बीसलपुर बांध का ऐतिहासिक पल - जुलाई में पहली बार खुले गेट, सवा करोड़ लोगों के लिए बही खुशियों की बहार।

बीसलपुर बांध के 21 साल के इतिहास में पहली बार जुलाई में गेट खोले गए। 24 जुलाई 2025 को जयपुर, अजमेर और टोंक की जीवनरेखा कहे जाने वाले इस बांध से डाउनस्ट्रीम में पानी की निकासी शुरू हुई। यह बांध सवा करोड़ लोगों को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएगा। मानसून की भारी बारिश के कारण बांध पूर्ण क्षमता पर पहुंचा, और यह पानी ईसरदा बांध तक जाएगा।

Jul 25, 2025 - 10:17
बीसलपुर बांध का ऐतिहासिक पल - जुलाई में पहली बार खुले गेट, सवा करोड़ लोगों के लिए बही खुशियों की बहार।

जयपुर, अजमेर और टोंक की जीवनरेखा कहे जाने वाले बीसलपुर बांध ने इस बार इतिहास रच दिया है। 21 साल के इतिहास में पहली बार बांध के गेट जुलाई महीने में खोले गए हैं। गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को स्थानीय विधायक राजेंद्र गुर्जर और टोंक कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने स्काडा सिस्टम का बटन दबाकर बांध का एक गेट खोला, जिसके साथ ही डाउनस्ट्रीम में पानी की निकासी शुरू हो गई। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए राहत की खबर है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि इस साल मानसून की मेहरबानी ने बीसलपुर बांध को समय से पहले पूर्ण क्षमता तक पहुंचा दिया।

बांध की स्थिति और महत्व

बीसलपुर बांध राजस्थान के तीन प्रमुख जिलों - जयपुर, अजमेर और टोंक - के लिए जलापूर्ति का मुख्य स्रोत है। इस बांध से करीब सवा करोड़ लोगों को पेयजल उपलब्ध होता है। वर्तमान में बांध में 16 टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) पानी पेयजल के लिए और 8 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए सुरक्षित किया गया है। यह जल भंडार अगले डेढ़ साल तक इन क्षेत्रों की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगा। मानसून के अभी डेढ़ से दो महीने शेष होने के कारण विशेषज्ञों का मानना है कि बांध के गेट लगातार खुले रह सकते हैं, जिससे डाउनस्ट्रीम में पानी की निकासी जारी रहेगी। 

ऐतिहासिक उपलब्धि

बीसलपुर बांध के गेट अब तक आठ बार खोले गए हैं, लेकिन जुलाई में ऐसा पहली बार हुआ है। इससे पहले बांध के गेट हमेशा अगस्त या सितंबर में ही खोले गए थे। नीचे दी गई सूची में बीसलपुर बांध के गेट खोले जाने की तारीखें और वर्ष दर्शाए गए हैं

2004: 16 अगस्त 

2006: 19 अगस्त

2014: 13 अगस्त

2016: 9 अगस्त

2019: 19 अगस्त

2022: 26 अगस्त

2024: 6 सितंबर

2025: 24 जुलाई 

इस बार जुलाई में गेट खोलने की घटना इसलिए भी खास है, क्योंकि यह बांध के 21 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है। मानसून की शुरुआत में ही भारी बारिश के कारण बांध अपनी पूर्ण भराव क्षमता तक पहुंच गया, जो एक नया रिकॉर्ड है।

 मानसून की मेहरबानी और अन्य बांधों की स्थिति

इस साल राजस्थान में मानसून ने समय से पहले और जोरदार दस्तक दी है। राज्य में अब तक 190 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं, और बीसलपुर बांध भी इस सूची में शामिल हो गया है। बांध का एक गेट एक मीटर की ऊंचाई पर खोला गया है, जिसके जरिए डाउनस्ट्रीम में पानी की निकासी हो रही है। यह पानी ईसरदा बांध तक पहुंचेगा, जिससे आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई और अन्य जल जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

लोगों के लिए खुशखबरी

बीसलपुर बांध का ओवरफ्लो होना और गेट खुलना स्थानीय लोगों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। यह न केवल पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, बल्कि किसानों के लिए भी सिंचाई की सुविधा प्रदान करता है। बांध के पानी से न केवल शहरी क्षेत्रों की प्यास बुझती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेती को भी बढ़ावा मिलता है। मानसून के शेष समय में और अधिक बारिश की संभावना को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि बांध की स्थिति और बेहतर होगी। 

बीसलपुर बांध का जुलाई में गेट खुलना एक ऐतिहासिक घटना है, जो राजस्थान के लिए सुखद समाचार लेकर आई है। यह न केवल बांध की मजबूत स्थिति को दर्शाता है, बल्कि मानसून की सक्रियता और जल प्रबंधन की सफलता को भी रेखांकित करता है। सवा करोड़ लोगों की प्यास बुझाने और खेतों को हरा-भरा करने वाला यह बांध एक बार फिर से उम्मीदों का प्रतीक बन गया है।