशबाजी पर रोक लगाई है। साथ ही, पटाखों की खरीद-बिक्री पर भी प्रतिबंध है। श्रीगंगानगर में भी जिला प्रशासन ने 8 मई 2025 से अगले दो महीनों (7 जुलाई तक) के लिए आतिशबाजी पर पूर्ण रोक का आदेश जारी किया है।
  • प्रमुख कारण: हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद देशभर में उत्साह का माहौल देखा गया, जहां कई जगहों पर लोगों ने आतिशबाजी की। हालांकि, सीमावर्ती इलाकों में ऐसी गतिविधियां सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं, क्योंकि पटाखों की आवाज को सैन्य कार्रवाई से जोड़कर देखा जा सकता है।

ऑपरेशन सिंदूर और जनता का उत्साह:

7 मई 2025 को भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाम दिया। इस कार्रवाई के बाद देशभर में राष्ट्रवाद की लहर दौड़ पड़ी। राजस्थान के भीलवाड़ा और अन्य शहरों में लोग सड़कों पर उतरे, मिठाइयां बांटीं और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। गाजियाबाद के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी लोगों ने सेना के समर्थन में नारे लगाए।

लेकिन, इस उत्साह के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई। पाकिस्तान ने इस कार्रवाई को 'युद्ध का ऐलान' करार दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।

प्रतिबंध के प्रभाव:

  • सामाजिक समारोह: शादी-विवाह जैसे आयोजनों में आतिशबाजी की परंपरा अब प्रभावित होगी। लोगों को वैकल्पिक तरीकों से उत्सव मनाने की सलाह दी जा रही है।
  • आर्थिक प्रभाव: पटाखों की बिक्री पर रोक से स्थानीय व्यापारियों को नुकसान हो सकता है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा सर्वोपरि है।
  • जनता की प्रतिक्रिया: कुछ लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह सामान्य जीवन पर अनावश्यक प्रतिबंध है। 

अन्य संदर्भ: दिल्ली-NCR में पहले से प्रतिबंध

दिल्ली-NCR में पर्यावरणीय कारणों से सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही पटाखों की बिक्री, निर्माण और भंडारण पर पूरे साल प्रतिबंध लगा रखा है। 3 अप्रैल 2025 को कोर्ट ने ग्रीन पटाखों पर भी राहत देने से इनकार कर दिया, क्योंकि वे भी प्रदूषण का कारण बनते हैं। हालांकि, वर्तमान प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से है, न कि पर्यावरणीय।

क्या है आगे की राह?

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इस संवेदनशील समय में सहयोग करें और किसी भी ऐसी गतिविधि से बचें जो भ्रम या डर पैदा कर सकती हो। साथ ही, जोधपुर एयरपोर्ट को तीन दिन तक बंद रखा गया है और भारतीय वायुसेना पश्चिमी सीमा पर युद्धाभ्यास कर रही है, जो रविवार रात तक चलेगा।

यह प्रतिबंध अगले दो महीनों तक प्रभावी रहेगा, और स्थिति की समीक्षा के बाद ही इसे हटाने पर विचार किया जाएगा। तब तक, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सतर्कता बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ