नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का बयान: वोट चोरी, जाट इतिहास, और मुख्यमंत्री भजनलाल पर निशाना.

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने खींवसर उपचुनाव में "वोट चोरी" का सनसनीखेज आरोप लगाया, जाट इतिहास को गलत लिखे जाने का दावा किया और कहा कि महाराजा सूरजमल ने 80 की 80 लड़ाइयां जीतीं। उन्होंने सीनियर IAS शिखर अग्रवाल पर प्रदर्शन में आने से मना करने का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की कार्यशैली पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी प्रदेश में कोई पकड़ नहीं है। बेनीवाल ने SI भर्ती घोटाले पर भी आंदोलन तेज करने की बात कही। उनके बयानों ने राजस्थान की सियासत में हलचल मचा दी है।

Aug 18, 2025 - 12:18
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का बयान: वोट चोरी, जाट इतिहास, और मुख्यमंत्री भजनलाल पर निशाना.

नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता हनुमान बेनीवाल ने हाल ही में राजस्थान की सियासत में हलचल मचा दी है। उन्होंने खींवसर उपचुनाव में कथित "वोट चोरी" को लेकर गंभीर आरोप लगाए, जाट समुदाय के इतिहास को गलत लिखे जाने का दावा किया, और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की कार्यशैली पर तीखा हमला बोला। इसके साथ ही, उन्होंने सीनियर आईएएस अधिकारी शिखर अग्रवाल पर भी गंभीर सवाल उठाए। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

वोट चोरी का गंभीर आरोप

हनुमान बेनीवाल ने खींवसर उपचुनाव में वोट चोरी को एक बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि उनके मजबूत वोट बैंक के बावजूद अपेक्षित वोट नहीं मिले, जो संदेहास्पद है। बेनीवाल ने इसे "गंभीर मुद्दा" करार देते हुए दावा किया कि देश में "अघोषित आपातकाल" की स्थिति है और चुनाव आयोग किसी दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वोटर लिस्ट में हेराफेरी की गई, जिसमें एक ही व्यक्ति का नाम और चेहरा बदलकर 5 से 7 जगह जोड़ा गया। इस मुद्दे पर उन्होंने जयपुर घेराव की चेतावनी दी और कहा कि वह इस मामले को संसद में भी उठाएंगे। 

जाट इतिहास पर विवादास्पद बयान

हनुमान बेनीवाल ने जाट समुदाय के इतिहास को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल ने अपने जीवन में 80 लड़ाइयां लड़ीं और सभी जीतीं, लेकिन वह लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हुए। बेनीवाल ने आरोप लगाया कि जाटों का इतिहास जानबूझकर गलत लिखा गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतिहास लिखने वाले कौन हैं और क्यों गलत लिखा जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इसकी जांच होनी चाहिए और जिन समाजों के "राजा चुराए गए," उन्हें उनका सम्मान वापस मिलना चाहिए। इस बयान ने जाट समुदाय में गर्व की भावना जगाई, लेकिन साथ ही इतिहास लेखन को लेकर बहस छेड़ दी। 

 सीनियर आईएएस अधिकारी शिखर अग्रवाल पर आरोप

बेनीवाल ने बालोतरा में जोजरी नदी बचाओ आंदोलन के संदर्भ में सीनियर आईएएस अधिकारी शिखर अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान उन्हें सूचना मिली थी कि शिखर अग्रवाल ने उन्हें आने से मना कर दिया। बेनीवाल ने इसे "लायन ऑर्डर" को नजरअंदाज करने का मामला बताया और कहा कि इसके बाद जिला कलेक्टर को दौड़ते हुए आना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में अफसरशाही हावी है और मुख्यमंत्री को कोई पूछ नहीं रहा। 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर तीखा हमला

हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि भजनलाल शर्मा की प्रदेश में कोई पकड़ नहीं है और अफसरशाही उनके ऊपर हावी है। बेनीवाल ने जोधपुर में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान हुई फायरिंग की घटनाओं का जिक्र करते हुए कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भजनलाल शर्मा केवल चार्टर प्लेन और हेलीकॉप्टर का "मजा लूट रहे हैं" क्योंकि उन्हें पता है कि अगली बार उनकी सरकार नहीं बनेगी। बेनीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में बीजेपी के बड़े नेता भी अब भजनलाल को गंभीरता से नहीं ले रहे। 

एसआई भर्ती घोटाले पर आंदोलन

बेनीवाल पिछले कई महीनों से सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और पेपर लीक हुआ है। उन्होंने सरकार को "दोगली" करार दिया और कहा कि कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे के भ्रष्टाचार को बचाने में लगे हैं। बेनीवाल ने यह भी कहा कि सरकार के मंत्री और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पेपर लीक के मामलों को दबाने में शामिल हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से 26 मई तक जवाब मांगा है, लेकिन बेनीवाल का कहना है कि सरकार कार्रवाई से बच रही है। 

राजनीतिक हलचल और बेनीवाल का रुख

हनुमान बेनीवाल के ये बयान राजस्थान की सियासत में तूफान ला रहे हैं। उनके तीखे हमलों ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को असहज कर दिया है। बेनीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि दोनों ने जातिवाद के नाम पर वोट मांगे। उन्होंने दावा किया कि उनकी वजह से ही वसुंधरा राजे का प्रभाव कम हुआ और भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बन सके। बेनीवाल का यह रुख उनकी जमीनी छवि को और मजबूत कर रहा है, खासकर जाट समुदाय और युवाओं के बीच। 

हनुमान बेनीवाल अपने बेबाक अंदाज और विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। वोट चोरी, जाट इतिहास, और अफसरशाही पर उनके हालिया बयानों ने राजस्थान की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। उनके आरोपों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार को कटघरे में खड़ा किया है, जबकि जाट इतिहास पर उनकी टिप्पणी ने सामाजिक और ऐतिहासिक बहस को हवा दी है।