Nifty Bank और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में जोरदार उछाल: एसएंडपी अपग्रेड से मिला बूस्ट
निफ्टी बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 1.3-2% की तेजी, एसएंडपी के 10 वित्तीय संस्थानों की रेटिंग अपग्रेड और भारत की आर्थिक मजबूती से निवेशक उत्साहित। इससे बॉन्ड यील्ड में कमी और विदेशी निवेश में बढ़ोतरी की उम्मीद।

18 अगस्त 2025 की सुबह 10:10 बजे तक निफ्टी बैंक इंडेक्स 1.3% से अधिक की बढ़त के साथ 56,035 के आसपास कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में करीब 2% की उछाल देखी गई और यह 26,810 के स्तर पर पहुंच गया। इस तेजी के पीछे कई अहम कारण हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल की ओर से की गई रेटिंग अपग्रेड सबसे प्रमुख है। इस अपग्रेड ने न केवल बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के शेयरों को उड़ान दी, बल्कि पूरे वित्तीय क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।
एसएंडपी का रेटिंग अपग्रेड: भारत की आर्थिक मजबूती को मिली वैश्विक पहचान
15 अगस्त को एसएंडपी ग्लोबल ने भारत के 10 शीर्ष वित्तीय संस्थानों की रेटिंग में सुधार किया। इस अपग्रेड में सात बैंकों - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), ICICI बैंक, HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक - के साथ-साथ तीन वित्तीय कंपनियों - बजाज फाइनेंस, टाटा कैपिटल और L&T फाइनेंस - की लॉन्ग-टर्म इश्यूअर क्रेडिट रेटिंग को बढ़ाया गया। एसएंडपी ने अपने बयान में कहा, "हमें उम्मीद है कि भारत के बैंक अगले 12-24 महीनों में पर्याप्त एसेट क्वालिटी, अच्छी लाभप्रदता और मजबूत पूंजीकरण बनाए रखेंगे। कुछ क्षेत्रों में तनाव के बावजूद, सिस्टम में क्रेडिट जोखिम कम हुआ है।"
यह अपग्रेड भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि की गति को दर्शाता है। इससे पहले, एसएंडपी ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में भी सुधार किया था, जिसने निवेशकों के बीच सकारात्मक माहौल बनाया। इस खबर के बाद 18 अगस्त की सुबह बैंक और NBFC शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई, जिसने निफ्टी बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स को हरे निशान में धकेल दिया।
बाजार पर व्यापक प्रभाव: बॉन्ड यील्ड में कमी, विदेशी निवेश में बढ़ोतरी
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, "एसएंडपी का अपग्रेड भारतीय बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मैक्रो और संरचनात्मक सकारात्मक कदम है। इससे बॉन्ड यील्ड में कमी और जोखिम की धारणा में बदलाव के कारण वैल्यूएशन में वृद्धि की संभावना है।" इसके अलावा, उच्च सॉवरेन रेटिंग से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के डेट फ्लो में बढ़ोतरी होगी, जिसका असर USDINR और सरकारी बॉन्ड यील्ड पर भी दिखेगा।
विशेष रूप से, विदेशी मुद्रा में भारी उधारी लेने वाली भारतीय वित्तीय कंपनियां, जैसे बजाज फाइनेंस, ECB मार्केट में 15-20 बेसिस पॉइंट्स की कूपन भुगतान में कमी का फायदा उठा सकती हैं। इससे उनकी लागत में कमी आएगी और लाभप्रदता बढ़ेगी।
निवेशकों का भरोसा बढ़ा, शेयरों में दिखी तेजी
एसएंडपी की इस घोषणा के बाद निवेशकों का उत्साह साफ देखा जा सकता है। सुबह के कारोबारी सत्र में बैंकों और NBFC के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया। इस तेजी ने न केवल निफ्टी बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स को ऊपर उठाया, बल्कि पूरे वित्तीय क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बनाया। निवेशक अब भविष्य में बेहतर रिटर्न की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि भारत की आर्थिक मजबूती और वित्तीय संस्थानों की बेहतर स्थिति वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कर रही है।
भविष्य की संभावनाएं स्थिरता और विकास की राह
एसएंडपी के अपग्रेड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र अगले कुछ वर्षों में स्थिरता और विकास के रास्ते पर है। कम क्रेडिट जोखिम, बेहतर पूंजीकरण और मजबूत आर्थिक वृद्धि के दम पर भारत का वित्तीय क्षेत्र न केवल घरेलू निवेशकों के लिए, बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी आकर्षक बन रहा है। यह तेजी न सिर्फ शेयर बाजार में, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।