फर्जी एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर सैकड़ों को बनाया शिकार पुलिस ने तीन आरोपियों को दबोचा, 500 से ज्यादा लोगों से ठगी का खुलासा
सीकर पुलिस ने फर्जी एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो सोशल मीडिया के जरिए 500 से ज्यादा लोगों को ठग चुके थे। पुलिस ने उनके पास से मोबाइल, एटीएम कार्ड और अन्य सामान बरामद किया।

सीकर शहर में एक सनसनीखेज साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जहां फर्जी एस्कॉर्ट और मसाज सर्विस के नाम पर लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। सीकर पुलिस की साइबर थाना टीम ने हनुमान टावर के पास एक किराए के फ्लैट से तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग रोजाना 20 से 30 लोगों को अपना शिकार बनाते थे, जो अब तक 500 से ज्यादा लोगों को चूना लगा चुके हैं।
किराए के फ्लैट से चल रहा था ठगी का अड्डा
पुलिस ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के इनपुट और ह्यूमन इंटेलिजेंस के आधार पर कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों—मनीष जाखड़ (21), विकास कुमार (21), और आर्यन (20)—को गिरफ्तार किया। ये तीनों सीकर के एसके अस्पताल के पास हनुमान टावर में किराए के फ्लैट में रहकर ठगी का धंधा चला रहे थे। पुलिस ने इनके पास से 6 मोबाइल फोन, 3 चार्जर, 6 एटीएम कार्ड, और एक पावर स्विच बरामद किया है।
सोशल मीडिया पर बिछाया था जाल
आरोपियों ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, और टेलीग्राम पर 'शिवानी B2B सर्विस' के नाम से फर्जी विज्ञापन डाले थे। कोई भी व्यक्ति जब इन विज्ञापनों पर क्लिक करता, तो उसे सीधे वॉट्सऐप चैट पर ले जाया जाता। वहां चैट के जरिए पीड़ित को झांसे में लिया जाता। पहले 200 रुपये मेंबरशिप के नाम पर ट्रांसफर करवाए जाते, फिर लड़कियों की फोटो और फर्जी लोकेशन भेजकर हजारों रुपये ऐंठे जाते। जैसे ही पीड़ित पैसे ट्रांसफर करता, उसका नंबर ब्लॉक कर दिया जाता।
शातिराना तरीके से देते थे ठगी को अंजाम
पुलिस के मुताबिक, ये ठग इतने चालाक थे कि पीड़ित के पूछने पर इंटरनेट से लड़कियों की तस्वीरें उठाकर भेज देते। अगर कोई लोकेशन मांगता, तो उसके आसपास के होटल का पता भेजकर विश्वास जीत लेते। साइबर थाना DYSP अनुज डाल ने बताया कि आरोपियों में कोई 12वीं पास है, तो कोई ग्रेजुएट। ये लोग सुनियोजित तरीके से ठगी का धंधा चला रहे थे।
पीड़ितों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
कई पीड़ितों ने साइबर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आईटी एक्ट, और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस कार्रवाई में साइबर थाना पुलिस के ASI दीनदयाल, कांस्टेबल लक्ष्मणराम, आनंद, भागीरथ मल, दिलावर, और वीरेंद्र की अहम भूमिका रही।