चाची ने नाबालिग भतीजे पर लगाया था झूठा आरोप, कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा
पोक्सो कोर्ट ने दो महिलाओं को नाबालिगों पर झूठे रेप आरोप और यौन शोषण के लिए 20-20 साल की सजा सुनाई। अलवर मामले में दोषी महिला का 9 महीने का बेटा भी जेल जाएगा, जबकि उदयपुर में पीड़ित नाबालिग को मुआवजा देने की सिफारिश की गई।

अलवर की पोक्सो कोर्ट नंबर-4 ने एक सनसनीखेज मामले में फैसला सुनाते हुए एक महिला को 20 साल की सजा दी है। महिला ने अपने ही रिश्ते में भतीजे लगने वाले नाबालिग पर रेप का झूठा आरोप लगाया था, लेकिन जांच में उल्टा सच सामने आया। कोर्ट ने महिला को दोषी ठहराते हुए कहा कि उसका कृत्य समाज को शर्मसार करने वाला है।
तिजारा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली इस महिला ने 11 अगस्त 2024 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि उसका नाबालिग भतीजा पिछले छह महीनों से उसके साथ रेप कर रहा है और फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देता है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की और कॉल रिकॉर्ड्स खंगाले। जांच में पता चला कि दोनों के बीच छह महीनों में 832 बार फोन पर बात हुई थी।
पुलिस को मामला संदिग्ध लगा और गहराई से जांच करने पर खुलासा हुआ कि महिला ही नाबालिग भतीजे को घरवालों के न होने पर अपने घर बुलाती थी। उस समय भतीजा 18 साल से कम उम्र का था। पुलिस ने सारे सबूत कोर्ट में पेश किए, जिसके आधार पर जज हिमांकनी गौड़ ने महिला को दोषी ठहराया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "चाची का दर्जा मां के समान होता है। ऐसा कृत्य समाज को शर्मसार करता है।"
9 महीने के बच्चे को भी जेल की सजा
मामले की सुनवाई के दौरान महिला गर्भवती थी और उसका 9 महीने का बेटा भी है। उसने कोर्ट से अपने बच्चे को जेल में साथ रखने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। अब मासूम बच्चे को भी मां के साथ जेल में रहना होगा।
उदयपुर: नाबालिग को नशा देकर शोषण, युवती को 20 साल की सजा
उदयपुर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में भी एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां पोक्सो कोर्ट नंबर-2 ने शेखा बानू नाम की युवती को 20 साल की कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने पीड़ित नाबालिग को 50 हजार रुपये मुआवजे की सिफारिश भी की।
31 मार्च 2023 को एक व्यक्ति ने प्रतापनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कानोड़ के पिंजारों का मोहल्ला निवासी शेखा बानू उनके 17 साल के बेटे को अपने साथ ले गई थी। उसने नाबालिग को नशा देकर उसका यौन शोषण किया। पुलिस जांच में शेखा बानू की करतूत सामने आई, जिसके बाद कोर्ट ने उसे पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोषी ठहराया। जज संजय कुमार भटनागर ने सख्त टिप्पणी करते हुए उसे 20 साल की सजा सुनाई।