कुलगाम में सेना की बड़ी कार्रवाई: TRF के दो आतंकी ढेर, पहलगाम हमले का बदला पूरा.
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में 'ऑपरेशन अखल' के दौरान सुरक्षा बलों ने टीआरएफ के दो आतंकियों को मार गिराया, जो पहलगाम हमले में शामिल थे। एक आतंकी अभी छिपा है, सर्च ऑपरेशन जारी। यह ऑपरेशन हाल के 'ऑपरेशन महादेव' की सफलता के बाद हुआ, जिसमें तीन पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे।

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। शुक्रवार, 1 अगस्त को शुरू हुए 'ऑपरेशन अखल' में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम ने लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े दो आतंकवादियों को मार गिराया। मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान हारिस नज़ीर डार के रूप में हुई है, जो पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल था। खुफिया सूत्रों के अनुसार, एक अन्य आतंकी अभी भी क्षेत्र में छिपा हुआ है, जिसे पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
ऑपरेशन अखल: खुफिया जानकारी ने दिलाई कामयाबी
भारतीय सेना को कुलगाम के अखल वन क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों की पुख्ता खुफिया जानकारी मिली थी। इसके आधार पर सुरक्षा बलों ने शुक्रवार शाम को क्षेत्र की घेराबंदी शुरू की। जैसे ही सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ, जंगल में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने त्वरित और सटीक हमला करते हुए दो आतंकियों को ढेर कर दिया। माना जा रहा है कि ये आतंकी श्रीनगर के नजदीक दाचीगाम नेशनल पार्क के आसपास छिपे थे, जहां अब सुरक्षा बलों ने घेराबंदी और सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
पहलगाम हमले से जुड़ा है कनेक्शन
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, मारे गए आतंकी टीआरएफ के उन आतंकवादियों में शामिल थे, जिन्होंने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में भीषण आतंकी हमला किया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें दो विदेशी पर्यटक (इजरायल और इटली के) और कई स्थानीय नागरिक शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी, और इसे लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर अंजाम दिया गया था। खुफिया सूत्रों ने बताया कि आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाने के लिए सैन्य और पुलिस की वर्दी पहनकर हमला किया था, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी।
ऑपरेशन महादेव से ऑपरेशन अखल तक:
आतंक पर लगातार प्रहारयह मुठभेड़ हाल ही में हुए 'ऑपरेशन महादेव' के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसमें श्रीनगर के दाचीगाम जंगल में तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया था। इनमें लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर सुलेमान शाह उर्फ मूसा फौजी भी शामिल था, जो पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था। ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे, जिनमें 17 ग्रेनेड, एक एम4 कार्बाइन, और दो एके-47 राइफल शामिल थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इस ऑपरेशन की सफलता की पुष्टि करते हुए कहा था कि पहलगाम हमले के दोषियों को वैज्ञानिक और तकनीकी सबूतों के आधार पर चिह्नित कर ढेर किया गया।
सतर्कता और साहस: सुरक्षा बलों की रणनीति
कुलगाम में चल रहे ऑपरेशन अखल में सुरक्षा बलों ने रात भर रुक-रुक कर होने वाली गोलीबारी का जवाब दिया। भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने बताया कि सैनिकों ने सतर्कता और संयम के साथ जवाबी कार्रवाई की, जिससे आतंकियों पर दबाव बनाए रखा गया। क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, और घने जंगल में छिपे शेष आतंकी की तलाश जारी है। सूत्रों के मुताबिक, टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी इस क्षेत्र में सक्रिय थे, और उनकी गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने अपनी रणनीति को और सख्त कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में तेजी आई है। कुलगाम, पुंछ, शोपियां, और कुपवाड़ा जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने कई आतंकियों को मार गिराया है। हाल ही में पुंछ में घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को ढेर किया गया था, जबकि 25 जुलाई को कृष्णा घाटी सेक्टर में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में अग्निवीर ललित कुमार शहीद हो गए थे। इन घटनाओं के बावजूद, सुरक्षा बल आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत कर रहे हैं।
आगे की रणनीति और नागरिकों की सुरक्षा
अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि कुलगाम में ऑपरेशन अखल के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान को इस तरह से अंजाम दिया जा रहा है कि स्थानीय लोगों को कोई नुकसान न हो। गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियां आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इसके लिए खुफिया तंत्र को और मजबूत किया गया है। कुलगाम में ऑपरेशन अखल और इससे पहले ऑपरेशन महादेव की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय सुरक्षा बल आतंकवाद के खिलाफ अपनी जंग में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। पहलगाम हमले के दोषियों को सजा दिलाने के साथ-साथ, सुरक्षा बल कश्मीर घाटी में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। कुलगाम में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही बाकी आतंकी भी पकड़े जाएंगे या ढेर किए जाएंगे।