नशा तस्करी पर पुलिस की बड़ी चोट,1.5 करोड़ की मैफेड्रोन ड्रग्स के साथ तस्कर गिरफ्तार
नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 307.6 ग्राम मैफेड्रोन (1.5 करोड़ रुपये कीमत) के साथ समुन्द्रसिंह को गिरफ्तार किया। एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज, जांच जारी।

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में नशे के काले कारोबार के खिलाफ पुलिस ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है। पुलिस अधीक्षक हरी शंकर के नेतृत्व में चलाए जा रहे 'जीरो टॉलरेंस अभियान' के तहत संगरिया पुलिस ने 307.6 ग्राम मैफेड्रोन (एम.डी.) के साथ एक कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार किया है। जब्त मादक पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत करीब 1.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह कार्रवाई नशा तस्करी के खिलाफ जिले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है।
नाकाबंदी में पकड़ा गया तस्कर
पुलिस अधीक्षक हरी शंकर के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जनेश तंवर और वृत्ताधिकारी कर्ण सिंह के सुपरविजन में थानाधिकारी अमर सिंह ने अपनी टीम के साथ संगरिया-टिब्बी मार्ग पर भारतमाला रोड पुलिया के पास नाकाबंदी की। इस दौरान संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर एक व्यक्ति को रोका गया, जिसकी पहचान समुन्द्रसिंह (24) के रूप में हुई। चित्तौड़गढ़ जिले के तुमडिया गांव का निवासी समुन्द्रसिंह पहले भी नशा तस्करी के कई मामलों में शामिल रहा है।
तलाशी के दौरान उसके पास से 307.6 ग्राम मैफेड्रोन बरामद किया गया, जिसे नशे के कारोबार में एक खतरनाक मादक पदार्थ माना जाता है। पुलिस ने तुरंत आरोपी को हिरासत में ले लिया और उसके खिलाफ प्रकरण संख्या 448/2025 के तहत एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/22 के तहत मामला दर्ज किया गया।
जांच में जुटी पुलिस, नेटवर्क का खुलासा जल्द
मामले की जांच थानाधिकारी अजय गिरधर को सौंपी गई है, जो इस नशा तस्करी के नेटवर्क के पीछे के बड़े चेहरों का पता लगाने में जुटे हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, समुन्द्रसिंह से पूछताछ में कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है, जिससे इस अवैध कारोबार के अन्य लोगों तक पहुंचा जा सकता है। पुलिस अधीक्षक हरी शंकर ने बताया कि जिले में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और तस्करों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई
इस कार्रवाई में थानाधिकारी अमर सिंह के नेतृत्व में हेड कॉन्स्टेबल विजय सिंह, कॉन्स्टेबल रविन्द्र कुमार, राजेन्द्र कुमार, लक्ष्मण राम और मनोज कुमार की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेष रूप से हेड कॉन्स्टेबल विजय सिंह, कॉन्स्टेबल रामावतार और राजेन्द्र कुमार की तत्परता की प्रशंसा की जा रही है। यह कार्रवाई पुलिस की सतर्कता और समर्पण का एक जीवंत उदाहरण है, जिसने नशे के सौदागरों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
नशे के खिलाफ हनुमानगढ़ पुलिस का संकल्प
हनुमानगढ़ पुलिस का यह अभियान केवल तस्करों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद युवाओं को नशे की लत से बचाना और समाज को इस जहर से मुक्त करना है। पुलिस अधीक्षक हरी शंकर ने सभी थाना अधिकारियों को नशा तस्करी, अवैध हथियारों, जुआ, सट्टा और अन्य अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
एसपी ने आम जनता से भी अपील की है कि वे नशा तस्करी से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी पुलिस तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य हनुमानगढ़ को नशा मुक्त बनाना है। इसके लिए पुलिस और जनता का सहयोग जरूरी है।"