शहीद डालूराम की अंतिम विदाई: तिरंगे में लिपटा अमर बलिदान, गूंजे भारत माता की जय

फिरोजपुर (पंजाब) में ड्रग्स तस्करी के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के दौरान बीएसएफ हेड कॉन्स्टेबल डालूराम (52) शहीद हो गए। 7 जुलाई की रात खेत में कुएं में गिरने से उनके सिर में गंभीर चोट लगी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। बुधवार को उनके पैतृक गांव होडू (बालोतरा, राजस्थान) में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए।

Jul 9, 2025 - 18:59
शहीद डालूराम की अंतिम विदाई: तिरंगे में लिपटा अमर बलिदान, गूंजे भारत माता की जय

पंजाब के फिरोजपुर में ड्रग्स तस्करी के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए बीएसएफ हेड कॉन्स्टेबल डालूराम (52) का बुधवार को उनके पैतृक गांव होडू (बालोतरा, राजस्थान) में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनकी पत्नी कमला देवी (48) और बेटी सरोज (23) सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था। बेटी और पत्नी बार-बार बेसुध हो रही थीं, जिन्हें परिजनों ने संभाला।

अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

शहीद की अंतिम यात्रा में होडू समेत आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग शामिल हुए। स्कूली बच्चे तिरंगा लेकर आगे चल रहे थे, जबकि 'भारत माता की जय' और 'जब तक सूरज चांद रहेगा, शहीद डालूराम तेरा नाम रहेगा' के नारे गूंज रहे थे। शहीद के बेटे दिलीप सिंह (25) ने मुखाग्नि दी।

हादसे में गई जान

हेड कॉन्स्टेबल डालूराम, जो बालोतरा जिले की सिणधरी पंचायत समिति के होडू गांव के निवासी थे, फिरोजपुर में तैनात थे। 7 जुलाई की रात बीएसएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि ममदोट ब्लॉक के जल्लोके गांव के खेत में पाकिस्तानी ड्रोन से हेरोइन की खेप आई है। सर्च ऑपरेशन के दौरान खेत में खड़ी फसल के बीच डालूराम को एक कुआं दिखाई नहीं दिया और वे उसमें गिर गए। कुएं में बोरवेल होने के कारण उनके सिर में गंभीर चोट लगी। रात 9:30 बजे इलाज के दौरान अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

फिरोजपुर से होडू तक अंतिम यात्रा

फिरोजपुर में शहीद की पार्थिव देह को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सड़क मार्ग से पार्थिव देह को बाड़मेर और फिर बालोतरा लाया गया। बुधवार को होडू गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

डालूराम का पारिवारिक और सेवा जीवन

डालूराम 1995 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। उनके पिता का दो साल पहले निधन हो चुका है, जबकि मां पारू देवी (70) जीवित हैं। उनके बेटे दिलीप सिंह और बेटी सरोज की शादी हो चुकी है। डालूराम मई में परिवार में शादी के लिए गांव आए थे और 21 मई को ड्यूटी पर लौट गए थे। वे ऑपरेशन सिंदूर में भी शामिल थे। उनके ममेरे भाई चेनाराम ने बताया कि डालूराम देश सेवा के लिए समर्पित थे।

शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे अधिकारी

अंतिम संस्कार में बीएसएफ डीआईजी राज कुमार, सिवाना विधायक हमीर सिंह, बालोतरा एडीएम गुंजन सोनी, सिणधरी एसडीएम जगदीश सिंह आशिया, बायतु डीएसपी शिव नारायण चौधरी, सिणधरी एसएचओ देवी किशन, तहसीलदार ओम अमृत सहित कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए।

शहीद डालूराम के बलिदान को गांववासियों और देशवासियों ने नमन किया, और उनके अमर रहने की कामना की।

Yashaswani Journalist at The Khatak .