खुशियों का कारवां बन गया मातम: कोटा में मिनी बस हादसा,4 की मौत

कोटा, राजस्थान में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर रविवार सुबह एक ज्वेलर परिवार, जो इंदौर से सगाई और गोदभराई समारोह से लौट रहा था, एक भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गया। ड्राइवर की झपकी के कारण मिनी बस एक खड़े ट्रक से टकरा गई, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। मृतक करौली के सीताबाड़ी इलाके के थे। घायलों को कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

Jul 13, 2025 - 11:51
खुशियों का कारवां बन गया मातम: कोटा में मिनी बस हादसा,4 की मौत

कोटा, राजस्थान: रविवार की सुबह, जब सूरज की पहली किरणें दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को रोशन कर रही थीं, एक खुशहाल परिवार की जिंदगी अचानक मातम में बदल गई। करौली के सीताबाड़ी इलाके का एक ज्वेलर परिवार, जो इंदौर में अपने बेटे की सगाई और गोदभराई के खुशी के पलों को मनाकर लौट रहा था, एक भयानक सड़क हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे ने न केवल चार अनमोल जिंदगियों को छीन लिया, बल्कि 10 अन्य लोगों को गंभीर चोटों के साथ अस्पताल पहुंचा दिया। यह हादसा एक छोटी सी लापरवाही, ड्राइवर की झपकी, का नतीजा था, जिसने एक परिवार की खुशियों को हमेशा के लिए अंधेरे में डुबो दिया।

हादसे की दर्दनाक घटना

शनिवार को, करौली के सीताबाड़ी निवासी सोनी परिवार इंदौर, मध्य प्रदेश, में अपने बेटे रानू की सगाई और गोदभराई समारोह में शामिल होने गया था। रानू, जो बेंगलुरु में एक इंजीनियर है, के लिए यह दिन खुशियों से भरा था। परिवार के 14 सदस्य मिनी बस (ट्रैवलर) में सवार होकर रात 9 बजे इंदौर से करौली के लिए निकले थे। रास्ते में हंसी-मजाक और समारोह की यादें उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेर रही थीं, लेकिन किसी को नहीं पता था कि यह यात्रा उनकी जिंदगी की आखिरी यात्रा बनने वाली थी।रविवार सुबह करीब 5 बजे, जब मिनी बस कोटा (ग्रामीण) के दीगोद उपखंड में चंबल पुल के पास बुढ़ादीत गांव के नजदीक पहुंची, एक पल की लापरवाही ने सब कुछ तबाह कर दिया। पुलिस के अनुसार, मिनी बस की रफ्तार काफी तेज थी, और ऐसा प्रतीत होता है कि ड्राइवर को नींद की झपकी आ गई। अनियंत्रित होकर मिनी बस आगे चल रहे एक खड़े ट्रक में पीछे से जा घुसी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि मिनी बस के परखच्चे उड़ गए, और उसमें सवार परिवार के सदस्यों की जिंदगियां पलभर में बिखर गईं।

चार अनमोल जिंदगियों का अंत

इस भीषण हादसे में सोनी परिवार के चार सदस्यों ने अपनी जान गंवा दी। मृतकों में दो सगे भाई, अनिल सोनी (48) और ब्रजेश सोनी (45), उनकी मां गीता सोनी (63), और गीता के दामाद सुरेश सोनी (45) शामिल थे। अनिल और ब्रजेश ज्वेलर थे, जिन्होंने अपने मेहनत और लगन से परिवार का नाम रोशन किया था, जबकि सुरेश एक सरकारी शिक्षक थे, जो भरतपुर में कार्यरत थे। हादसे में तीन लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि एक ने कोटा के एमबीएस अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। इन चारों की मौत ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया।

10 घायल, 7 की हालत गंभीर

हादसे में परिवार के 10 अन्य सदस्य घायल हो गए, जिनमें से 7 की हालत गंभीर बताई जा रही है। बुढ़ादीत पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घायलों को कोटा के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया। अनिल के भतीजे संजय ने बताया कि घायलों में सानिया, ममता, संजू, छोटू समेत सात लोग अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। चार गंभीर रूप से घायल लोगों को निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है, जबकि तीन का इलाज एमबीएस अस्पताल में चल रहा है। तीन अन्य सदस्यों को मामूली चोटें आई थीं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

पुलिस की जांच और ड्राइवर की लापरवाही

ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सुजीत शंकर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण ड्राइवर की नींद की झपकी प्रतीत होता है। मिनी बस की तेज रफ्तार और ड्राइवर की लापरवाही ने इस त्रासदी को जन्म दिया। हादसे के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया, और पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है। एक्सप्रेस-वे पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि हादसे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।

एक सबक: लापरवाही की कीमत

यह हादसा हमें एक बार फिर याद दिलाता है कि सड़क पर एक पल की लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। ड्राइवर की नींद की झपकी, जो शायद थकान या लंबी यात्रा का नतीजा थी, ने एक परिवार की खुशियों को हमेशा के लिए छीन लिया। यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा और ड्राइवर की सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है।