सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की जमानत रद्द कर दी, जो 2021 में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनकड़ की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी हैं। जस्टिस संजय करोल और पी.के. मिश्रा की खंडपीठ ने सुशील को एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया। यह फैसला सागर के पिता अशोक धनकड़ की याचिका पर आया, जिन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के 4 मार्च 2025 के जमानत आदेश को चुनौती दी थी।
सागर धनकड़ हत्या कांड
4 मई 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग क्षेत्र में सागर धनकड़ और उनके दो दोस्तों, सोनू और अमित कुमार पर सुशील कुमार और उनके सहयोगियों ने कथित तौर पर हमला किया। यह हमला कथित रूप से एक संपत्ति विवाद के कारण हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, सागर की मृत्यु सिर पर भारी वस्तु से चोट के कारण मस्तिष्क क्षति से हुई। उनके दोस्त घायल हो गए। दिल्ली पुलिस ने सुशील को इस हत्या का “मास्टरमाइंड” बताया, जो अपनी कुश्ती समुदाय में घटती प्रतिष्ठा को फिर से स्थापित करना चाहता था।
जमानत रद्द और सरेंडर का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के जमानत आदेश को “अस्थिर” माना, खासकर क्योंकि सागर के पिता ने दावा किया कि सुशील ने अंतरिम जमानत पर रहते हुए एक प्रमुख गवाह को धमकी दी थी। कोर्ट ने सुशील को एक सप्ताह में सरेंडर करने का निर्देश दिया। सागर के पिता की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ मृदुल और सुशील की ओर से महेश जेठमलानी ने पैरवी की। कोर्ट ने गवाहों को धमकी और सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका को गंभीरता से लिया।
सुशील कुमार का जमानत संघर्ष
सुशील को मई 2021 में 18 दिन तक फरार रहने के बाद मुंडका, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। हाई कोर्ट ने मार्च 2025 में उन्हें जमानत दी थी, क्योंकि वह साढ़े तीन साल से अधिक समय तक हिरासत में थे और 186 गवाहों में से केवल 30 की गवाही हो पाई थी। सुशील ने तर्क दिया था कि मुकदमे में देरी हो रही है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस जमानत को रद्द कर दिया, क्योंकि अशोक धनकड़ ने गवाहों पर दबाव और खाप पंचायतों के जरिए समझौते की कोशिशों का आरोप लगाया।
मुकदमे की स्थिति
अक्टूबर 2022 में दिल्ली की एक सत्र अदालत ने सुशील और 17 अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, दंगा, अपहरण और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय किए। पुलिस का दावा है कि एक वायरल वीडियो में सुशील हमले के दौरान मौके पर मौजूद थे। सुशील ने इन आरोपों से इनकार किया है। इस मामले में अभी 150 से अधिक गवाहों की गवाही बाकी है, और सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मुकदमे को तेज करने का संदेश देता है।
सुशील का करियर और विवाद
सुशील कुमार, जिन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता, भारतीय कुश्ती के सितारे रहे हैं। लेकिन इस हत्या कांड ने उनकी छवि को गहरा धक्का पहुंचाया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें रेलवे की नौकरी से निलंबित कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उनके लिए बड़ा झटका है, और अब उनका भविष्य कोर्टरूम की लड़ाई पर निर्भर है।