जन्म दर बढ़ाने के लिए नई सब्सिडी योजना: माता-पिता को मिलेंगे 1.30 लाख रुपये

जनसंख्या नियंत्रण के लिए 1979 में शुरू की गई 'वन-चाइल्ड पॉलिसी' ने देश की जनसांख्यिकी को गहरे तौर पर प्रभावित किया। इस नीति के तहत एक से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर भारी जुर्माना, जबरन गर्भपात और नसबंदी जैसे कठोर कदम उठाए गए।

Jul 29, 2025 - 18:55
जन्म दर बढ़ाने के लिए नई सब्सिडी योजना: माता-पिता को मिलेंगे 1.30 लाख रुपये

चीन सरकार ने देश में लगातार घट रही जन्म दर को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने फैसला किया है कि अब हर नवजात बच्चे के माता-पिता को तीन साल तक हर साल 3,600 युआन (लगभग 44,000 रुपये) की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह योजना 1 जनवरी 2025 से लागू होगी और इससे करीब दो करोड़ परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

जन्म दर में भारी गिरावट

चीन, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, जनसंख्या संकट से जूझ रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2016 में जहां देश में 1.8 करोड़ बच्चे पैदा हुए थे, वहीं 2023 में यह संख्या घटकर 90 लाख रह गई। यानी सिर्फ सात साल में जन्म दर में 50% की कमी आई। 2024 में इसमें थोड़ा सुधार हुआ और 95.4 लाख बच्चे पैदा हुए, लेकिन मृत्यु दर जन्म दर से अधिक होने के कारण जनसंख्या में कुल गिरावट जारी रही।

चीन की 21% आबादी की उम्र 60 साल से ज्यादा है, जिससे देश में श्रम शक्ति और आर्थिक विकास पर दबाव बढ़ रहा है। विश्व बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का अनुमान है कि 2100 तक चीन की आबादी घटकर 1 अरब या उससे भी कम हो सकती है।

नई सब्सिडी योजना की खास बातें

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, यह पहली बार है जब पूरे देश में एक समान बाल देखभाल सब्सिडी लागू की जा रही है। इस योजना की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • सब्सिडी की राशि: प्रत्येक बच्चे के लिए माता-पिता को तीन साल तक हर साल 3,600 युआन (लगभग 44,000 रुपये) मिलेंगे। कुल मिलाकर, तीन साल में यह राशि करीब 1.30 लाख रुपये होगी।

  • पात्रता: यह योजना सभी बच्चों (पहले, दूसरे और तीसरे) पर लागू होगी, जिनके पास चीनी नागरिकता है और जिनकी उम्र तीन साल से कम है।

  • पहले से पैदा हुए बच्चों के लिए: अगर कोई बच्चा पहले पैदा हुआ है, लेकिन अभी तीन साल से छोटा है, तो उसे बचे हुए महीनों के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी।

  • आवेदन प्रक्रिया: अगस्त 2025 के अंत तक पूरे देश में इस सब्सिडी के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

इससे पहले, चीन के अलग-अलग प्रांतों में विभिन्न प्रकार की सब्सिडी योजनाएं थीं, जो ज्यादातर दूसरे या तीसरे बच्चे पर केंद्रित थीं। लेकिन नई योजना में सभी बच्चों को समान लाभ मिलेगा, जिससे विशेष रूप से पहले बच्चे के जन्म को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

वन-चाइल्ड पॉलिसी का इतिहास

चीन में जनसंख्या नियंत्रण के लिए 1979 में शुरू की गई 'वन-चाइल्ड पॉलिसी' ने देश की जनसांख्यिकी को गहरे तौर पर प्रभावित किया। इस नीति के तहत एक से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर भारी जुर्माना, जबरन गर्भपात और नसबंदी जैसे कठोर कदम उठाए गए। 1982 में इसे संविधान में शामिल किया गया और 2016 तक लागू रखा गया। अनुमान है कि इस नीति ने करीब 40 करोड़ बच्चों के जन्म को रोका।

2016 में सरकार ने इसे खत्म कर 'टू-चाइल्ड पॉलिसी' लागू की, लेकिन जन्म दर में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ। बढ़ती जीवन लागत, बच्चों की परवरिश का खर्च और सामाजिक-आर्थिक दबावों ने युवा दंपतियों को बच्चे पैदा करने से हतोत्साहित किया। यंग पॉपुलेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, चीन में एक बच्चे को 17 साल की उम्र तक पालने में औसतन 56 लाख रुपये का खर्च आता है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .