नाबालिगों की स्कूटी स्टंटबाजी का वीडियो वायरल, पुलिस कमिश्नर ने लिया सख्त एक्शन का फैसला.
जोधपुर के राजबाग सूरसागर में एक नाबालिग स्कूली बच्चे का बिना हेलमेट स्कूटी चलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जोधपुर पुलिस कमिश्नर ने 31 अगस्त तक विशेष अभियान चलाकर नाबालिग वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 3 साल की सजा और 25,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। स्कूल प्रशासन की लापरवाही भी चर्चा में, क्योंकि नाबालिग बच्चे बेखौफ स्कूलों में स्कूटी ला रहे हैं। यातायात पुलिस ने चेकिंग तेज कर दी है।

जोधपुर के राजबाग सूरसागर क्षेत्र में एक नाबालिग स्कूली बच्चे द्वारा बिना हेलमेट स्कूटी चलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो न केवल यातायात नियमों के उल्लंघन को दर्शाता है, बल्कि शहर में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति को भी उजागर करता है। इस मामले ने जोधपुर पुलिस प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के लिए प्रेरित किया है, और पुलिस कमिश्नर ने 31 अगस्त तक विशेष अभियान चलाने के आदेश दिए हैं। इस अभियान के तहत यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों, विशेष रूप से नाबालिग वाहन चालकों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
वायरल वीडियो और उसका प्रभाव
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में एक नाबालिग स्कूली बच्चा बिना हेलमेट के स्कूटी चलाते हुए नजर आ रहा है। यह घटना राजबाग सूरसागर क्षेत्र की बताई जा रही है, जो जोधपुर के व्यस्त इलाकों में से एक है। वीडियो में बच्चे की लापरवाही और यातायात नियमों की अनदेखी ने न केवल स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि पुलिस प्रशासन को भी इस गंभीर मुद्दे पर कार्रवाई के लिए मजबूर किया। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं और पुलिस से कठोर कदम उठाने की मांग की है।
पुलिस कमिश्नर का सख्त रुख
जोधपुर पुलिस कमिश्नर ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने यातायात पुलिस को निर्देश दिया है कि नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने के मामलों में कोई ढील न बरती जाए। इसके लिए 31 अगस्त तक एक विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें शहर के प्रमुख मार्गों, स्कूलों के आसपास और भीड़भाड़ वाले इलाकों में गहन चेकिंग की जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है।मोटर वाहन अधिनियम की धारा 180 के तहत, नाबालिग को वाहन चलाने की अनुमति देना गैरकानूनी है। यदि कोई नाबालिग बिना लाइसेंस के वाहन चलाते पकड़ा जाता है, तो वाहन मालिक या अभिभावक को तीन साल तक की सजा और 25,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा, बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर 1,000 रुपये का चालान और तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन की सजा भी हो सकती है।
स्कूल प्रशासन की लापरवाही
जोधपुर में स्कूली बच्चों द्वारा वाहन चलाने की समस्या कोई नई बात नहीं है। शहर के कई स्कूलों के आसपास नाबालिग बच्चे स्कूटी या बाइक चलाते हुए देखे जाते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि स्कूल प्रशासन इस मामले में पर्याप्त सख्ती नहीं बरत रहा है। कई स्कूलों में बच्चों को वाहन लाने से रोकने के लिए कोई ठोस नीति या निगरानी तंत्र नहीं है। यह लापरवाही न केवल बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, बल्कि सड़क पर अन्य लोगों के लिए भी जोखिम पैदा कर रही है।
यातायात पुलिस की कार्रवाई
जोधपुर यातायात पुलिस ने इस विशेष अभियान के तहत कई कदम उठाए हैं। शहर के प्रमुख चौराहों और स्कूलों के आसपास चेकिंग पॉइंट्स स्थापित किए गए हैं। बिना हेलमेट, ट्रिपल राइडिंग, और नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने जैसे उल्लंघनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पुलिस ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति न दें, क्योंकि यह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि उनके बच्चों की जान को भी खतरे में डाल सकता है।
सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता की जरूरत
यह घटना जोधपुर में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी को दर्शाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि केवल सख्ती से काम नहीं चलेगा, बल्कि स्कूलों और अभिभावकों को भी इस दिशा में जिम्मेदारी लेनी होगी। स्कूलों को चाहिए कि वे बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित करें। इसके अलावा, अभिभावकों को भी अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें बिना लाइसेंस वाहन चलाने से रोकना चाहिए।
जोधपुर में नाबालिग स्कूली बच्चे द्वारा बिना हेलमेट स्कूटी चलाने का वायरल वीडियो शहर में यातायात नियमों की अनदेखी का एक गंभीर उदाहरण है। पुलिस कमिश्नर के सख्त निर्देशों और विशेष अभियान के जरिए इस समस्या पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, स्कूल प्रशासन, और अभिभावकों को मिलकर काम करना होगा। यह समय है कि जोधपुरवासी अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन करें और नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकें, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।