NSUI 5 अगस्त को करेगी मुख्यमंत्री आवास का घेराव ,राजस्थान में छात्र संघ चुनाव की मांग
एनएसयूआई 5 अगस्त 2025 को जयपुर में राजस्थान मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेगी, ताकि छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग की जाए, बीजेपी सरकार पर वादा न निभाने का आरोप लगाते हुए। विनोद जाखड़ के नेतृत्व में, शहीद स्मारक पर प्रदेश भर के युवा एकत्रित होंगे।

राजस्थान में छात्र संघ चुनाव को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। NSUI के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ ने रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में घोषणा की कि 5 अगस्त को जयपुर में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। यह प्रदर्शन छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग को लेकर आयोजित होगा, जो पिछले तीन साल से बंद हैं। जाखड़ ने कहा कि यह आंदोलन न केवल छात्रों के अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि लोकतंत्र की पहली सीढ़ी को मजबूत करने की कोशिश भी है।
लंबे समय से उठ रही है मांग
पिछले कई महीनों से NSUI कार्यकर्ता जिला स्तर पर छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जाखड़ ने बताया कि प्रदेश भर के युवा इस मुद्दे पर एकजुट हैं और अब समय आ गया है कि सरकार को उनकी आवाज सुननी पड़े। 5 अगस्त को जयपुर के शहीद स्मारक पर हजारों छात्र और युवा इकट्ठा होंगे, जहां से रैली के रूप में मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
जाखड़ ने कहा, “छात्र संघ चुनाव राजस्थान की राजनीति का आधार रहे हैं। इस मंच ने अशोक गहलोत, गजेंद्र सिंह शेखावत, हनुमान बेनीवाल जैसे कई बड़े नेताओं को जन्म दिया है। फिर भी, सरकार ने बेवजह इस प्रक्रिया को बंद कर दिया, जो युवाओं के साथ अन्याय है।”
बीजेपी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
NSUI ने बीजेपी सरकार पर अपने चुनावी वादों से मुकरने का आरोप लगाया है। जाखड़ ने कहा कि बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में छात्र संघ चुनाव बहाल करने का वादा किया था, लेकिन दो साल बीतने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द ही इस मांग को नहीं मानती, तो NSUI उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होगी।
“छात्र संघ चुनाव हमारा संवैधानिक अधिकार है। यह न केवल छात्रों की समस्याओं को उठाने का मंच है, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने का पहला कदम भी है। बीजेपी सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए हम 5 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे,” जाखड़ ने कहा।
विश्वविद्यालयों में बिगड़ते हालात
जाखड़ ने बताया कि छात्र संघ चुनाव बंद होने से कॉलेज और विश्वविद्यालयों में हालात बद से बदतर हो गए हैं। प्रशासन छात्रों की जायज मांगों को नजरअंदाज कर रहा है और उनकी आवाज दबाने के लिए तानाशाही रवैयाadopt कर रहा है। “जब कोई छात्र अपनी या अपने साथियों की समस्याओं को उठाता है, तो उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है। छात्र संघ चुनाव ही एकमात्र रास्ता है, जिसके जरिए छात्र अपनी बात प्रशासन तक पहुंचा सकते हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालयों में शुल्क वृद्धि, प्लेसमेंट की कमी, और कैंपस सुविधाओं की अनदेखी जैसे मुद्दे बढ़ रहे हैं, लेकिन इनका समाधान नहीं हो रहा। छात्र संघ चुनाव की बहाली इन समस्याओं को हल करने का एकमात्र उपाय है।
पूर्व कांग्रेस सरकार पर भी उठे सवाल
जाखड़ ने पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाने के फैसले पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नई शिक्षा नीति लागू करने और कुलपतियों के सुझाव के आधार पर एक साल के लिए चुनाव स्थगित करने का फैसला लिया था। “अगर उस समय चुनाव बंद नहीं किए गए होते, तो शायद आज कांग्रेस सत्ता में होती। गहलोत जी ने इस पर अपनी सफाई दी है कि यह निर्णय अस्थायी था और अगर कांग्रेस सत्ता में आती, तो जनवरी 2025 में चुनाव जरूर कराए जाते,” जाखड़ ने कहा।
NSUI में जातीय विवाद पर सफाई
हाल ही में NSUI की नई जिलाध्यक्ष सूची को लेकर संगठन में जातीय असंतुलन और बाहरी नेताओं की नियुक्ति को लेकर विवाद छिड़ा था। इस पर जाखड़ ने कहा कि NSUI एक समावेशी संगठन है, जिसमें सभी जाति, धर्म और समुदाय के युवा शामिल हैं। “हमारा संगठन छात्रों के हितों के लिए काम करता है, न कि किसी जाति विशेष के लिए। हम उन कार्यकर्ताओं को मौका देते हैं, जो जमीन पर मेहनत करते हैं। कुछ लोग बेवजह विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारा ध्यान छात्रों के मुद्दों पर है,” उन्होंने स्पष्ट किया।
NSUI ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 5 अगस्त तक छात्र संघ चुनाव की घोषणा नहीं की गई, तो आंदोलन और तेज होगा। जाखड़ ने कहा कि पूरे प्रदेश से 20,000 से अधिक युवा इस प्रदर्शन में शामिल होंगे। “हमारी मांग साफ है—छात्र संघ चुनाव तुरंत शुरू किए जाएं। अगर सरकार नहीं सुनती, तो हम सड़कों पर उतरकर अपनी ताकत दिखाएंगे,” उन्होंने कहा।
समर्थन में उतरे बड़े नेता
इस आंदोलन को न केवल छात्रों, बल्कि कई बड़े नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे नेता पहले भी छात्र संघ चुनाव की बहाली की वकालत कर चुके हैं। जाखड़ ने कहा कि यह मुद्दा अब केवल छात्रों का नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान की युवा शक्ति का है।
NSUI ने इस प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। संगठन के नेता प्रत्येक जिले में जाकर युवाओं को इस आंदोलन से जोड़ रहे हैं। जाखड़ ने कहा कि यह प्रदर्शन केवल एक शुरुआत है। अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तो भविष्य में और बड़े आंदोलन किए जाएंगे।
राजस्थान में छात्र संघ चुनाव का मुद्दा अब सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा का विषय बना हुआ है। 5 अगस्त का प्रदर्शन इस आंदोलन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होगा। क्या सरकार इस मांग को मानेगी, या यह आंदोलन और उग्र होगा? यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।