केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता का निधन: जोधपुर AIIMS में ली अंतिम सांस,
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता, श्री दाऊलाल वैष्णव का 8 जुलाई 2025 को जोधपुर AIIMS में निधन हो गया। लंबे समय से अस्वस्थ श्री दाऊलाल का इलाज चल रहा था, और अश्विनी तीन दिन पहले उनसे मिलने जोधपुर आए थे। सुबह 11:52 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दुखद घटना से परिवार, राजस्थान और देश में शोक की लहर है।

जोधपुर: आज, 8 जुलाई 2025 का दिन केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के लिए एक ऐसी त्रासदी लेकर आया, जिसने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे राजस्थान और देश को गहरे शोक में डुबो दिया। उनके पूज्य पिता, श्री दाऊलाल वैष्णव, ने आज जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में सुबह 11:52 बजे अपनी अंतिम सांस ली। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे श्री दाऊलाल की हालत पिछले कुछ दिनों से अत्यंत नाजुक थी, और चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया न जा सका।
अंतिम मुलाकात और इलाज की कोशिशें
श्री दाऊलाल वैष्णव पिछले कई दिनों से जोधपुर AIIMS में भर्ती थे, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, जो अपने व्यस्त राजनैतिक और प्रशासनिक दायित्वों के बावजूद अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे, तीन दिन पहले विशेष विमान से जोधपुर पहुंचे थे, ताकि अपने पिता से मुलाकात कर सकें। इस मुलाकात में उन्होंने चिकित्सकों के साथ गहन विचार-विमर्श किया और अपने पिता की स्थिति को समझने की कोशिश की। AIIMS जोधपुर ने भी उनकी गंभीर हालत को देखते हुए आधिकारिक बयान जारी किया था, जिसमें लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई थी।अस्पताल प्रशासन ने बताया कि श्री दाऊलाल वैष्णव को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की गई थीं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उनकी देखभाल में लगी थी, लेकिन उनकी उम्र और जटिल स्वास्थ्य स्थिति के कारण उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
अश्विनी वैष्णव और उनके पिता का अटूट रिश्ता
अश्विनी वैष्णव, जो एक पूर्व IAS अधिकारी, IIT कानपुर और व्हार्टन स्कूल से शिक्षित, और वर्तमान में भारत सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों के नेतृत्वकर्ता हैं, अपने पिता श्री दाऊलाल वैष्णव के बेहद करीब थे। श्री दाऊलाल, जो मूल रूप से राजस्थान के पाली जिले के जीवनंद कलां गांव के निवासी थे, बाद में अपने परिवार के साथ जोधपुर में बस गए थे। उन्होंने अपने बेटे को न केवल शिक्षा, बल्कि संस्कार और सादगी की ऐसी सीख दी, जो आज भी अश्विनी के व्यक्तित्व में स्पष्ट झलकती है।
2010 में जोधपुर यात्रा के दौरान अश्विनी वैष्णव ने अपने पिता द्वारा लिखी एक चिट्ठी का जिक्र किया था, जिसमें श्री दाऊलाल ने अपने बेटे को संस्कारों और नैतिकता का पाठ पढ़ाया था। यह पत्र उनके गहरे रिश्ते और पिता के मार्गदर्शन का प्रतीक था। अश्विनी ने कई मौकों पर कहा कि उनके जीवन की सफलता में उनके पिता की प्रेरणा और संस्कारों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
अश्विनी वैष्णव का जन्म 18 जुलाई 1970 को राजस्थान के पाली जिले में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जोधपुर के सेंट एंथोनी कॉन्वेंट स्कूल और महेश स्कूल में हुई। उन्होंने MBM इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्वर्ण पदक के साथ स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में IIT कानपुर से M.Tech और पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से MBA किया। 1994 में UPSC परीक्षा में 27वीं रैंक हासिल कर वे IAS अधिकारी बने और ओडिशा कैडर में अपनी सेवाएं दीं।
2019 में वे ओडिशा से राज्यसभा सांसद चुने गए और 2021 में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेल, संचार, और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनकी कार्यशैली और तकनीकी दृष्टिकोण ने रेलवे और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में कई महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।