राजस्थान में भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक को लेकर चिकित्सा विभाग की चेतावनी: ब्रेन हैमरेज, हार्ट फेल्योर और अनियमित धड़कनों का खतरा...
राजस्थान में गर्मी का प्रकोप अपने चरम पर पहुंच चुका है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने के साथ हीटवेव की स्थिति ने पूरे राज्य में स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है। राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीट स्ट्रोक, ब्रेन हैमरेज, हार्ट फेल्योर और दिल की अनियमित धड़कनों के बढ़ते खतरों को लेकर एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। विभाग ने आमजन को सावधानी बरतने और बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी है ताकि इस जानलेवा स्थिति से बचा जा सके।

जयपुर, 22 मई 2025:राजस्थान में भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक को लेकर चिकित्सा विभाग की चेतावनी: ब्रेन हैमरेज, हार्ट फेल्योर और अनियमित धड़कनों का खतरा...
राजस्थान में गर्मी का प्रकोप अपने चरम पर पहुंच चुका है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने के साथ हीटवेव की स्थिति ने पूरे राज्य में स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है। राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीट स्ट्रोक, ब्रेन हैमरेज, हार्ट फेल्योर और दिल की अनियमित धड़कनों के बढ़ते खतरों को लेकर एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। विभाग ने आमजन को सावधानी बरतने और बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी है ताकि इस जानलेवा स्थिति से बचा जा सके।
हीटवेव और स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव
चिकित्सा विभाग के अनुसार, राजस्थान के कई जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। जयपुर के एसएमएस अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मनीष अग्रवाल ने बताया कि अत्यधिक गर्मी शरीर की नसों और खून की संरचना को प्रभावित करती है, जिसके परिणामस्वरूप खून गाढ़ा हो सकता है। इससे ब्रेन हैमरेज और हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। कार्डियोलॉजिस्ट्स का कहना है कि गर्मी के कारण ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव और हृदय पर अतिरिक्त दबाव के चलते दिल की धड़कनें अनियमित हो सकती हैं, जो हार्ट फेल्योर का कारण बन सकता है।
हीट स्ट्रोक के लक्षणों में तेज सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, त्वचा का लाल या शुष्क होना, तेजी से सांस लेना और हृदय गति का बढ़ना शामिल हैं। कुछ मामलों में यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। विशेष रूप से कुपोषित बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और श्रमिक इसकी चपेट में अधिक आते हैं।
चिकित्सा विभाग की तैयारियां
राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव और इससे संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने सभी जिलों को हीटवेव प्रबंधन की दैनिक रिपोर्टिंग के निर्देश दिए हैं। सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में हीट स्ट्रोक के लिए अलग वार्ड स्थापित करने, आवश्यक दवाइयों, ओआरएस, आइस पैक और इंट्रावेनस फ्लूइड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। अस्पतालों में कूलर, पंखे, एयर कंडीशनर और ठंडे पेयजल की व्यवस्था को अनिवार्य किया गया है।
विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि किसी मरीज को चिकित्सा सुविधाओं में कमी के कारण परेशानी होती है, तो संबंधित संस्थान के प्रभारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, मलेरिया और डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए भी जिला स्तर पर समितियों का गठन किया गया है।
चिकित्सा विभाग द्वारा सुझाए गए बचाव के उपाय
हीट स्ट्रोक और गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए चिकित्सा विभाग ने निम्नलिखित उपाय सुझाए हैं:
हाइड्रेशन बनाए रखें: दिन में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पिएं। ओआरएस और नारियल पानी का सेवन करें ताकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बना रहे।
हल्के और सूती कपड़े पहनें: हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें और पूरी बाजू के कपड़ों का उपयोग करें ताकि त्वचा धूप से बची रहे।
धूप से बचें: सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक तेज धूप में बाहर निकलने से बचें। यदि बाहर जाना आवश्यक हो तो छाता, टोपी या स्कार्फ का उपयोग करें।
ताजा भोजन करें: भारी, तैलीय और जंक फूड से बचें। खीरा, तरबूज, ककड़ी जैसे मौसमी फल और सब्जियां खाएं।
लक्षणों पर तुरंत ध्यान दें
यदि तेज सिरदर्द, चक्कर, उल्टी या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत छांव में जाएं, पानी पिएं और नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
शारीरिक मेहनत सीमित करें: तेज धूप में भारी शारीरिक कार्य करने से बचें, क्योंकि इससे शरीर का तापमान तेजी से बढ़ सकता है।
हृदय रोगियों के लिए विशेष सावधानी: हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि गर्मी इन समस्याओं को और गंभीर बना सकती है।
हाल की स्थिति और अलर्ट
मौसम विभाग ने राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में हीटवेव का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जयपुर, बीकानेर, जोधपुर और अन्य जिलों में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। हाल के दिनों में गर्मी के कारण कई लोगों की जान जाने की खबरें भी सामने आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल तापमान पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रह सकता है, जिसके चलते स्वास्थ्य जोखिम और बढ़ गए हैं।
सार्वजनिक जागरूकता और सलाह
चिकित्सा विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे गर्मी के इस मौसम में लापरवाही न बरतें। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर ठंडे पानी और छायादार स्थानों की व्यवस्था करने के लिए भी निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को पानी और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की नियमित जांच करने के लिए कहा गया है ताकि मौसमी बीमारियों से बचा जा सके।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पालन करें
राजस्थान में बढ़ती गर्मी और हीटवेव के चलते स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए चिकित्सा विभाग ने समय रहते कदम उठाए हैं। आमजन को सलाह दी जाती है कि वे विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लें। गर्मी के इस मौसम में सावधानी और जागरूकता ही जीवन रक्षा का सबसे बड़ा उपाय है।