राजस्थान में विधायकों की सैलरी में जल्द होगी बढ़ोतरी, भत्तों और पेंशन पर भी नजर
राजस्थान में विधायकों की सैलरी में 10% बढ़ोतरी प्रस्तावित है, जिससे मूल वेतन 40 हजार से 44 हजार रुपये होगा। भत्तों और पूर्व विधायकों की पेंशन में भी वृद्धि की संभावना है।

राजस्थान के विधायकों के लिए अच्छी खबर है। उनकी सैलरी में जल्द ही 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने वाली है। वर्तमान में एक विधायक का मूल वेतन 40 हजार रुपये प्रतिमाह है, जो बढ़कर 44 हजार रुपये हो जाएगा। इस बढ़ोतरी से विधायकों को सालाना 48 हजार रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। सैलरी के साथ-साथ भत्तों को मिलाकर अभी विधायकों को हर महीने करीब 1 लाख 47 हजार रुपये मिलते हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार भत्तों में भी बढ़ोतरी पर विचार कर रही है, जिससे विधायकों की कुल आय में और इजाफा हो सकता है।
मार्च 2025 में शुरू हुई थी तैयारी
सूत्रों के अनुसार, मार्च 2025 में राज्य सरकार ने बजट सत्र से पहले विधायकों के वेतन में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया था। इस प्रस्ताव को विधि विभाग को भेजा गया था। अब 15 अगस्त से पहले विधानसभा सत्र शुरू होने की संभावना है, जिसमें इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
पूर्व विधायकों की पेंशन भी बढ़ेगी
पिछले साल 29 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा में घोषणा की थी कि विधायकों की सैलरी और पूर्व विधायकों की पेंशन में हर साल बढ़ोतरी होगी। इस घोषणा को एक साल पूरा हो चुका है। ऐसे में अब विधायकों के वेतन के साथ-साथ पूर्व विधायकों की पेंशन में भी बढ़ोतरी लगभग तय मानी जा रही है।
मंत्रियों के वेतन पर स्थिति स्पष्ट नहीं
हालांकि, कैबिनेट सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव अभी तक नहीं है। राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित कुल 24 मंत्री हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी होती है, तो इसकी घोषणा अलग से की जा सकती है।
भत्तों में बढ़ोतरी की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, सरकार न केवल मूल वेतन बल्कि विधायकों के भत्तों में भी बढ़ोतरी पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो विधायकों की मासिक आय में और वृद्धि होगी। यह कदम विधायकों के लिए आर्थिक रूप से राहत देने वाला हो सकता है, लेकिन जनता के बीच इसकी मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।
विधायकों की सैलरी और भत्तों में बढ़ोतरी का यह प्रस्ताव जनता के बीच चर्चा का विषय बन सकता है। एक तरफ जहां विधायक इसे अपने कामकाज के लिए जरूरी मान सकते हैं, वहीं आम जनता इस बढ़ोतरी को लेकर सवाल भी उठा सकती है। अब सभी की नजर 15 अगस्त से पहले शुरू होने वाले विधानसभा सत्र पर टिकी है, जहां इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।