स्कूली बच्चों से उतरवाए जा रहे शराब के कार्टन, वायरल वीडियो ने मचाई खलबली

जैसलमेर के रासला गांव में स्कूली बच्चों से शराब की दुकान पर कार्टन उतरवाने का वीडियो वायरल, समाज और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग।

Aug 16, 2025 - 17:12
स्कूली बच्चों से उतरवाए जा रहे शराब के कार्टन, वायरल वीडियो ने मचाई खलबली

राजस्थान के सीमावर्ती जिले जैसलमेर में एक ऐसा दृश्य सामने आया है जो हर किसी को झकझोर रहा है। फतेहगढ़ उपखंड के रासला गांव में एक शराब की दुकान पर स्कूली बच्चे शराब से भरी गाड़ी खाली करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि स्कूल यूनिफॉर्म पहने बच्चे ट्रक से शराब के कार्टन उतारकर दुकान के अंदर ले जा रहे हैं, जबकि कुछ बड़े लोग बस देखते रहते हैं या हल्की-फुल्की मदद करते हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में गुस्सा भड़क रहा है। आखिर पढ़ाई के समय बच्चों से ऐसी मजदूरी क्यों करवाई जा रही है? क्या यह उनके मासूम दिमाग पर गलत असर नहीं डालेगा?

घटना का वीडियो सबसे पहले स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर शेयर किया। इसमें रासला गांव की एक देशी मदिरा दुकान दिख रही है, जहां सफेद ट्रक खड़ा है। बच्चे नीली शर्ट और गहरे रंग की पैंट में हैं, जो स्कूल ड्रेस जैसी लग रही है। वे हरे रंग के कार्टन (जिनमें शराब की बोतलें होने की संभावना है) उठाकर दुकान के अंदर रखते दिख रहे हैं। आसपास रेतीली जमीन, कुछ कुत्ते घूमते हुए और दूर-दूर तक फैला रेगिस्तानी इलाका। वीडियो में कोई आवाज नहीं है, लेकिन दृश्य खुद ब खुद सब कुछ बयां कर रहे हैं। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, यह घटना स्कूल टाइम के दौरान हुई, जब बच्चों को क्लास में होना चाहिए था।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो आग की तरह फैल रहा है। थार क्रॉनिकल नाम के एक लोकल न्यूज हैंडल ने इसे शेयर करते हुए लिखा, "जैसलमेर में स्कूली बच्चों से शराब के कार्टन उतरवाने का मामला सामने आया। फतेहगढ़ उपखंड के रासला गांव की शराब की दुकान का बताया जा रहा वीडियो।" उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय, राजस्थान पुलिस और जैसलमेर पुलिस को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की। इसी तरह, दीपक सोनी पोकरण नाम के एक रिपोर्टर ने पोस्ट किया, "इससे विद्यार्थी नशे के लिए जागरूक होंगे या नशामुक्ति के लिए?" पुलिस पोस्ट नाम के अकाउंट ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को संबोधित करते हुए कहा, "किताबों की जगह छोटे बच्चों के हाथ में शराब के कार्टन!"

यह घटना सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक आईना है। बच्चे जो भविष्य के कर्णधार हैं, उन्हें नशे जैसी बुरी चीज से इतनी कम उम्र में जोड़ना कितना खतरनाक हो सकता है? विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अनुभव बच्चों के मन में गलत संदेश छोड़ सकते हैं, जिससे वे नशे को सामान्य मानने लगें। ग्रामीण इलाकों में पहले से ही शिक्षा की कमी है, ऊपर से ऐसी घटनाएं बच्चों को स्कूल से दूर कर सकती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शराब की दुकान वाले अक्सर आसपास के बच्चों को छोटे-मोटे कामों के लिए इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इस बार बात हद से आगे निकल गई।

जैसलमेर पुलिस और आबकारी विभाग पर अब दबाव बढ़ रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद कई यूजर्स ने ट्वीट कर मांग की है कि दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और बच्चों के अधिकारों की रक्षा की जाए। फर्स्ट इंडिया न्यूज के एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है। हालांकि, अभी तक पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। क्या सरकार इस पर संज्ञान लेगी? क्या बच्चों को ऐसी स्थिति से बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?

Yashaswani Journalist at The Khatak .