NDA बैठक में पीएम मोदी का बड़ा बयान:"नेहरू की गलतियों को सुधार रहे हैं, किसानों के हित में कोई समझौता नहीं"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDA संसदीय दल की बैठक में नेहरू की नीतियों, खासकर सिंधु जल समझौते को किसान विरोधी बताया और इसे सुधारने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा, उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की तारीफ की और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जोर दिया।

Aug 19, 2025 - 14:05
NDA बैठक में पीएम मोदी का बड़ा बयान:"नेहरू की गलतियों को सुधार रहे हैं, किसानों के हित में कोई समझौता नहीं"

नई दिल्ली, 19 अगस्त 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग में आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) संसदीय दल की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सिंधु जल समझौते (Indus Waters Treaty) को किसान विरोधी और देश के हितों के खिलाफ बताते हुए कहा कि नेहरू ने न केवल देश का बंटवारा किया, बल्कि भारत के 80 फीसदी पानी को पाकिस्तान को सौंपकर किसानों के साथ अन्याय किया। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार नेहरू की इन गलतियों को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों के हितों की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

नेहरू पर निशाना: देश और पानी का बंटवारा

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नेहरू ने पहले देश का बंटवारा किया और फिर सिंधु जल समझौते के तहत भारत की नदियों का 80 फीसदी पानी पाकिस्तान को दे दिया। उन्होंने इस समझौते को "किसान विरोधी" करार देते हुए बताया कि यह फैसला बिना कैबिनेट की सहमति के लिया गया था। मोदी ने यह भी खुलासा किया कि नेहरू ने बाद में अपने एक सचिव के सामने इस गलती को स्वीकार किया था, लेकिन बाद की कांग्रेस सरकारों ने इसे सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया। 

प्रधानमंत्री ने कहा, "सिंधु जल समझौता भारत की अस्मिता और किसानों के हितों के खिलाफ था। हमारी नदियां, हमारा पानी, लेकिन फैसला पाकिस्तान के हाथ में था। यह समझौता देश के साथ धोखा था।" उन्होंने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों के किसानों के लिए पानी की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार इस अन्याय को सुधारने के लिए कदम उठा रही है। 

"कांग्रेस के पाप धोते-धोते थक गए"

मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "हम कांग्रेस के पाप धोते-धोते थक गए हैं।" उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौते को स्थगित करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया। यह कदम पाकिस्तान की 80 फीसदी कृषि पर निर्भरता को प्रभावित करने वाला है। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य भारत के किसानों को उनका हक दिलाना है। 

उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर अपने लाल किले के भाषण का जिक्र करते हुए कहा, "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। भारत का पानी हमारे किसानों का हक है, न कि दुश्मनों के खेतों को सींचने के लिए।"

सीपी राधाकृष्णन की तारीफ, उपराष्ट्रपति उम्मीदवार का परिचय

बैठक में पीएम मोदी ने NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जमकर तारीफ की। उन्होंने राधाकृष्णन को ओबीसी समाज से आने वाला जमीनी नेता बताया, जो राजनीति को खेल या दांव-पेंच के रूप में नहीं देखते। मोदी ने कहा, "राधाकृष्णन जी का जीवन बेदाग है, कोई विवाद नहीं। वह एक सरल और सहज व्यक्तित्व के धनी हैं, जो जनता से जुड़े रहते हैं।" उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे सर्वसम्मति से राधाकृष्णन का समर्थन करें, ताकि उपराष्ट्रपति चुनाव में एकता का संदेश जाए। 

राधाकृष्णन, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, 20 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। NDA के पास लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के निर्वाचक मंडल में पूर्ण बहुमत है, जिससे उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। 

ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रीय सुरक्षा

बैठक में पीएम मोदी ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की नई रणनीतिक क्षमता और आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग देश की सेना और सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं, लेकिन उनकी सरकार निंदा नहीं, बल्कि निर्णय लेती है। 

किसानों के लिए बड़ा वादा

प्रधानमंत्री ने किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, "मोदी दीवार बनकर खड़ा है, ताकि किसानों के साथ कोई अन्याय न हो।" उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पीएम-किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के जरिए किसानों को सशक्त किया है और भविष्य में भी कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए काम करेगी। 

NDA संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने न केवल नेहरू और कांग्रेस की नीतियों की आलोचना की, बल्कि अपनी सरकार के किसान-केंद्रित और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया। सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवारी को समर्थन और सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के फैसले ने इस बैठक को और महत्वपूर्ण बना दिया। यह बैठक NDA की एकजुटता और मोदी सरकार की नीतियों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।