NDA ने की उपराष्ट्रपति पद के दावेदार की घोषणा ,जानिए कौन है सीपी राधाकृष्णन
एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने यह घोषणा की, जिसमें राधाकृष्णन की राजनीतिक पृष्ठभूमि और दक्षिण भारत में भाजपा की मजबूती पर जोर दिया गया। चुनाव 9 सितंबर को होना है, और विपक्ष ने अभी अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

नई दिल्ली, 17 अगस्त 2025 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को इस पद के लिए चुना गया है। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल थे।
जे पी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "सी पी राधाकृष्णन एक अनुभवी नेता हैं, जिनकी राजनीतिक यात्रा आरएसएस और जनसंघ से शुरू हुई। उनकी उम्मीदवारी एनडीए की एकता और दक्षिण भारत में मजबूत आधार को दर्शाती है।" यह चुनाव 9 सितंबर को होना निर्धारित है, जबकि नामांकन की अंतिम तिथि 22 अगस्त है।
सी पी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था। उन्होंने वी ओ चिदंबरम कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और मात्र 16 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए। बाद में वे जनसंघ और फिर भाजपा के प्रमुख सदस्य बने। उनका राजनीतिक करियर लंबा और विविध रहा है।
राधाकृष्णन कोयंबटूर लोकसभा क्षेत्र से दो बार (1998 और 1999) सांसद चुने गए। वे 2003 से 2006 तक तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2016 से 2020 तक वे ऑल इंडिया कोयर बोर्ड के चेयरमैन के रूप में कार्यरत थे। 2020 से 2022 तक वे केरल भाजपा के प्रभारी रहे। फरवरी 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया, जहां उन्होंने मार्च से जुलाई 2024 तक तेलंगाना के राज्यपाल और पुदुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
31 जुलाई 2024 को राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली, जहां उन्होंने रमेश बैस का स्थान लिया। एक कृषक पृष्ठभूमि वाले राधाकृष्णन को दक्षिण भारत में भाजपा की मजबूती प्रदान करने का श्रेय दिया जाता है। उनकी उम्मीदवारी को राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा एनडीए की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, खासकर दक्षिणी राज्यों में प्रभाव बढ़ाने के लिए।
विपक्षी दलों ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन एनडीए की मजबूत स्थिति को देखते हुए राधाकृष्णन की जीत की संभावना प्रबल मानी जा रही है। अधिक अपडेट के लिए बने रहें।