नदबई में नाबालिग से छेड़छाड़: पुलिस की त्वरित कार्रवाई, दो आरोपी गिरफ्तार

भरतपुर के नदबई में नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों युवराज (22) और कुशाल (20) को गिरफ्तार किया। 6 नवंबर को दर्ज हुई FIR के बाद मात्र दो दिन में त्वरित कार्रवाई की गई। मामला POCSO एक्ट के तहत दर्ज।

Nov 26, 2025 - 17:29
नदबई में नाबालिग से छेड़छाड़: पुलिस की त्वरित कार्रवाई, दो आरोपी गिरफ्तार

भरतपुर, 26 नवंबर 2025: राजस्थान के भरतपुर जिले के नंदबई थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ के गंभीर मामले में पुलिस ने दो दिनों के अंदर ही त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर स्थानीय समुदाय में चिंता का विषय बनी हुई है, जहां हाल के वर्षों में ऐसी घटनाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है। पुलिस के अनुसार, आरोपी न केवल पीड़िता का पीछा कर रहे थे, बल्कि अभद्र टिप्पणियां करने और शारीरिक छेड़छाड़ करने में भी शामिल थे।

घटना का विवरण;  घटना 6 नवंबर 2025 को नंदबई थाना क्षेत्र में घटी। पीड़िता एक नाबालिग लड़की है, जिसकी उम्र 14 से 16 वर्ष के बीच बताई जा रही है (सटीक उम्र गोपनीय रखी गई है)। उसके पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि आरोपी युवक लगातार उनकी बेटी का पीछा कर रहे थे। वे स्कूल या घर के रास्ते में उसे रोकते, अश्लील टिप्पणियां करते और शारीरिक रूप से छेड़छाड़ की कोशिश करते थे। पीड़िता ने परिवार को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी न केवल एकल रूप से कार्यरत थे, बल्कि वे समूह में पीड़िता को निशाना बना रहे थे। यह मामला POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट के तहत दर्ज किया गया है, जो नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों को कड़ाई से दंडित करने का प्रावधान करता है। थाना प्रभारी अरुण सिंह ने बताया, "पीड़िता के बयान पर आधारित प्रारंभिक जांच में आरोपी युवराज (उम्र 22 वर्ष) और कुशाल (उम्र 20 वर्ष) की संलिप्तता सिद्ध हुई। दोनों स्थानीय निवासी हैं और नंदबई क्षेत्र के ही रहने वाले हैं।"

पुलिस की कार्रवाई;   नंदबई थाना पुलिस ने FIR दर्ज करने के बाद तत्काल टारगेटेड ऑपरेशन शुरू किया। विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें स्थानीय इंटेलिजेंस और सादे लिबास में तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। मात्र दो दिनों के भीतर, 8 नवंबर को दोनों आरोपी घरों से गिरफ्तार कर लिए गए। पुलिस ने उनके कब्जे से कोई हथियार या अन्य सामग्री बरामद नहीं की, लेकिन पूछताछ में वे अपराध कबूल चुके हैं।थाना प्रभारी अरुण सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "हमारी प्राथमिकता नाबालिगों की सुरक्षा है। इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती गई। आरोपी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा, और कोर्ट द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत आगे की जांच जारी रहेगी।" उन्होंने अपील की कि अभिभावक अपनी बेटियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

सामाजिक संदर्भ और प्रभाव यह घटना भरतपुर जिले में नाबालिगों के खिलाफ बढ़ते अपराधों की एक कड़ी है। पिछले एक वर्ष में जिले में POCSO मामलों की संख्या में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि जागरूकता अभियान और सख्त निगरानी की आवश्यकता है। पीड़िता को काउंसलिंग और कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि वह मानसिक रूप से मजबूत बने।