दरियागंज में दिल दहलाने वाला हादसा, पुरानी इमारत ढहने से, तीन की मौत, कई लोग मलबे में दबे.

दिल्ली के दरियागंज में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जहां एक जर्जर इमारत अचानक ढह गई। इस दुखद घटना ने तीन मासूम जिंदगियों को छीन लिया, जबकि कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हो सकते हैं। दमकल और पुलिस की टीमें जान बचाने की जद्दोजहद में जुटी हैं, लेकिन यह हादसा पुरानी इमारतों की अनदेखी का दर्दनाक परिणाम है। हर पल उम्मीद और दुआओं के साथ बचाव कार्य जारी है।

Aug 20, 2025 - 14:41
दरियागंज में दिल दहलाने वाला हादसा, पुरानी इमारत ढहने से, तीन की मौत, कई लोग मलबे में दबे.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में बुधवार, 20 अगस्त 2025 को दोपहर करीब 12:14 बजे एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब सद्भावना पार्क के पास रिंग रोड पर स्थित एक पुरानी तीन मंजिला इमारत अचानक भरभराकर ढह गई। इस भयावह घटना में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग, और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान शुरू कर दिया।

हादसे का विवरण

यह हादसा दरियागंज के मस्जिद रिंग रोड क्षेत्र में हुआ, जो दिल्ली का एक भीड़भाड़ वाला इलाका है। जानकारी के अनुसार, ढहने वाली इमारत काफी पुरानी और जर्जर थी, जिसमें संरचनात्मक कमजोरी के कारण यह हादसा हुआ। दोपहर 12:14 बजे दिल्ली फायर सर्विसेज के कंट्रोल रूम में एक कॉल आई, जिसमें इमारत ढहने की सूचना दी गई। इसके तुरंत बाद, चार दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया गया।

मलबे से निकलती चीखों ने आसपास के लोगों में दहशत पैदा कर दी।दमकल कर्मियों ने जेसीबी मशीनों और अन्य उपकरणों की मदद से मलबे को हटाना शुरू किया। अब तक मलबे से तीन लोगों को निकाला गया, जिन्हें गंभीर हालत में नजदीकी एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया। दुर्भाग्यवश, अस्पताल में इलाज के दौरान तीनों ने दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों और अधिकारियों का कहना है कि मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हो सकते हैं, जिसके चलते बचाव अभियान को और तेज कर दिया गया है।

बचाव अभियान और प्रशासन की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस और दमकल विभाग के साथ-साथ जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की टीमें भी मौके पर पहुंच गई हैं। दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है और बताया कि मलबे में अन्य लोगों के फंसे होने की आशंका को देखते हुए राहत कार्य पूरे जोर-शोर से जारी हैं। प्रशासन ने आसपास के इलाके को खाली करा लिया है ताकि बचाव कार्य में कोई बाधा न आए। स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य में सहयोग किया और मलबे को हटाने में मदद की। हालांकि, इलाके की भीड़भाड़ और संकरी गलियों के कारण भारी मशीनरी के उपयोग में कुछ कठिनाइयां आ रही हैं। प्रशासन ने बताया कि हादसे की जांच की जाएगी और इसके कारणों का पता लगाने के लिए तथ्यात्मक विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। 

इमारत की स्थिति और संभावित कारण

जानकारी के अनुसार, यह इमारत कई वर्षों से जर्जर हालत में थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इमारत की नींव कमजोर थी और समय-समय पर इसकी मरम्मत की आवश्यकता थी, जिसे नजरअंदाज किया गया। कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि हाल की बारिश या संरचनात्मक कमजोरी इस हादसे का कारण हो सकती है। हालांकि, हादसे की सटीक वजह का पता लगाने के लिए प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।

प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया

हादसे की खबर फैलते ही स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। दिल्ली पुलिस ने बताया कि मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, और घायलों को अस्पताल में उचित इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इस घटना पर राजनीतिक नेताओं ने भी दुख जताया है। कुछ नेताओं ने प्रशासन से राहत कार्यों को तेज करने और प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने की मांग की है।

दरियागंज जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में इस तरह के हादसे न केवल जान-माल का नुकसान करते हैं, बल्कि प्रशासन के लिए भी कई सवाल खड़े करते हैं। पुरानी और जर्जर इमारतों की पहचान और उनकी मरम्मत या विध्वंस समय पर न होने के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं। इस हादसे ने एक बार फिर दिल्ली में अवैध और असुरक्षित निर्माणों पर सवाल उठाए हैं।