पैदल स्कूल से RPSC टॉपर तक: अंकिता गोयल बनीं गांव की पहली असिस्टेंट प्रोफेसर
अंकिता गोयल ने RPSC असिस्टेंट प्रोफेसर (फिजिक्स) परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल की, कठिन परिश्रम और परिवार के सहयोग से गांव की पहली बेटी बनकर यह सफलता पाई।

सीकर जिले के छोटे से गांव आभावास की अंकिता गोयल ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से साबित कर दिखाया है कि अगर इंसान में कुछ कर गुजरने की चाह हो, तो वह असंभव को भी संभव बना सकता है। अंकिता ने हाल ही में घोषित राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) असिस्टेंट प्रोफेसर (फिजिक्स) परीक्षा के परिणाम में पूरे राजस्थान में 10वीं रैंक हासिल की है। विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए अंकिता ने यह शानदार उपलब्धि हासिल की और अपने गांव की पहली ऐसी बेटी बनीं, जो असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित हुई हैं।
कठिन परिश्रम और परिवार का सहयोग बना सफलता की नींव
अंकिता ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार और शिक्षकों को दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से वह इस परीक्षा की तैयारी में दिन-रात जुटी थीं। रोजाना 10 से 12 घंटे की पढ़ाई और टाइम टेबल के साथ कठिन परिश्रम ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। अंकिता ने कहा, "मैंने हमेशा कड़ी मेहनत को अपनी सफलता का मूल मंत्र माना। अगर इंसान कुछ ठान ले, तो वह किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकता है।"
उनकी मां विजयलक्ष्मी ने बताया कि अंकिता बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थीं और उनका सपना शिक्षक बनने का था। कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाने का उनका जुनून उनकी लगन को दर्शाता है। अंकिता के पिता विनोद कुमार गोयल का निधन हो चुका है, लेकिन उनकी मां और भाई ने हर कदम पर उनका साथ दिया, जिसके कारण वह इस ऊंचाई तक पहुंच पाईं।
गांव की बेटियों के लिए प्रेरणा
अंकिता ने अपनी सफलता के जरिए गांव की अन्य लड़कियों के लिए एक मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा, "मैं चाहती हूं कि मेरी इस उपलब्धि से गांव की बेटियां प्रेरित हों और पढ़-लिखकर अपने परिवार व गांव का नाम रोशन करें।" अंकिता ने अपनी पढ़ाई के दौरान सामाजिक कार्यक्रमों और रिश्तेदारों के यहां होने वाली शादियों में भी हिस्सा लेना बंद कर दिया था, ताकि वह पूरी तरह अपनी तैयारी पर ध्यान दे सकें।
पहले भी रचा था इतिहास
अंकिता की यह पहली बड़ी उपलब्धि नहीं है। साल 2023 में उन्होंने नेट (NET) परीक्षा में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) क्लियर की और ऑल इंडिया में छठी रैंक हासिल की थी। इसके बाद से ही वह RPSC असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा की तैयारी में जुट गई थीं। उनकी इस मेहनत और लगन ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया।
विधायक ने दी बधाई
अंकिता की इस उपलब्धि पर खण्डेला विधायक सुभाष मील ने भी उन्हें बधाई दी है। उन्होंने अंकिता की मेहनत और लगन की सराहना करते हुए कहा कि वह गांव की बेटियों के लिए एक प्रेरणा हैं।